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गाजियाबाद में सभी तरह के पटाखों पर रहेगी रोक

गाजियाबाद में प्रदूषण के मद्देनजर लोग इस बार दिवाली पर पटाखें नहीं फोड़ पाएंगे. प्रदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखे की अनुमति दी गई है.

Ban on all types of firecrackers in Ghaziabad in view of diwali pollution
गाजियाबाद में सभी तरह के पटाखों पर रहेगी रोक
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Published : Nov 3, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 3:40 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद वासी इस बार दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ सकेंगे. जिला प्रशासन द्वारा गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर रखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. हालांकि पटाखा व्यापारी लगातार प्रशासन पर अनुमति देने का दबाव बना रहे हैं.

सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. अक्टूबर में गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर 200 से अधिक रहा है. बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री के लिए अनुमति नही दी गई है.

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि संबंधित थानों को निर्देशित किया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है और पटाखे बेचता या फोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए. जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा भी लोगों से पटाखे ना जलाने की अपील की गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटाखों को जलाने को लेकर निर्देश जारी किए थे. प्रदेश में सिर्फ हरित यानी ग्रीन पटाखे की अनुमति दी गई थी. राज्य सरकार ने सूबे के 27 शहरों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता का आकलन करने के बाद प्रदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी. इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिन जिलों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता खराब या उच्च श्रेणी के अंतर्गत है. वहां सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.

बीते हफ्तों की अगर बात करें तो गाजियाबाद की हवा में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है. प्रदूषण स्तर में कोई खासा गिरावट नही हुई है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.

अक्टूबर महीने से ही दिल्ली एनसीआर में हवा प्रदूषित होने शुरू हो जाती है. दिवाली के आसपास तो दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 (AQI) तक पहुंच जाता है, जिसके चलते लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर का AQI रेड जोन में है. बात अगर गाजियाबाद की करें तो बीते कई दिनों से यहां प्रदूषण दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक है, जिले के लोनी इलाके का प्रदूषण स्तर 400 का आंकड़ा भी पर कर चुका है.

ये भी पढ़ें: दिवाली से पहले दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर, देश का सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद



भले ही गाज़ियाबाद में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन मंगलवार शाम से ही पटाखे फोड़ने की आवाजें सुनाई दे रही है. ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर जब पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है तो पटाखे फोड़ रहे लोग कहां से पटाखे खरीद कर ला रहे हैं?

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद वासी इस बार दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ सकेंगे. जिला प्रशासन द्वारा गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर रखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. हालांकि पटाखा व्यापारी लगातार प्रशासन पर अनुमति देने का दबाव बना रहे हैं.

सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. अक्टूबर में गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर 200 से अधिक रहा है. बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री के लिए अनुमति नही दी गई है.

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि संबंधित थानों को निर्देशित किया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है और पटाखे बेचता या फोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए. जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा भी लोगों से पटाखे ना जलाने की अपील की गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटाखों को जलाने को लेकर निर्देश जारी किए थे. प्रदेश में सिर्फ हरित यानी ग्रीन पटाखे की अनुमति दी गई थी. राज्य सरकार ने सूबे के 27 शहरों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता का आकलन करने के बाद प्रदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी. इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिन जिलों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता खराब या उच्च श्रेणी के अंतर्गत है. वहां सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.

बीते हफ्तों की अगर बात करें तो गाजियाबाद की हवा में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है. प्रदूषण स्तर में कोई खासा गिरावट नही हुई है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.

अक्टूबर महीने से ही दिल्ली एनसीआर में हवा प्रदूषित होने शुरू हो जाती है. दिवाली के आसपास तो दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 (AQI) तक पहुंच जाता है, जिसके चलते लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर का AQI रेड जोन में है. बात अगर गाजियाबाद की करें तो बीते कई दिनों से यहां प्रदूषण दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक है, जिले के लोनी इलाके का प्रदूषण स्तर 400 का आंकड़ा भी पर कर चुका है.

ये भी पढ़ें: दिवाली से पहले दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर, देश का सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद



भले ही गाज़ियाबाद में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन मंगलवार शाम से ही पटाखे फोड़ने की आवाजें सुनाई दे रही है. ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर जब पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है तो पटाखे फोड़ रहे लोग कहां से पटाखे खरीद कर ला रहे हैं?

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Last Updated : Nov 3, 2021, 3:40 PM IST
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