ETV Bharat / city

Obesity Day: Bariatric सर्जरी से कम हुआ मोटापा, सुनिए वज़न कम करने वालों की कहानी

author img

By

Published : Mar 5, 2022, 9:38 AM IST

Updated : Mar 5, 2022, 2:39 PM IST

चार मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया गया. मोटापा एक गंभीर समस्या है. ज्यादातर चिकित्सक मानते हैं कि लगभग सभी गंभीर बीमारियों के कारणों में से एक मोटापा भी होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मोटापे को 'अत्यधिक चर्बी जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है' के रूप में परिभाषित किया है.

world obesity day
world obesity day

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण श्रमरहित दिनचर्या ने मोटापा बढ़ाने में बड़ा योगदान किया है और अब यह एक बड़ा रूप लेती जा रही है. युवाओं और कम उम्र के लोगों में भी अब मोटापा बहुत सामान्य बात हो गई है. जिस वजह से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसऑर्डर, सोने की समस्या, जोड़ों का दर्द, इनफर्टिलिटी जैसी कई तरह की गंभीर बीमारियां और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

हरियाणा की 42 वर्षी कृष्णा का वजन 122 किलो था और सफल बेरियाट्रिक सर्जरी कराने के बाद अब वह 87 किलो की हो गई हैं. दिल्ली के 29 वर्षीय सिद्धांत का वजन 163 किलो था और उसका भी बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद वजन 136 किलो रह गया. एक साल में उसका वजन 80 किलो तक पहुंचने की उम्मीद है. दिल्ली के ही 41 वर्षीय मनीष अग्रवाल का वजन पहले 121 किलो था और बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद उसका वजन 77 किलो हो गया है.

बेरियाट्रिक सर्जरी से कम हुआ मोटापा

मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में बेरियाट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के निदेशक डॉ. विवेक बिंदल ने बताया मोटापे से पीड़ित लोगों में बेरियाट्रिक सर्जरी (वजन घटाने वाली सर्जरी) में कई तरह की प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं. इस प्रक्रिया में पेट का एक हिस्सा (स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी) निकालकर पेट का आकार कम किया जाता है. इसमें छोटी आंत को पेट के छोटे पाउच को रीरूट किया जाता है. रोबोटिक बेरियाट्रिक सर्जिकल प्रक्रियाएं उन मरीजों पर अपनाई जाती है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अत्यधिक रहता है और जिन्हें मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियां होती हैं. बेरियाट्रिक सर्जरी से डायबिटीज, हाई बीपी और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या दूर की जाती है. सैकड़ों इंसुलिन यूनिट लेने के बावजूद कई सारे मरीजों का ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है, उन्हें कोई दवाई लिए बगैर बैरियाट्रिक सर्जरी कराने से डायबिटीज से उबारा जाता है और उनका ब्लड शुगर नियंत्रित किया जाता है.

डॉ. बिंदल ने बताया वजन कम करने वाले किसी प्रयास का मूल मकसद लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव लाना और शारीरिक श्रम बढ़ाना है. बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार चलना ही अच्छी सेहत और रोगमुक्त रहने का मुख्य तरीका है. सोने की आदत बदलने या गलत समय पर सोने से खानपान भी गलत समय पर होने लगता है जिस कारण हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है. उचित समय पर रोजाना 7-9 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है. मोटापे का इलाज संभव है लेकिन इसके लिए दवाइयां खाने के बजाय अच्छा खानपान का पालन करना बेहतर होता है.

पानीपत की रहने वाली कृष्णा वर्मा बताती हैं कि सर्जरी से पहले उनका वजन तकरीबन 122 किलो था. जिस से चलने फिरने समेत रोजमर्रा के काम करने में काफी परेशानी होती थी. किचन में खड़ी होकर रोटी तक नहीं बना पाती थीं. कृष्णा के मुताबिक सर्जरी के बाद उनका वजन 87 किलो रह गया है. सर्जरी के बाद वह न सिर्फ रोजमर्रा के काम कर पाती हैं बल्कि रूट 2 किलोमीटर की दौड़ भी लगाती हैं.

