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गाजियाबाद: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा घोटाला! RTI कार्यकर्ता ने खोली पोल

गाजियाबाद जिले के जावली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. आरटीआई की सूचना के मुताबिक गांव के 396 किसान इस योजना से लाभान्वित हुए. जबकि RTI कार्यकर्ता के मुताबिक केवल 8 से 10 लोगों को ही योजना का फायदा मिला. अधिकारियों पर मिलीभगत का भी आरोप लग रहा है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाला
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Published : Jun 6, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 10:56 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के जावली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ मिला है. जबकि जावली गांव के महज 8 से 10 लोगों को ही इस योजना का वास्तविक लाभ मिल रहा है.

RTI कार्यकर्ता और आयोग की रिपोर्ट में फर्क

इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना ने बताया कि उन्होंने 2 महीने पहले सूचना आयोग से जावली गांव में किसानों को मिल रहे किसान सम्मान निधि योजना के तहत जानकारी मांगी थी. सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि सूचना आयोग ने जो सूची उपलब्ध कराई है उसमें केवल 8 से 10 लोग ही ऐसे हैं जो वास्तव में किसान हैं या जावली गांव के रहने वाले हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना


डीएम तक पहुंची मामले की शिकायत

एक्टिविस्ट कसाना ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से की गई है, क्योंकि इतना बड़ा घोटाला अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है. जिनके लिए ये योजना है उन्हें इस योजना का लाभ ही नहीं मिल रहा बल्कि बाहरी लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है जो कि बहुत दुखद है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के जावली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ मिला है. जबकि जावली गांव के महज 8 से 10 लोगों को ही इस योजना का वास्तविक लाभ मिल रहा है.

RTI कार्यकर्ता और आयोग की रिपोर्ट में फर्क

इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना ने बताया कि उन्होंने 2 महीने पहले सूचना आयोग से जावली गांव में किसानों को मिल रहे किसान सम्मान निधि योजना के तहत जानकारी मांगी थी. सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि सूचना आयोग ने जो सूची उपलब्ध कराई है उसमें केवल 8 से 10 लोग ही ऐसे हैं जो वास्तव में किसान हैं या जावली गांव के रहने वाले हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना


डीएम तक पहुंची मामले की शिकायत

एक्टिविस्ट कसाना ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से की गई है, क्योंकि इतना बड़ा घोटाला अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है. जिनके लिए ये योजना है उन्हें इस योजना का लाभ ही नहीं मिल रहा बल्कि बाहरी लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है जो कि बहुत दुखद है.

Intro:गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद के जावली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में एक बड़ा घोटाला निकल कर सामने आया है. आरटीआई से प्राप्त सूचना के अनुसार जावली गांव के 396 कृषकों को इस योजना का लाभ दिया गया है. जबकि जवाली गांव के महज 8 से 10 लोगों को इस योजना का वास्तविक लाभ मिल रहा है.


Body:इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना ने बताया कि उन्होंने 2 महीने पहले सूचना आयोग से जावली गांव में किसानों को मिल रहे किसान सम्मान निधि योजना के तहत जानकारी मांगी थी. सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जावली गांव के 396 कृषकों को इस योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि सूचना आयोग द्वारा जो सूची उपलब्ध कराई गई है उसमें मात्र 8 से 10 व्यक्ति ही ऐसे हैं जो वास्तव में किसान है या जावली गांव के निवासी हैं.


जिलाधिकारी से की गई है पूरे मामले की शिकायत :
आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से की गई है. क्योंकि इतना बड़ा घोटाला अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है. जो इस योजना के पात्र हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा. बल्कि बाहरी व्यक्तियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है जो वास्तव में दुखद है.


Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 10:56 PM IST
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