नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना (corona) महामारी ने जहां एक ओर लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया वहीं कोरोना (corona) ने उनके पीछे जिंदा बचे सदस्यों को जीवन भर के दर्द तो दिए. इसके साथ ही मृतकों के आश्रितों को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. ऐसा ही एक परिवार गाजियाबाद (Ghaziabad) के मुरादनगर में रहता है. जहां 1 सप्ताह के अंदर कोरोना की वजह से माता-पिता की मौत हो जाने के कारण अब उनके 3 बच्चे बेसहारा हो गए हैं.
तस्वीर में दिख रहा यह हंसता-खेलता परिवार मुरादनगर की आर्य नगर कॉलोनी में रहने वाले शमशाद और शबनम का है. शमशाद वेल्डिंग का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. परिवार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. मगर कोरोना की दूसरी लहर में पहले 1 मई को शबनम की कोरोना (corona) से मौत हो गई. तो वहीं दूसरी ओर 5 मई को शमशाद ने भी कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी.
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अब उनके पीछे रह गए उनके दो बेटे और एक बेटी सहित तीन बच्चे जोकि अब दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. मृतक दंपत्ति के बड़े बेटे सावेज का कहना है कि 1 सप्ताह के भीतर कोरोना ने उनसे माता-पिता को छीन लिया. उनके पिता ने जो प्लॉट खरीदा था, उस पर भी इलाज के लिए कर्ज ले लिया था और अब लोग अपना रूपया वापस मांग रहे हैं. ऐसे में वह कैसे कर्ज चुकाएंगे और अपने भाई-बहन का ख्याल रखेंगे.
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कर्ज देने वाले लोग कर रहे हैं परेशान
ईटीवी भारत को स्थानीय निवासी राहिल ने बताया कि पड़ोस में किराए के मकान में रहने वाले दंपत्ति शबनम और शमशाद की कोरोना (corona) में सही उपचार ना मिलने और पैसों की कमी के कारण मौत हो गई. ऐसे में अब किराए के मकान में रह कर अपना गुजारा करने वाले इन दंपत्ति पर मकान मालिक का भी कर्जा है. इसीलिए वह शासन प्रशासन से इस बेसहारा (orphaned ) हो चुके परिवार की मदद की गुहार लगाते हैं.
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