नई दिल्ली/गाजियाबाद: कुत्ते को एक वफादार जानवर कहा जाता है जो कि अपने मालिक और प्यार-दुलार करने वालों को कभी नहीं भूलता. कुत्तों के प्रति लोगों का खासा लगाव भी देखने को मिलता है. कई बार तो देखा गया है कि लोग कुत्तों को अपने साथ सुलाते और साथ बैठा कर ही खाना खिलाते हैं, लोग पालतू कुत्ते को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. कई लोग तो रक्षाबंधन पर कुत्तों को राखी भी बांधते हैं.
इसी कड़ी में डॉग लवर के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा जल्द शहर में एक सीएनजी श्मशान घाट की शुरुआत की जा रही. श्मशान घाट विशेष तौर पर पालतू कुत्तों के अंतिम संस्कार करने के लिए बनाया जा रहा है.
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहर में कुत्तों का अंतिम संस्कार करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. जरूरत महसूस होने पर कुत्तों का अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान घाट बनाया जा रहा है. जिला प्रशासन के प्रयास से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत निगम को फंड उपलब्ध कराया गया है.
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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज कुमार सिंह के मुताबिक कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए शहर में सीएनजी संचालित श्मशान घाट बनाया जा रहा है. हिंडन के नजदीक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के पास श्मशान घाट बनाया जा रहा है. श्मशान घाट में 50 किलो वजन तक के कुत्तों का अंतिम संस्कार हो सकेगा. श्मशान घाट का निर्माण कार्य कराने के लिए एक कंपनी को वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है. लगभग दो महीने में श्मशान घाट का कार्य पूरा कर लिया. अक्टूबर से श्मशान घाट के संचालित होने की संभावना है.
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डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि कुत्तों के अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को सुरक्षित रखने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी. जो लोग अस्थियों का विसर्जन करना चाहेंगे वह अस्थियों वापस ले जा सकेंगे. अस्थियों रखने के लिए श्मशान घाट में एक रैक बनाई जाएगी. श्मशान घाट की देखरेख के लिए एक समिति भी बनाई जाएगी, जो अंतिम संस्कार के लिए शुल्क निर्धारित करेगी.
पालतू कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा. जबकि आवारा कुत्तों का अंतिम संस्कार पूरी तरह से निःशुल्क होगा. डॉग लवर खुशी मेहरा ने बताया कि परिवार में लंबे समय से कुत्ते पल रहे हैं. घर में पल रहे पालतू कुत्ते को परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं. नगर निगम द्वारा कुत्तों के लिए श्मशान घाट बनाना एक शानदार पहल है इससे हम अपने कुत्तों को अंतिम विदाई दे सकेंगे.