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प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले नूंह ने अच्छे-अच्छों को पछाड़ा, स्वच्छता में टॉप 5 में बनाई जगह - नूंह न्यूज

कभी प्रदेश में सबसे पिछड़ा जिला माने जाने वाले नूंह जिले से अच्छी खबर है. जिला स्वच्छता के मामले में 22वें से 5वें स्थान पर पहुंच गया है.

nuh district secured 5th position in swachhta abhiyan
प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले नूंह ने अच्चे-अच्छों को पछाड़ा
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Published : Dec 24, 2019, 2:58 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अनपढ़ता-अज्ञानता के कारण सूबे में स्वच्छता के मामले में सबसे फिसड्डी जिले नूंह ने साल के जाते-जाते बड़ी कामयाबी हासिल की है. लोगों की सोच और सहयोग की बदौलत नूंह जिला 22वें पायदान से छलांग मारकर 5वें स्थान पर पहुंच गया है. जिला अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने पत्रकार वार्ता कर इसकी जानकारी दी.

सबसे पिछड़े जिले नूंह ने अच्चे-अच्छों को पछाड़ा

पत्रकारों से बातचीत के दौरान एडीसी ने कहा कि नूंह जिला सूबे में 22वें स्थान पर सबसे नीचे था. जिला प्रशासन ने कोशिश की और लोगों ने इसका सहयोग किया तो असंभव दिखाई देने वाला काम संभव हो गया. अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि नव वर्ष 2020 में उम्मीद है कि नूंह जिला स्वच्छता के मामले में सूबे के तीन अव्वल जिलों की सूची में शामिल होगा.

पॉलीथिन मुक्त गांव की गलियां, स्कूल-चौपाल और सार्वजनिक स्थानों से गंदगी को खत्म करने में अहम योगदान रहा. पढ़े-लिखे बहुल जिलों से अधिक यहां के लोगों ने स्वच्छता के प्रति बेहतर काम किया. पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो साफ-सफाई को सब अच्छे ढ़ंग से जानते हैं.

'लोगों का प्रदर्शन भी काबिले तारीफ था'
डीसी ने कहा कि लोगों के सहयोग की वजह से ही जिला प्रशासन इतनी लंबी छलांग लगा पाया. एनआरसी-सीएए के विरोध में जो प्रदर्शन नूंह-घासेड़ा गांव तक हुआ. उसमें 40-50 हजार लोग शामिल हुए. एडीसी बोले कि न तो उन्हें इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद थी और प्रदर्शन भी शांतिपूर्वक ढंग से हुआ. वास्तव में लोगों का संयम से प्रदर्शन काबिले तारीफ है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अनपढ़ता-अज्ञानता के कारण सूबे में स्वच्छता के मामले में सबसे फिसड्डी जिले नूंह ने साल के जाते-जाते बड़ी कामयाबी हासिल की है. लोगों की सोच और सहयोग की बदौलत नूंह जिला 22वें पायदान से छलांग मारकर 5वें स्थान पर पहुंच गया है. जिला अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने पत्रकार वार्ता कर इसकी जानकारी दी.

सबसे पिछड़े जिले नूंह ने अच्चे-अच्छों को पछाड़ा

पत्रकारों से बातचीत के दौरान एडीसी ने कहा कि नूंह जिला सूबे में 22वें स्थान पर सबसे नीचे था. जिला प्रशासन ने कोशिश की और लोगों ने इसका सहयोग किया तो असंभव दिखाई देने वाला काम संभव हो गया. अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि नव वर्ष 2020 में उम्मीद है कि नूंह जिला स्वच्छता के मामले में सूबे के तीन अव्वल जिलों की सूची में शामिल होगा.

पॉलीथिन मुक्त गांव की गलियां, स्कूल-चौपाल और सार्वजनिक स्थानों से गंदगी को खत्म करने में अहम योगदान रहा. पढ़े-लिखे बहुल जिलों से अधिक यहां के लोगों ने स्वच्छता के प्रति बेहतर काम किया. पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो साफ-सफाई को सब अच्छे ढ़ंग से जानते हैं.

