नई दिल्ली/फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को बदल दिया और PLPA यानी पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधयेक-2019 को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद विधानसभा ने पास कर दिया. अब इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है.
कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे. जिससे गुस्साए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने कहा है कि वह अरावली को बचाने के लिए लंबे समय से लड रहे हैं. इसलिए इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करेंगे.
'खट्टर सरकार ने किया गलत काम'
उन्होंने कहा कि इस सरकार को एक बाबा और भूमाफियाओं ने मिलकर खरीद लिया है. दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लगभग एक करोड़ लोगों का कवच कही जाने वाली अरावली को बिल्डरों माफियाओं के हांथों बेंचकर खट्टर सरकार ने बहुत ही गलत काम किया है.
'अरावली दुनिया की सबसे पुरानी रेंज'
पाराशर ने हरियाणा सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अरावली की पहाड़ियां दुनिया की सबसे पुरानी रेंज है. विधेयक में संशोधन के बाद ईको सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. एनसीआर में पहले से ही अधिक प्रदूषण है और अब अरावली में निर्माण होने से हालात और बिगड़ेंगे.
'बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे'
इस बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे और आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए तो था कि फॉरेस्ट एरिया बढ़़ाती, लेकिन वह बिल्डरों के हाथों में खेलते हुए इसे और कम करने पर तूली है.