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गाजियाबाद: एक पैर गंवाने के बाद भी इंसानियत की मिसाल हैं अनिल कुमार

अनिल कुमार बताते हैं कि पैर चले जाने के बाद भी तीन बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका कहना है कि हर किसी को देश हित में रक्तदान करना चाहिए.

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Published : Jun 14, 2020, 4:34 PM IST

Anil Kumar is an example of humanity even after losing a leg in ghaziabad
Anil Kumar is an example of humanity even after losing a leg in ghaziabad

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के रहने वाले बुजुर्ग अनिल कुमार से मिलने वाला कोई भी व्यक्ति उनके जज्बे को सलाम किए बगैर नहीं रह सकता. रेलवे से रिटायर्ड अनिल कुमार ने कुछ साल पहले हादसे में अपना एक पैर गंवा दिया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आज उनके लिए देश की सेवा मूल कर्तव्य बना हुआ है. उसी का उदाहरण आज उस समय देखने को मिला, जब वो ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान करने पहुंचे. उनका कहना है कि समय-समय पर रक्तदान करते हैं. उन्होंने हालातों का हिम्मत से सामना किया है.

इंसानियत की मिसाल बने अनिल कुमार



'हर किसी को करना चाहिए रक्तदान'

अनिल कुमार बताते हैं कि पैर चले जाने के बाद भी तीन बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका कहना है कि हर किसी को देश हित में रक्तदान करना चाहिए. इंसान का दान किया हुआ थोड़ा सा रक्त किसी दूसरे व्यक्ति की जिंदगी बचा सकता है. इमरजेंसी स्थिति में इंसान ही इंसान के काम आता है और रक्तदान करके इंसानियत का फर्ज निभाते रहना चाहिए.




ब्लड की कमी के चलते रक्तदान शिविर का आयोजन

गाजियाबाद के चीफ मेडिकल ऑफिसर नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया था कि गाजियाबाद के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी देखने को मिल रही है. इसकी वजह यही है कि लॉकडाउन में लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए और रक्तदान नहीं कर पाए. कई महीनों में इस तरह के शिविर नहीं लग पाए जहां रक्तदान हो सके. आज से ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रक्तदान शिविर की शुरुआत दोबारा से हुई है. ज्यादा से ज्यादा लोग अगर रक्तदान करेंगे, तो कोरोना काल जैसे इमरजेंसी हालात में देश कभी भी खून की कमी से नहीं जूझेगा. जाहिर है ऐसे हालात में अनिल कुमार जैसे नागरिकों का योगदान सलाम करने योग्य है.


नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के रहने वाले बुजुर्ग अनिल कुमार से मिलने वाला कोई भी व्यक्ति उनके जज्बे को सलाम किए बगैर नहीं रह सकता. रेलवे से रिटायर्ड अनिल कुमार ने कुछ साल पहले हादसे में अपना एक पैर गंवा दिया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आज उनके लिए देश की सेवा मूल कर्तव्य बना हुआ है. उसी का उदाहरण आज उस समय देखने को मिला, जब वो ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान करने पहुंचे. उनका कहना है कि समय-समय पर रक्तदान करते हैं. उन्होंने हालातों का हिम्मत से सामना किया है.

इंसानियत की मिसाल बने अनिल कुमार



'हर किसी को करना चाहिए रक्तदान'

अनिल कुमार बताते हैं कि पैर चले जाने के बाद भी तीन बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका कहना है कि हर किसी को देश हित में रक्तदान करना चाहिए. इंसान का दान किया हुआ थोड़ा सा रक्त किसी दूसरे व्यक्ति की जिंदगी बचा सकता है. इमरजेंसी स्थिति में इंसान ही इंसान के काम आता है और रक्तदान करके इंसानियत का फर्ज निभाते रहना चाहिए.




ब्लड की कमी के चलते रक्तदान शिविर का आयोजन

गाजियाबाद के चीफ मेडिकल ऑफिसर नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया था कि गाजियाबाद के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी देखने को मिल रही है. इसकी वजह यही है कि लॉकडाउन में लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए और रक्तदान नहीं कर पाए. कई महीनों में इस तरह के शिविर नहीं लग पाए जहां रक्तदान हो सके. आज से ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रक्तदान शिविर की शुरुआत दोबारा से हुई है. ज्यादा से ज्यादा लोग अगर रक्तदान करेंगे, तो कोरोना काल जैसे इमरजेंसी हालात में देश कभी भी खून की कमी से नहीं जूझेगा. जाहिर है ऐसे हालात में अनिल कुमार जैसे नागरिकों का योगदान सलाम करने योग्य है.


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