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बदरपुर टोल प्लाजा ने एनएचएआई को नहीं किया पांच महीने से भुगतान

बदरपुर टोल प्लाजा पर लोगों से टोल वसूल रही निजी कंपनी के द्वारा पिछले 5 महीने से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है. जनता के टैक्स का पैसा निजी कंपनियां जमकर लूट रही हैं.

NHAI did not receive any payment from badarpur toll collection company
एनएचएआई को नहीं किया पांच महीने से भुगतान
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Published : Sep 3, 2020, 4:58 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: विभागों की बड़ी लापरवाही का बड़ा फायदा निजी टोल कलेक्शन कंपनी उठा रही हैं. जी हां, दिल्ली बदरपुर बॉर्डर पर वाहन चालकों से टोल के रूप में वसूली जाने वाली राशि पिछले 5 महीने से एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को नहीं मिली है जबकि टोल पर लगातार कलेक्शन की जा रही है.

एनएचएआई को नहीं किया पांच महीने से भुगतान

एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच हुआ था करार

एनएचएआई और एसडीएमसी (साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी) के बीच हुए करार के मुताबिक 9 लाख 20 हजार रुपये रोजाना एनएचएआई को इस टोल से देना होता है, लेकिन पिछले 5 महीने से एनएचएआई को कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है. बावजूद इसके कि निजी कंपनी द्वारा लगातार टोल कलेक्ट किया जा रहा है.

एनएचएआई को रोजाना मिलने थे 9 लाख 20 हजार रुपये

बता दें कि, जुलाई 2019 में बदरपुर टोल प्लाजा को लेकर एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन किया गया था. जिसमें एसडीएमसी को 9 लाख 20 हजार रु रोजाना के हिसाब से एनएचएआई को देने थे. इस बीच एसडीएमसी ने निजी कंपनी एमईपी को यहां टोल कलेक्शन के लिए नियुक्त किया. उसके बाद इस साल अप्रैल से अब तक कोई भी पैसा एनएचएआई के खाते में जमा नहीं कराया गया है.

एनएचएआई के डीजीएम सचिन कुमार की मानें तो एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन हुआ था. इस टोल प्लाजा पर एसडीएमसी की तरफ से ही निजी कंपनी को लगाया गया है. एनएचएआई का लेनदेन एसडीएमसी से है ना कि निजी एजेंसी से, लेकिन अभी तक उन्हें पैसा नहीं मिला है.

एसडीएमसी ने एनएचएआई को अपनी एजेंसी नियुक्त करने का कहा

सबसे खास बात इसमें ये है कि लगातार एनएचएआई की तरफ से पैसों की डिमांड की गई, लेकिन एसडीएमसी की तरफ से ना तो पैसे जमा कराए गए बल्कि पिछले महीने ही एनएचआई को पत्र लिखकर खुद एनएचएआई से ही अपनी एजेंसी नियुक्त करने के लिए कहा गया, लेकिन अब तक एनएचएआई की तरफ से किसी एजेंसी को टोल कलेक्शन के लिए नहीं लगाया है.

अब सवाल इस बात को लेकर खड़े हो रहे हैं कि जब एनएचएआई को पिछले कई महीनों से पैसा नहीं दिया गया तो आखिर निजी एजेंसी एमईपी लोगों से जो टोल के रूप में कलेक्शन कर रही है वह किस खाते में जा रहा है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: विभागों की बड़ी लापरवाही का बड़ा फायदा निजी टोल कलेक्शन कंपनी उठा रही हैं. जी हां, दिल्ली बदरपुर बॉर्डर पर वाहन चालकों से टोल के रूप में वसूली जाने वाली राशि पिछले 5 महीने से एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को नहीं मिली है जबकि टोल पर लगातार कलेक्शन की जा रही है.

एनएचएआई को नहीं किया पांच महीने से भुगतान

एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच हुआ था करार

एनएचएआई और एसडीएमसी (साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी) के बीच हुए करार के मुताबिक 9 लाख 20 हजार रुपये रोजाना एनएचएआई को इस टोल से देना होता है, लेकिन पिछले 5 महीने से एनएचएआई को कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है. बावजूद इसके कि निजी कंपनी द्वारा लगातार टोल कलेक्ट किया जा रहा है.

एनएचएआई को रोजाना मिलने थे 9 लाख 20 हजार रुपये

बता दें कि, जुलाई 2019 में बदरपुर टोल प्लाजा को लेकर एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन किया गया था. जिसमें एसडीएमसी को 9 लाख 20 हजार रु रोजाना के हिसाब से एनएचएआई को देने थे. इस बीच एसडीएमसी ने निजी कंपनी एमईपी को यहां टोल कलेक्शन के लिए नियुक्त किया. उसके बाद इस साल अप्रैल से अब तक कोई भी पैसा एनएचएआई के खाते में जमा नहीं कराया गया है.

एनएचएआई के डीजीएम सचिन कुमार की मानें तो एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन हुआ था. इस टोल प्लाजा पर एसडीएमसी की तरफ से ही निजी कंपनी को लगाया गया है. एनएचएआई का लेनदेन एसडीएमसी से है ना कि निजी एजेंसी से, लेकिन अभी तक उन्हें पैसा नहीं मिला है.

एसडीएमसी ने एनएचएआई को अपनी एजेंसी नियुक्त करने का कहा

सबसे खास बात इसमें ये है कि लगातार एनएचएआई की तरफ से पैसों की डिमांड की गई, लेकिन एसडीएमसी की तरफ से ना तो पैसे जमा कराए गए बल्कि पिछले महीने ही एनएचआई को पत्र लिखकर खुद एनएचएआई से ही अपनी एजेंसी नियुक्त करने के लिए कहा गया, लेकिन अब तक एनएचएआई की तरफ से किसी एजेंसी को टोल कलेक्शन के लिए नहीं लगाया है.

अब सवाल इस बात को लेकर खड़े हो रहे हैं कि जब एनएचएआई को पिछले कई महीनों से पैसा नहीं दिया गया तो आखिर निजी एजेंसी एमईपी लोगों से जो टोल के रूप में कलेक्शन कर रही है वह किस खाते में जा रहा है.

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