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EXCLUSIVE: किसान हित में BKS आंदोलन के समर्थन में खड़ा होना चाहता है तो स्वागत है: BKU

भारतीय किसान संघ किसानों को उनकी उत्पादन लागत समेत फसल की लाभदायक कीमत देने के लिए दबाव बनाने के लिए 8 सितंबर को देशव्यापी आंदोलन करेगा. साथ ही केंद्र के नए कृषि कानूनों में सुधार का आह्वान भी करेगा. जिसका किसानों का एक वर्ग विरोध कर रहा है.

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भारतीय किसान संघ
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Published : Aug 24, 2021, 1:55 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान संघ द्वारा जारी किए गए बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का क्या कुछ कहना है. इसी को लेकर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान और उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन से खास बातचीत की.

भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने भारतीय किसान संघ के बयान को एक बड़ी चाल बताया है. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जादौन ने कहा कि सरकार किसानों के समस्याओं का समाधान तो निकालना चाहती है लेकिन क्रेडिट अपने संगठन को देना चाह रही है. किसान संघ को किसान आंदोलन के समर्थन में काफी पहले खड़ा हो जाना चाहिए था. भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत करें.

भारतीय किसान संघ

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बता दें कि भारतीय किसान संघ ने बयान जारी करके कहा था कि उनके संगठन द्वारा केंद्र के नए कृषि कानूनों में सुधार का आह्वान किया जाएगा. जादौन ने कहा भारतीय किसान संघ द्वारा जारी किए गए बयान के बाद सिद्ध हो जाता है कि कृषि कानूनों में खामियां हैं.

वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा जिन किसानों की समस्याओं को आंदोलन के माध्यम से पिछले 9 महीने से उठाया जा रहा है. आज उन तमाम समस्याओं को RSS से जुड़े भारतीय किसान संघ ने स्वीकार किया है. भारतीय किसान संघ भी आंदोलन के रास्ते पर चलने की बात कह रहा है. किसान आंदोलन के विरोधियों ने भी किसानों की समस्याओं को स्वीकार किया है. जिससे सिद्ध हो जाता है कि किसान सत्य की लड़ाई लड़ रहा है. यह किसान आंदोलन की एक बहुत बड़ी जीत है.

ये भी पढ़ें: DSGMC अध्यक्ष सिरसा की केंद्र सरकार से मांग: CAA की कटऑफ 2014 से बढ़ाकर 2021 की जाए

किसान नेताओं का कहना है कि किसान हित में अगर भारतीय किसान संघ आंदोलन के समर्थन में खड़ा होना चाहता है तो किसान यूनियन उसका स्वागत करेगी. बता दें कि इससे पहले किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया था. पिछले 9 महीने से भारतीय किसान यूनियन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलनरत है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान संघ द्वारा जारी किए गए बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का क्या कुछ कहना है. इसी को लेकर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान और उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन से खास बातचीत की.

भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने भारतीय किसान संघ के बयान को एक बड़ी चाल बताया है. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जादौन ने कहा कि सरकार किसानों के समस्याओं का समाधान तो निकालना चाहती है लेकिन क्रेडिट अपने संगठन को देना चाह रही है. किसान संघ को किसान आंदोलन के समर्थन में काफी पहले खड़ा हो जाना चाहिए था. भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत करें.

भारतीय किसान संघ

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बता दें कि भारतीय किसान संघ ने बयान जारी करके कहा था कि उनके संगठन द्वारा केंद्र के नए कृषि कानूनों में सुधार का आह्वान किया जाएगा. जादौन ने कहा भारतीय किसान संघ द्वारा जारी किए गए बयान के बाद सिद्ध हो जाता है कि कृषि कानूनों में खामियां हैं.

वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा जिन किसानों की समस्याओं को आंदोलन के माध्यम से पिछले 9 महीने से उठाया जा रहा है. आज उन तमाम समस्याओं को RSS से जुड़े भारतीय किसान संघ ने स्वीकार किया है. भारतीय किसान संघ भी आंदोलन के रास्ते पर चलने की बात कह रहा है. किसान आंदोलन के विरोधियों ने भी किसानों की समस्याओं को स्वीकार किया है. जिससे सिद्ध हो जाता है कि किसान सत्य की लड़ाई लड़ रहा है. यह किसान आंदोलन की एक बहुत बड़ी जीत है.

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किसान नेताओं का कहना है कि किसान हित में अगर भारतीय किसान संघ आंदोलन के समर्थन में खड़ा होना चाहता है तो किसान यूनियन उसका स्वागत करेगी. बता दें कि इससे पहले किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया था. पिछले 9 महीने से भारतीय किसान यूनियन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलनरत है.

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