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राकेश टिकैत बोले- दिल्ली की कलम कमजोर है, जो किसान के साथ न्याय नहीं करती - ट्वीटर पर राकेश टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर (farmers on ghazipur border) से सभी किसान अपने-अपने गांव को चले गए. किसान नेता राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) भी अपने गांव सिसौली पहुंच गए हैं. घर वापसी के बाद राकेश टिकैत ट्विटर के माध्यम से सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

farmer leader rakesh tikait
किसान नेता राकेश टिकैत
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Published : Dec 16, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 10:04 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों को सरकार से मनवाने के बाद किसान आंदोलन तो भले ही स्थगित हो गया हो, लेकिन राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) की नाराजगी सरकार के खिलाफ अभी भी बनी हुई है, जहां एक ओर किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर (rakesh tikait on ghazipur border) से सरकार के खिलाफ हुंकार भरते थे, तो वहीं दूसरी ओर अब घर वापसी के बाद राकेश टिकैत ट्विटर के माध्यम से सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait on twitter) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा, "किसान का कृषि यंत्र हल भी ठीक है. किसान खेती भी ठीक करता है. उसके द्वारा पैदा की जाने वाली फसल भी अच्छी होती है, लेकिन किसान कर्जदार है. इसका मतलब दिल्ली की कलम कमजोर है, जो किसान के साथ न्याय नहीं करती.

ये भी पढ़ें : राकेश टिकैत का मुरादनगर में जोरदार स्वागत, आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

राकेश टिकैत (rakesh tikait) ने हाल ही में दिए गए बयान में कहा था कि सरकारों की नियत में कमी है. गड़बड़ हमारे खेत में नहीं, हमारे हल में नहीं, गड़बड़ तो दिल्ली की कलम में है. दिल्ली की कलम को ठीक करना होगा. यह किसानों की ट्रेनिंग हुई है. कान खोल कर सुन लो दिल्ली में एक साल की ट्रेनिंग हुई है और आने वाले टाइम में जंग होगी. जंग के लिए तैयार रहो.

ये भी पढ़ें : 13 महीने बाद घर जाएंगे फिर भी 13 घंटे ही घर पर रुकेंगे राकेश टिकैत

टिकैत ने कहा आप मजबूत हैं तो देश बचेगा. लाल किला बचाने के लिए खापों ने अपनी आहुति दी थी. सरकार से हमारा कुनबा जुड़ गया, यह देश के किसानों का भाग्य का फैसला करेगा. आंदोलन में न सोए थे न आज सोएंगे, पूरी रात जागरण रहेगा.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों को सरकार से मनवाने के बाद किसान आंदोलन तो भले ही स्थगित हो गया हो, लेकिन राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) की नाराजगी सरकार के खिलाफ अभी भी बनी हुई है, जहां एक ओर किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर (rakesh tikait on ghazipur border) से सरकार के खिलाफ हुंकार भरते थे, तो वहीं दूसरी ओर अब घर वापसी के बाद राकेश टिकैत ट्विटर के माध्यम से सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait on twitter) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा, "किसान का कृषि यंत्र हल भी ठीक है. किसान खेती भी ठीक करता है. उसके द्वारा पैदा की जाने वाली फसल भी अच्छी होती है, लेकिन किसान कर्जदार है. इसका मतलब दिल्ली की कलम कमजोर है, जो किसान के साथ न्याय नहीं करती.

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राकेश टिकैत (rakesh tikait) ने हाल ही में दिए गए बयान में कहा था कि सरकारों की नियत में कमी है. गड़बड़ हमारे खेत में नहीं, हमारे हल में नहीं, गड़बड़ तो दिल्ली की कलम में है. दिल्ली की कलम को ठीक करना होगा. यह किसानों की ट्रेनिंग हुई है. कान खोल कर सुन लो दिल्ली में एक साल की ट्रेनिंग हुई है और आने वाले टाइम में जंग होगी. जंग के लिए तैयार रहो.

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टिकैत ने कहा आप मजबूत हैं तो देश बचेगा. लाल किला बचाने के लिए खापों ने अपनी आहुति दी थी. सरकार से हमारा कुनबा जुड़ गया, यह देश के किसानों का भाग्य का फैसला करेगा. आंदोलन में न सोए थे न आज सोएंगे, पूरी रात जागरण रहेगा.

Last Updated : Dec 16, 2021, 10:04 PM IST
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