नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में कोरोना से ज़्यादा डेंगू कहर बरपा रहा है. हर दिन भारी संख्या में ज़िले में डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को गाज़ियाबाद में डेंगू के 28 नए मामले सामने आए हैं. जिसमे 14 बच्चे भी शामिल हैं. अक्टूबर महीने गाज़ियाबाद में डेंगू के कुल 521 मामले सामने आ चुके हैं.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज सामने आए डेंगू के 28 मरीजों में से 18 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर के गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी मुताबिक जिले में 102 डेंगू के मरीज़ अस्पतालों में भर्ती हैं. जिसमे से 54 सरकारी और 48 निजी अस्पतालों में भर्ती हैं.
डेंगू के प्रकार-
टाइप-1
सामान्य डेंगू: इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में मरीज ठीक हो जाता है.
टाइप-2
डेंगू हैमेरेजिक फीवर: इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्सों में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3
डेंगू शॉक सिंड्रोम: इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है. डेंगू के लक्षणतेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना.
वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.
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ऐसे करें डेंगू से बचाव
*घर व आसपास पानी को जमा न होने दें.
*कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें.
*एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें.
*एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें.
*घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें.
*छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें.
*पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें.
*शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें.
*बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं.
*संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
खानपान का रखें ध्यान
*बुखार में आहार का ध्यान रखें.
*हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें.
*तरल चीजें खूब पिएं.
*पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें.
*बासा और तैलीय खाना न खाएं.