नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहने वाले डेढ़ सौ परिवार सड़क पर आ गए हैं. क्योंकि उनके आशियानों को ध्वस्त कर दिया गया है. नगर निगम का कहना है कि ये मकान अवैध रूप से ग्रीन बेल्ट एरिया में बना दिए गए थे, जबकि पीड़ित परिवारों का कहना है कि यहां मकानों को बनाने के लिए बकायदा लोन भी मिला था और लोगों ने इसी विश्वास के साथ मकान खरीदे थे.
20 सालों से रह रहे थे
फिलहाल, ध्वस्तीकरण के बावजूद ये परिवार यहां से नहीं जा रहे हैं और यहीं डेरा जमाए बैठे हैं. क्योंकि इनके रहने के लिए अब कोई जगह नहीं है. कई परिवारों की महिलाओं की हालत भी बिगड़ गई है. उनका कहना है कि करीब 20 साल से यहां पर रह रहे थे.
मामले में राजनीति शुरू
इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी है. बसपा से गाजियाबाद शहर के पूर्व विधायक सुरेश बंसल इन परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे. उन्होंने मामले में जांच की मांग की है. उनका ये भी कहना है कि लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जानी चाहिए.
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बाकी मकानों पर भी लटक रही तलवार
फिलहाल लोगों को यह डर सता रहा है कि अभी बचे हुए अन्य मकान भी जल्द नगर निगम ध्वस्त कर देगा. हालांकि, सवाल ये उठ रहा है कि जब इन मकानों को बनाया जा रहा था, तब सरकारी महकमे कहां थे? लोगों का यहां तक आरोप है कि उन्हें लीगल रास्ता अपनाने तक का भी वक्त नहीं दिया गया और अचानक से मकानों का ध्वस्तिकरण शुरू कर दिया गया.