ETV Bharat / city

नूंह: ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीतलहर का कहर जारी, तापमान में गिरावट - DELHI NCR WEATHER UPDATE

डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी जैसी बीमारियां भी बढ़ रही हैं.

weather update nuh temperature reaches at 13 degree
लावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी
author img

By

Published : Dec 19, 2019, 7:06 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 3:18 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: नूंह जिले में पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है. तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है. तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है. बच्चों, बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है. गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है. बाजारों में रौनक गायब है. लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है.

लावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी


सेहत का रखें ख्याल
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी जैसी बीमारियां भी बढ़ रही हैं. ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहिए.

लापरवाही न बरतें
डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है. सर्दी के साथ-साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है. ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं.

शीतलहर का सितम
अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला, कुफरी जैसे स्थानों पर देखने को मिलती है, लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है. शहरों, गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है. लोगों के झुंड जगह-जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. खास बात ये है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है, जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है. पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: नूंह जिले में पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है. तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है. तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है. बच्चों, बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है. गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है. बाजारों में रौनक गायब है. लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है.

लावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी


सेहत का रखें ख्याल
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी जैसी बीमारियां भी बढ़ रही हैं. ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहिए.

लापरवाही न बरतें
डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है. सर्दी के साथ-साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है. ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं.

शीतलहर का सितम
अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला, कुफरी जैसे स्थानों पर देखने को मिलती है, लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है. शहरों, गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है. लोगों के झुंड जगह-जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. खास बात ये है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है, जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है. पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Last Updated : Dec 19, 2019, 3:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.