नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर के सिकरी खुर्द गांव में लगभग 600 बीघा सरकारी जमीन का पता चला है. वास्तव में यह जमीन शत्रु संपत्ति है. हैरान करने वाली बात यह है कि इस जमीन की जानकारी सरकार तक को नहीं है.
प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक यह जमीन राज्य सरकार को स्थानांतरित नहीं हुई थी.
जानें पूरा मामला
साल 2017 में मेरठ के एक स्थानीय निवासी ने जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से शिकायत की थी कि मोदीनगर के सिकरी खुर्द गांव में लगभग 600 बीघा शत्रु संपत्ति है. जिस पर लोगों ने कब्जा जमा रखा है.
जांच के दौरान पता चला कि इस जमीन का मालिक वर्तमान में पाकिस्तान का निवासी है. तत्कालीन तहसीलदारों की लापरवाही के कारण जमीन का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पाया.
जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि मामला सामने आने के बाद एसडीएम के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया गया था. जिसने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी किया है कि तहसीलदार और तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उक्त जमीन अभी तक सरकार को स्थानांतरित नहीं हो पाई है.
जमीन की कीमत एक हजार करोड़
पिछले साल जब इस मामले की जांच की गई तो तहसीलदार ने उक्त जमीन का रिकॉर्ड दर्ज किया जबकि नियमानुसार 40 साल से पुरानी जमीन का रिकॉर्ड तहसीलदार अपने स्तर पर नहीं कर सकता. इस पूरे प्रकरण में तहसीलदार की भूमिका की जांच के लिए भी सरकार को पत्र लिखा गया है.
बता दें कि वर्तमान में जमीन की कीमत डीएम सर्किल रेट के हिसाब से लगभग 1000 करोड़ रुपये है. वर्तमान में इस जमीन पर लोगों का अवैध कब्जा है.