'लोगों का प्रदर्शन भी काबिले तारीफ था'
डीसी ने कहा कि लोगों के सहयोग की वजह से ही जिला प्रशासन इतनी लंबी छलांग लगा पाया. एनआरसी-सीएए के विरोध में जो प्रदर्शन नूंह-घासेड़ा गांव तक हुआ. उसमें 40-50 हजार लोग शामिल हुए. एडीसी बोले कि न तो उन्हें इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद थी और प्रदर्शन भी शांतिपूर्वक ढंग से हुआ. वास्तव में लोगों का संयम से प्रदर्शन काबिले तारीफ है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- स्वच्छ भारत अभियान के 22 वें से 5 वें स्थान पर पहुंचा नूह
अनपढ़ता - अज्ञानता के कारण सूबे में स्वच्छता के मामले में सबसे फिसड्डी जिला नूह ने साल के जाते - जाते बड़ी कामयाबी हांसिल की है। लोगों की सोच और सहयोग की बदौलत नूह जिला 22 वें पायदान से छलांग मारकर 5 वे स्थान पर पहुंच गया है। जिला अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने पत्रकारवार्ता कर इसकी जानकारी दी।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान एडीसी ने कहा कि नूह जिला सूबे में 22 स्थान पर सबसे नीचे था। जिला प्रशासन ने कोशिश की और लोगों ने इसका सहयोग किया तो असंभव दिखाई देने वाला काम संभव हो गया। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि नववर्ष 2020 में उम्मीद है कि नूह जिला स्वच्छता के मामले में सूबे के तीन अव्वल जिलों की सूचि में शामिल होगा। पॉलीथिन विहीन , गांव की गलियों में , स्कूल चौपाल इत्यादि सार्वजनिक स्थानों को गंदगी को खत्म करने में अहम योगदान रहा। पढ़े लिखे जिलों से अधिक यहां के लोगों ने स्वच्छता के प्रति बेहतर काम किया। पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो साफ - सफाई में सब अच्छे ढंग से जानते हैं। लोगों के सहयोग की वजह से ही जिला प्रशासन इतनी लम्बी छलांग लगाने रहा। एडीसी ने कहा कि एनआरसी - सीएए के विरोध में जो प्रदर्शन नूह - घासेड़ा गांव तक हुआ , उसमें 40 - 50 हजार लोग शामिल हुए। एडीसी बोले कि न तो उन्हें इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद थी और इतना शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन होगा। वास्तव में लोगों का प्रदर्शन काबिले तारीफ है।
बाइट;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- स्वच्छ भारत अभियान के 22 वें से 5 वें स्थान पर पहुंचा नूह
अनपढ़ता - अज्ञानता के कारण सूबे में स्वच्छता के मामले में सबसे फिसड्डी जिला नूह ने साल के जाते - जाते बड़ी कामयाबी हांसिल की है। लोगों की सोच और सहयोग की बदौलत नूह जिला 22 वें पायदान से छलांग मारकर 5 वे स्थान पर पहुंच गया है। जिला अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने पत्रकारवार्ता कर इसकी जानकारी दी।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान एडीसी ने कहा कि नूह जिला सूबे में 22 स्थान पर सबसे नीचे था। जिला प्रशासन ने कोशिश की और लोगों ने इसका सहयोग किया तो असंभव दिखाई देने वाला काम संभव हो गया। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि नववर्ष 2020 में उम्मीद है कि नूह जिला स्वच्छता के मामले में सूबे के तीन अव्वल जिलों की सूचि में शामिल होगा। पॉलीथिन विहीन , गांव की गलियों में , स्कूल चौपाल इत्यादि सार्वजनिक स्थानों को गंदगी को खत्म करने में अहम योगदान रहा। पढ़े लिखे जिलों से अधिक यहां के लोगों ने स्वच्छता के प्रति बेहतर काम किया। पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो साफ - सफाई में सब अच्छे ढंग से जानते हैं। लोगों के सहयोग की वजह से ही जिला प्रशासन इतनी लम्बी छलांग लगाने रहा। एडीसी ने कहा कि एनआरसी - सीएए के विरोध में जो प्रदर्शन नूह - घासेड़ा गांव तक हुआ , उसमें 40 - 50 हजार लोग शामिल हुए। एडीसी बोले कि न तो उन्हें इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद थी और इतना शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन होगा। वास्तव में लोगों का प्रदर्शन काबिले तारीफ है।
बाइट;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- स्वच्छ भारत अभियान के 22 वें से 5 वें स्थान पर पहुंचा नूह
अनपढ़ता - अज्ञानता के कारण सूबे में स्वच्छता के मामले में सबसे फिसड्डी जिला नूह ने साल के जाते - जाते बड़ी कामयाबी हांसिल की है। लोगों की सोच और सहयोग की बदौलत नूह जिला 22 वें पायदान से छलांग मारकर 5 वे स्थान पर पहुंच गया है। जिला अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने पत्रकारवार्ता कर इसकी जानकारी दी।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान एडीसी ने कहा कि नूह जिला सूबे में 22 स्थान पर सबसे नीचे था। जिला प्रशासन ने कोशिश की और लोगों ने इसका सहयोग किया तो असंभव दिखाई देने वाला काम संभव हो गया। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि नववर्ष 2020 में उम्मीद है कि नूह जिला स्वच्छता के मामले में सूबे के तीन अव्वल जिलों की सूचि में शामिल होगा। पॉलीथिन विहीन , गांव की गलियों में , स्कूल चौपाल इत्यादि सार्वजनिक स्थानों को गंदगी को खत्म करने में अहम योगदान रहा। पढ़े लिखे जिलों से अधिक यहां के लोगों ने स्वच्छता के प्रति बेहतर काम किया। पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो साफ - सफाई में सब अच्छे ढंग से जानते हैं। लोगों के सहयोग की वजह से ही जिला प्रशासन इतनी लम्बी छलांग लगाने रहा। एडीसी ने कहा कि एनआरसी - सीएए के विरोध में जो प्रदर्शन नूह - घासेड़ा गांव तक हुआ , उसमें 40 - 50 हजार लोग शामिल हुए। एडीसी बोले कि न तो उन्हें इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद थी और इतना शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन होगा। वास्तव में लोगों का प्रदर्शन काबिले तारीफ है।
बाइट;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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