नई दिल्ली/फरीदाबाद: यूपी में फायरिंग कर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे अब भी फरार है. बताया जा रहा है कि पुलिस से छुपते हुए विकास दुबे फरीदाबाद आया था. विकास दुबे को लेकर ईटीवी भारत की पड़ताल जारी है. ओयो होटल के बाद ईटीवी भारत उस घर में पहुंचा, जहां विकास दुबे अपने साथियों के साथ होटल शिफ्ट होने से पहले रुका था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ओयो होटल में शिफ्ट होने से पहले गैगस्टर विकास दुबे न्यू इंदिरा कॉलोनी के मकान नंबर 38 में दो से तीन दिन रुका था. इसी मकान से पुलिस ने मकान मालिक श्रवण को गिरफ्तार किया है, जो कि आरोपी अंकुर का पिता है. ये वही अंकुर है जिसकी आईडी पर ओयो रूम बुक किया गया था.
ये वही मकान है जिसमें विकास दुबे के रिश्तेदार रहते हैं. अगर परिवार में बात करें तो अंकुर और उसके मां-बाप के अलावा उसकी बहन और उसकी पत्नी भी इसी मकान में रहते हैं. अभी भी मकान के अंदर महिलाएं मौजूद हैं, लेकिन पुलिस की पहरेदारी के बीच किसी को भी ना बाहर आने दिया जा रहा है और ना ही बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने दिया जा रहा है.
विकास दुबे का अबतक कोई अता पता नहीं है, लेकिन पुलिस ने फरीदाबाद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम श्रवण, अंकुर और प्रशांत हैं. इसके अलावा होटल का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. जिसमें एक शख्स नीली शर्ट पहने नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि नीली शर्ट में दिख रहा शख्स विकास दुबे ही है. माना जा रहा है कि विकास दुबे गुरुग्राम की ओर फरार हुआ है.
विकास दुबे ने की 8 पुलिसकर्मियों की हत्या
गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी. जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया. उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी. जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया