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ऑक्सीजन की सप्लाई किसान आंदोलन से बाधित होने का बयान राजनैतिक: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा गाजीपुर बॉर्डर पर 28 नवंबर से बैठे किसान कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं. लेकिन किसानों ने हमेशा एंबुलेंस, पुलिस, सेना और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए एक लेन छोड़कर रखी है.

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Published : Apr 22, 2021, 5:21 PM IST

bku official statement on corridor for oxygen supply
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: दिल्ली में किसान आंदोलन के चलते ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के बयान को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पूरी तरह राजनैतिक बताते हुए कहा कि किसानों ने कहीं भी आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने का काम नहीं किया है.

ऑक्सीजन की सप्लाई

"गाजीपुर बॉर्डर पर 28 नवंबर से बैठे किसान कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं. लेकिन किसानों ने हमेशा एंबुलेंस, पुलिस, सेना और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए एक लेन छोड़कर रखी है. 26 जनवरी के बाद दिल्ली पुलिस ने कीलें गाड़कर एंबुलेंस की लेन भी बंद कर दी. इसके बाद हमने आंदोलनकारी किसानों के टैंटों के बीच से भी एंबुलेंस को निकलने का रास्ता दिया. अब कुछ लोग ऑक्सीजन की कमी का ठीकरा किसानों के सिर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं." राकेश टिकैत

ये भी पढ़ें:-हम किसानों से घर जाने के लिए नहीं कहेंगे: राकेश टिकैत

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसानों का आंदोलन केवल कृषि कानूनों के विरोध में है. दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठा किसान आवश्यक सेवाओं में मदद करने की मंशा रखता है. किसान की पृष्ठभूमि समझे बिना सियासी लोग उलूल-जुलूल बयान देने से बाज आएं. किसान से कोई रास्ता पूछ भर ले तो वह घर तक छोड़ने जाता है. किसानों ने जिस दिन गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले था. उसी दिन दिल्ली की ओर से जाने वाले सड़क की एक लेन मंच के बराबर में खाली छोड़ दी थी. ताकि आवश्यक सेवाओं के लिए व्यवधान न पैदा हो. इस लेन से पूरे दो माह तक न केवल एंबुलेंस सीधे दिल्ली की ओर गई है. बल्कि पुलिस और सेना के वाहन भी गए. लेकिन 26 जनवरी के बाद दिल्ली पुलिस ने सड़कों पर कीलें गाढ़कर ऐसी बैरिकेडिंग की जो इस देश ने शायद फिरंगियों के राज में भी न देखी हो.

रास्ता खोलने की कर रहे मांग

राकेश टिकैत ने कहा कि हम लगातार रास्ते खोलने की मांग कर रहे हैं ताकि लोगों को आने जाने में परेशानी न हो. लेकिन दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की ओर से आने वाली सड़क को भी बंद कर दिया. आम जन की सुविधा और असुविधा से भी इस सरकार का कुछ लेना देना नहीं है. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से गाजियाबाद की ओर आने वाली सभी लेन खोल दी हैं. अब लोग आराम से आ रहे हैं. लेकिन सत्तापक्ष के लोग लगातार किसी न किसी बहाने किसानों को बदनाम करने में लगे हैं. असल बात तो यह है कि ऑक्सीजन की भारी कमी है. सरकार इस मुद्दे पर राजनीति न करे. बल्कि ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की व्यवस्था करे.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: दिल्ली में किसान आंदोलन के चलते ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के बयान को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पूरी तरह राजनैतिक बताते हुए कहा कि किसानों ने कहीं भी आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने का काम नहीं किया है.

ऑक्सीजन की सप्लाई

"गाजीपुर बॉर्डर पर 28 नवंबर से बैठे किसान कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं. लेकिन किसानों ने हमेशा एंबुलेंस, पुलिस, सेना और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए एक लेन छोड़कर रखी है. 26 जनवरी के बाद दिल्ली पुलिस ने कीलें गाड़कर एंबुलेंस की लेन भी बंद कर दी. इसके बाद हमने आंदोलनकारी किसानों के टैंटों के बीच से भी एंबुलेंस को निकलने का रास्ता दिया. अब कुछ लोग ऑक्सीजन की कमी का ठीकरा किसानों के सिर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं." राकेश टिकैत

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कृषि कानून के विरोध में आंदोलन

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसानों का आंदोलन केवल कृषि कानूनों के विरोध में है. दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठा किसान आवश्यक सेवाओं में मदद करने की मंशा रखता है. किसान की पृष्ठभूमि समझे बिना सियासी लोग उलूल-जुलूल बयान देने से बाज आएं. किसान से कोई रास्ता पूछ भर ले तो वह घर तक छोड़ने जाता है. किसानों ने जिस दिन गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले था. उसी दिन दिल्ली की ओर से जाने वाले सड़क की एक लेन मंच के बराबर में खाली छोड़ दी थी. ताकि आवश्यक सेवाओं के लिए व्यवधान न पैदा हो. इस लेन से पूरे दो माह तक न केवल एंबुलेंस सीधे दिल्ली की ओर गई है. बल्कि पुलिस और सेना के वाहन भी गए. लेकिन 26 जनवरी के बाद दिल्ली पुलिस ने सड़कों पर कीलें गाढ़कर ऐसी बैरिकेडिंग की जो इस देश ने शायद फिरंगियों के राज में भी न देखी हो.

रास्ता खोलने की कर रहे मांग

राकेश टिकैत ने कहा कि हम लगातार रास्ते खोलने की मांग कर रहे हैं ताकि लोगों को आने जाने में परेशानी न हो. लेकिन दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की ओर से आने वाली सड़क को भी बंद कर दिया. आम जन की सुविधा और असुविधा से भी इस सरकार का कुछ लेना देना नहीं है. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से गाजियाबाद की ओर आने वाली सभी लेन खोल दी हैं. अब लोग आराम से आ रहे हैं. लेकिन सत्तापक्ष के लोग लगातार किसी न किसी बहाने किसानों को बदनाम करने में लगे हैं. असल बात तो यह है कि ऑक्सीजन की भारी कमी है. सरकार इस मुद्दे पर राजनीति न करे. बल्कि ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की व्यवस्था करे.

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