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गिराए जा रहे अर्थला के किनारे बने मकान, 50 परिवारों को प्रशासन ने दी नई छत

बता दें कि शनिवार को नगर निगम और प्रशासन की टीम अर्थला झील के किनारे बने मकानों को खाली कराने पहुंची और हाथों-हाथ करीब 50 परिवारों को विजय नगर में बने मकान के कागज भी सौंपे.

50 परिवारों को प्रशासन ने दी नए मकान
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Published : Sep 7, 2019, 9:07 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अर्थला झील के किनारे बने अवैध निर्माणों को एनजीटी के आदेश पर तोड़ा जा रहा है, लेकिन मकान मालिकों के लिए राहत की बात ये है कि अब प्रशासन उन्हें डूडा आवासीय योजना के तहत मकान देने की तैयारी में है.

50 परिवारों को प्रशासन ने दी नई छत

बता दें कि शनिवार को नगर निगम और प्रशासन की टीम अर्थला झील के किनारे बने मकानों को खाली कराने पहुंची और हाथों-हाथ करीब 50 परिवारों को विजय नगर क्षेत्र में बने डूडा आवास योजना के अंतर्गत मकान के कागज भी सौंप दिए. हालांकि जीवन भर की कमाई से बनाए मकान को छोड़ने का दुख लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था. लेकिन राहत इस बात की थी कि उन्हें बेघर नहीं होना पड़ेगा.

जमीन को खाली कराया जा रहा है
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर अर्थला झील की जमीन को खाली कराया जा रहा है. ऐसे में किसी परिवार को परेशानियों का सामना ना करना पड़े इसके लिए सभी परिवारों की सूची बनाई जा रही है. उन्हें डूडा की विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान दिए गए हैं.

गौरतलब है कि एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अर्थला झील की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित साढ़े पांच सौ मकानों को तोड़ने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रशासन और नगर निगम की टीम की ओर से लगातार मकानों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन कई बार लोगों के भारी विरोध के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकना भी पड़ा.

अब प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए यहां के निवासियों को डूडा के विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान देने का फैसला किया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अर्थला झील के किनारे बने अवैध निर्माणों को एनजीटी के आदेश पर तोड़ा जा रहा है, लेकिन मकान मालिकों के लिए राहत की बात ये है कि अब प्रशासन उन्हें डूडा आवासीय योजना के तहत मकान देने की तैयारी में है.

50 परिवारों को प्रशासन ने दी नई छत

बता दें कि शनिवार को नगर निगम और प्रशासन की टीम अर्थला झील के किनारे बने मकानों को खाली कराने पहुंची और हाथों-हाथ करीब 50 परिवारों को विजय नगर क्षेत्र में बने डूडा आवास योजना के अंतर्गत मकान के कागज भी सौंप दिए. हालांकि जीवन भर की कमाई से बनाए मकान को छोड़ने का दुख लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था. लेकिन राहत इस बात की थी कि उन्हें बेघर नहीं होना पड़ेगा.

जमीन को खाली कराया जा रहा है
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर अर्थला झील की जमीन को खाली कराया जा रहा है. ऐसे में किसी परिवार को परेशानियों का सामना ना करना पड़े इसके लिए सभी परिवारों की सूची बनाई जा रही है. उन्हें डूडा की विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान दिए गए हैं.

गौरतलब है कि एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अर्थला झील की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित साढ़े पांच सौ मकानों को तोड़ने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रशासन और नगर निगम की टीम की ओर से लगातार मकानों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन कई बार लोगों के भारी विरोध के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकना भी पड़ा.

अब प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए यहां के निवासियों को डूडा के विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान देने का फैसला किया है.

Intro:गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद के अर्थला झील के किनारे बने अवैध निर्माणों को एनजीटी के आदेश पर तोड़ा जा रहा है. लेकिन मकान मालिकों के लिए राहत की बात यह है कि अब प्रशासन उन्हें डूडा आवासीय योजना के तहत मकान दे रहा है.




Body:आपको बता दें कि आज शनिवार को नगर निगम और प्रशासन की टीम अर्थला झील के किनारे बने मकानों को खाली कराने पहुंची और हाथों-हाथ करीब 50 परिवारों को विजय नगर क्षेत्र में बने डूडा आवास योजना के अंतर्गत मकान के कागज सौंपे. हालांकि जीवन भर की कमाई से बनाए मकान को छोड़ने का दुख लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था. लेकिन उन्हें राहत इस बात की थी कि उन्हें बेघर नहीं होना पड़ेगा. इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर अर्थला झील की जमीन को खाली कराया जा रहा है. ऐसे में किसी परिवार को परेशानियों का सामना ना करना पड़े इसके लिए सभी परिवारों की सूची बनाई जा रही है. उन्हें बहुत जल्द डूडा के विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान दिए जाएंगे.Conclusion:गौरतलब है कि एनजीटी में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अर्थला झील की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित साढ़े 5 सौ मकानों को तोड़ने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रशासन और नगर निगम की टीम द्वारा लगातार मकानों को तोड़ा जा रहा है.लेकिन कई बार लोगों के भारी विरोध के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकना भी पड़ा.अब प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए यहां के निवासियों को डूडा के विभिन्न आवासीय योजनाओं में मकान देने का निर्णय किया है.
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