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आंख के ऑपरेशन के बाद फिर जेल भेजा गया आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा - ghaziabad

खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा की आंखों में कुछ दिक्कत हो गई थी, जिसके बाद उसकी आंखों का इलाज गाजियाबाद के जिला अस्पताल में किया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उसे वापस जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

ऑपरेशन के बाद फिर जेल में टुंडा etv bharat
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Published : Jul 11, 2019, 5:34 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को आंखों के इलाज के बाद फिर से गाजियाबाद की डासना जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. अब्दुल करीम टुंडा कई बड़े आतंकवादी हमलों का दोषी है.

ऑपरेशन के बाद फिर जेल में टुंडा

आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा की आंखों में मोतियाबिंद हो गया था, जिसके बाद गाजियाबाद जिला अस्पताल में उसकी बाईं आंख का ऑपरेशन किया गया.

कौन है आतंकवादी टुंडा?
खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा पिछले कई सालों से गाजियाबाद की डासना जेल में अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है. उस पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप था और एक मामले में उसे सजा भी मुकर्रर हो चुकी है. दिल्ली पुलिस ने कुछ साल पहले उसे नेपाल बॉर्डर से पकड़ा था.

टुंडा को कुछ दिन पहले मोतियाबिंद की शिकायत हुई और उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया. दो दिन पहले उसे गाजियाबाद के सरकारी जिला अस्पताल लाया गया जहां उसका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ.
डॉक्टर्स के मुताबिक उसकी बाई आंख का ऑपरेशन करके उसमें लेंस डाल दिया गया है. अब टुंडा को दिखाई देने लगा है. इसके बाद तुरंत उसे गाजियाबाद की डासना जेल में वापस शिफ्ट कर दिया गया.

ऐसे पड़ा आतंकवादी का नाम टुंडा
बता दें कि अब्दुल करीम टुंडा दशकों पहले से ही आतंक की दुनिया में आ गया था. बताया जाता है कि बम बनाने में टुंडा काफी माहिर था.

उत्तर प्रदेश के पिलखुआ का रहने वाला टुंडा बचपन में एक बार बम बना रहा था इस दौरान वह बम फट गया. जिस वजह से उसका एक हाथ खराब हो गया. इसलिए उसका नाम टुंडा पड़ गया था. आतंक की दुनिया में टुंडा लंबे समय तक सक्रिय था.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जिला अस्पताल की सुरक्षा की सुरंग बनाई गई थी. आतंकवादी टुंडा को अस्पताल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया था. पुलिस के मुताबिक कड़ी सुरक्षा के बीच टुंडा को वापस डासना जेल भेज दिया गया है.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को आंखों के इलाज के बाद फिर से गाजियाबाद की डासना जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. अब्दुल करीम टुंडा कई बड़े आतंकवादी हमलों का दोषी है.

ऑपरेशन के बाद फिर जेल में टुंडा

आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा की आंखों में मोतियाबिंद हो गया था, जिसके बाद गाजियाबाद जिला अस्पताल में उसकी बाईं आंख का ऑपरेशन किया गया.

कौन है आतंकवादी टुंडा?
खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा पिछले कई सालों से गाजियाबाद की डासना जेल में अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है. उस पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप था और एक मामले में उसे सजा भी मुकर्रर हो चुकी है. दिल्ली पुलिस ने कुछ साल पहले उसे नेपाल बॉर्डर से पकड़ा था.

टुंडा को कुछ दिन पहले मोतियाबिंद की शिकायत हुई और उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया. दो दिन पहले उसे गाजियाबाद के सरकारी जिला अस्पताल लाया गया जहां उसका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ.
डॉक्टर्स के मुताबिक उसकी बाई आंख का ऑपरेशन करके उसमें लेंस डाल दिया गया है. अब टुंडा को दिखाई देने लगा है. इसके बाद तुरंत उसे गाजियाबाद की डासना जेल में वापस शिफ्ट कर दिया गया.

ऐसे पड़ा आतंकवादी का नाम टुंडा
बता दें कि अब्दुल करीम टुंडा दशकों पहले से ही आतंक की दुनिया में आ गया था. बताया जाता है कि बम बनाने में टुंडा काफी माहिर था.

उत्तर प्रदेश के पिलखुआ का रहने वाला टुंडा बचपन में एक बार बम बना रहा था इस दौरान वह बम फट गया. जिस वजह से उसका एक हाथ खराब हो गया. इसलिए उसका नाम टुंडा पड़ गया था. आतंक की दुनिया में टुंडा लंबे समय तक सक्रिय था.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जिला अस्पताल की सुरक्षा की सुरंग बनाई गई थी. आतंकवादी टुंडा को अस्पताल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया था. पुलिस के मुताबिक कड़ी सुरक्षा के बीच टुंडा को वापस डासना जेल भेज दिया गया है.

Intro:गाज़ियाबाद। खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा अंधा हो गया था लेकिन गाजियाबाद जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन करके उसकी बाईं आंख को ठीक कर दिया है आंख में लेंस डाल दिया गया है कड़ी सुरक्षा के बीच जिला अस्पताल से आतंकी टुंडा को गाजियाबाद की जिला डासना जेल में शिफ्ट कर दिया गया


Body:आपको बता दें कि खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा पिछले कई सालों से गाजियाबाद की डासना जेल में अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है उस पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप था और एक मामले में उसे सजा भी मुकर्रर हो चुकी है दिल्ली पुलिस ने कुछ साल पहले उसे नेपाल बॉर्डर से पकड़ा था टुंडा को कुछ दिन पहले मोतियाबिंद की शिकायत हुई और उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया 2 दिन पहले उसे गाजियाबाद के सरकारी जिला अस्पताल लाया गया जहां पर उसका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ डॉक्टर्स के मुताबिक उसकी बाई आंख का ऑपरेशन करके उसमें लेंस डाल दिया गया है अब टुंडा को दिखाई देने लगा है इसके बाद तुरंत उसे गाजियाबाद की डासना जेल में वापस शिफ्ट कर दिया गया

बाइट रविन्द्र सिंह सी एम एस जिला अस्पताल गाज़ियाबाद

जिला अस्पताल की सुरक्षा की सुरंग बनाई गई थी आतंकवादी टुंडा को अस्पताल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया था पुलिस के मुताबिक कड़ी सुरक्षा के बीच से वापस डासना जेल भेज दिया गया है

बाइट श्लोक कुमार एस पी


Conclusion:आपको यह बता दें कि अब्दुल करीम टुंडा दशकों पहले से ही आतंक की दुनिया में आ गया था। बताया जाता है कि बम बनाने में टुंडा काफी माहिर था। उत्तर प्रदेश के पिलखुआ का रहने टुंडा बचपन में ही बम बना रहा था। और वह बम फट गया था। जिस वजह से उसका एक हाथ खराब हो गया था। इसलिए उसका नाम टुंडा पड़ गया था। आतंक की दुनिया में टुंडा लंबे समय तक सक्रिय रहा था।
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