नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि बिलों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन, राजनीतिक संगठन से जुड़े किसान सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बिल से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा और किसानों का शोषण बढ़ेगा. किसान इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर मोदीनगर तहसील पर धरना कर रहे किसानों से ईटीवी भारत ने बातचीत की.
ईटीवी भारत को भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नेता हरेंद्र नेहरा ने बताया कि यह बिल किसानों के खिलाफ है, क्योंकि ना तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती की है और ना ही कभी मुख्यमंत्री योगी ने खेती की है. इसलिए उनको खेती के बारे में ज्ञान नहीं है कि किसानों की क्या समस्याएं हैं.
'कृषि अध्यादेश से होगा किसानों का शोषण'
हरेंद्र नेहरा का कहना है कि इस अध्यादेश के बाद मंडियां समाप्त हो जाएंगी. देश का पूंजीपति निरंकुश हो जाएगा. किसानों को पूंजीपति लूटने का काम करेंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को नहीं मिल पाएगा. इससे किसानों का शोषण होगा और किसानों पर इसका दुष्परिणाम पडे़गा.
25 सितंबर को होगा बड़ा प्रदर्शन
हरेंद्र नेहरा का कहना है कि वह चाहते हैं कि इस बिल को केंद्र वापस ले. इस बिल के खिलाफ किसान सड़कों पर उतरेगा और उनकी लड़ाई प्रदेश स्तर पर भी जारी रहेगी. 25 सितंबर को बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक संगठन सहारनपुर मंडल और लखनऊ को घेरने का काम करेंगे. इस प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शन की तैयारी की जाएगी.