विश्व में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिससे 80 करोड़ लोग प्रभावित हैं और लाखों लोगों की जान पर इसका खतरा रहता है. दिल की बीमारी, डायबिटीज, कैंसर और अन्य क्रोनिक बीमारियां बढ़ाने में इसका बड़ा योगदान रहता है. हाल के वर्षों में ये बड़ा रूप लेती जा रही है. जिस कारण बीमारियों और मृत्यु के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह जानना है कि मोटापा किसी शारीरिक समस्या से ज्यादा कष्टदायी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण श्रमरहित दिनचर्या ने मोटापा बढ़ाने में बड़ा योगदान किया है और अब यह एक बड़ा रूप लेती जा रही है. युवाओं और कम उम्र के लोगों में भी अब मोटापा बहुत सामान्य बात हो गई है. जिस वजह से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसऑर्डर, सोने की समस्या, जोड़ों का दर्द, इनफर्टिलिटी जैसी कई तरह की गंभीर बीमारियां और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

हरियाणा की 42 वर्षी कृष्णा का वजन 122 किलो था और सफल बेरियाट्रिक सर्जरी कराने के बाद अब वह 87 किलो की हो गई हैं. दिल्ली के 29 वर्षीय सिद्धांत का वजन 163 किलो था और उसका भी बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद वजन 136 किलो रह गया. एक साल में उसका वजन 80 किलो तक पहुंचने की उम्मीद है. दिल्ली के ही 41 वर्षीय मनीष अग्रवाल का वजन पहले 121 किलो था और बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद उसका वजन 77 किलो हो गया है.

बेरियाट्रिक सर्जरी से कम हुआ मोटापा

मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में बेरियाट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के निदेशक डॉ. विवेक बिंदल ने बताया मोटापे से पीड़ित लोगों में बेरियाट्रिक सर्जरी (वजन घटाने वाली सर्जरी) में कई तरह की प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं. इस प्रक्रिया में पेट का एक हिस्सा (स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी) निकालकर पेट का आकार कम किया जाता है. इसमें छोटी आंत को पेट के छोटे पाउच को रीरूट किया जाता है. रोबोटिक बेरियाट्रिक सर्जिकल प्रक्रियाएं उन मरीजों पर अपनाई जाती है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अत्यधिक रहता है और जिन्हें मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियां होती हैं. बेरियाट्रिक सर्जरी से डायबिटीज, हाई बीपी और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या दूर की जाती है. सैकड़ों इंसुलिन यूनिट लेने के बावजूद कई सारे मरीजों का ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है, उन्हें कोई दवाई लिए बगैर बैरियाट्रिक सर्जरी कराने से डायबिटीज से उबारा जाता है और उनका ब्लड शुगर नियंत्रित किया जाता है.

डॉ. बिंदल ने बताया वजन कम करने वाले किसी प्रयास का मूल मकसद लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव लाना और शारीरिक श्रम बढ़ाना है. बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार चलना ही अच्छी सेहत और रोगमुक्त रहने का मुख्य तरीका है. सोने की आदत बदलने या गलत समय पर सोने से खानपान भी गलत समय पर होने लगता है जिस कारण हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है. उचित समय पर रोजाना 7-9 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है. मोटापे का इलाज संभव है लेकिन इसके लिए दवाइयां खाने के बजाय अच्छा खानपान का पालन करना बेहतर होता है.

पानीपत की रहने वाली कृष्णा वर्मा बताती हैं कि सर्जरी से पहले उनका वजन तकरीबन 122 किलो था. जिस से चलने फिरने समेत रोजमर्रा के काम करने में काफी परेशानी होती थी. किचन में खड़ी होकर रोटी तक नहीं बना पाती थीं. कृष्णा के मुताबिक सर्जरी के बाद उनका वजन 87 किलो रह गया है. सर्जरी के बाद वह न सिर्फ रोजमर्रा के काम कर पाती हैं बल्कि रूट 2 किलोमीटर की दौड़ भी लगाती हैं.

विश्व में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिससे 80 करोड़ लोग प्रभावित हैं और लाखों लोगों की जान पर इसका खतरा रहता है. दिल की बीमारी, डायबिटीज, कैंसर और अन्य क्रोनिक बीमारियां बढ़ाने में इसका बड़ा योगदान रहता है. हाल के वर्षों में ये बड़ा रूप लेती जा रही है. जिस कारण बीमारियों और मृत्यु के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह जानना है कि मोटापा किसी शारीरिक समस्या से ज्यादा कष्टदायी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

Last Updated : Mar 5, 2022, 2:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.