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विधायक बलराज कुंडू ने किया पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा, किसानों से चर्चा

बलराज कुंडू ने कहा सरकारी रेट में बिकने वाला परमल धान की कोई सरकारी खरीद नहीं हो रही. जिसे प्राइवेट एजेंसी मनमर्जी रेटों में खरीद रही है. निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून तीन काले कानून किसानों पर थोप दिए है.

Independent MLA Balraj Kundu visited Palwal grain market and said farmers are being looted in the state
पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा
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Published : Oct 2, 2020, 10:42 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने आज पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा किया और मंडी बाजरा, धान और कपास की फसल खरीद के बारे में किसानों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडियों में खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिसके चलते किसान फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हैं, जबकि प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने का ढिंढोरा पीट रही है. इतना ही नहीं बलराज कुंडु ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के नेताओं को अपने गांवों में मत घुसने दो.

पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा

'तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून हैं'

पलवल की अनाज मंडी में पहुंचे महम के विधायक बलराज कुंडु ने किसानों से फसलों के रेटों के बारे में जायजा लिया तो किसानों ने बताया कि सरकार कपास का रेट 5,700 बताती है, लेकिन यहां तो 3800 से 5000 रुपये में प्राइवेट एजेंसी फसल खरीद रही है और बासमती 1509 किस्म का धान जो पिछले वर्ष 2850 रुपये बिका था. वो अब 1500 से 1900 रुपये में बिक रहा है. सरकारी रेट में बिकने वाला परमल धान की कोई सरकारी खरीद नहीं हो रही. जिसे प्राइवेट एजेंसी मनमर्जी रेटों में खरीद रही है. निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून तीन काले कानून किसानों पर थोप दिए है.

प्रदेश की गठबंधन सरकार कृषि अध्यादेशों को लेकर प्रचार कर रही है कि किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी. लेकिन प्रदेश की मंडियों में किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. पलवल की मंडियों में खरीफ की फसलों की खरीद नहीं हो रही है. किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों पर बेचनी पड़ रही है. भाजपा के राज में प्रदेश का किसान दुखी और परेशान है.

'प्रदेश में किसानों को लूटा जा रहा है'

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य 1,888 रुपये प्रति क्वंटल है,जबकि पलवल की अनाज मंडी में किसान धान की फसल को गयारह सौ रुपये से पंद्रह सौ रुपये में बेचने को मजबूर है. नरमा कपास का भाव 5,725 रुपये के करीब है उसकों किसान 48 सौ रुपये प्रति क्वंटल बेचने पर मबजूर है. सरकार ने फसलों में नमी के नाम पर पांच-पांच भाव निर्धारित किए है और प्रदेश के किसानों को लूटने का कार्य किया जा रहा है.

'सरकार मंडियों को खत्म करना चाहती है'

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं. धरातल पर सरकार के सभी वायदे फेल है. कृषि अध्यादेशों में एमएसपी को कोई जिक्र नहीं है. सरकार कृषि अध्यादेशों के माध्यम से मंडियों को खत्म करना चहाती है. उन्होंने कहा कि सरकार तीनों अध्यादेशों में बदलाव करें ताकि किसानों को फसलों का व्यवस्थित रूप से भाव मिल सके. एमएसपी से नीचे फसल खरीदने को अपराध की श्रेणी में लाया जाए. ताकि किसानों की फसल को कोई लूट ना सके. इसके लिए वो कल महम चौबीसी के चबूतरे पर भूख हड़ताल भी करेंगे.

नई दिल्ली/पलवल: निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने आज पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा किया और मंडी बाजरा, धान और कपास की फसल खरीद के बारे में किसानों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडियों में खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिसके चलते किसान फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हैं, जबकि प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने का ढिंढोरा पीट रही है. इतना ही नहीं बलराज कुंडु ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के नेताओं को अपने गांवों में मत घुसने दो.

पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा

'तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून हैं'

पलवल की अनाज मंडी में पहुंचे महम के विधायक बलराज कुंडु ने किसानों से फसलों के रेटों के बारे में जायजा लिया तो किसानों ने बताया कि सरकार कपास का रेट 5,700 बताती है, लेकिन यहां तो 3800 से 5000 रुपये में प्राइवेट एजेंसी फसल खरीद रही है और बासमती 1509 किस्म का धान जो पिछले वर्ष 2850 रुपये बिका था. वो अब 1500 से 1900 रुपये में बिक रहा है. सरकारी रेट में बिकने वाला परमल धान की कोई सरकारी खरीद नहीं हो रही. जिसे प्राइवेट एजेंसी मनमर्जी रेटों में खरीद रही है. निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून तीन काले कानून किसानों पर थोप दिए है.

प्रदेश की गठबंधन सरकार कृषि अध्यादेशों को लेकर प्रचार कर रही है कि किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी. लेकिन प्रदेश की मंडियों में किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. पलवल की मंडियों में खरीफ की फसलों की खरीद नहीं हो रही है. किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों पर बेचनी पड़ रही है. भाजपा के राज में प्रदेश का किसान दुखी और परेशान है.

'प्रदेश में किसानों को लूटा जा रहा है'

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य 1,888 रुपये प्रति क्वंटल है,जबकि पलवल की अनाज मंडी में किसान धान की फसल को गयारह सौ रुपये से पंद्रह सौ रुपये में बेचने को मजबूर है. नरमा कपास का भाव 5,725 रुपये के करीब है उसकों किसान 48 सौ रुपये प्रति क्वंटल बेचने पर मबजूर है. सरकार ने फसलों में नमी के नाम पर पांच-पांच भाव निर्धारित किए है और प्रदेश के किसानों को लूटने का कार्य किया जा रहा है.

'सरकार मंडियों को खत्म करना चाहती है'

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं. धरातल पर सरकार के सभी वायदे फेल है. कृषि अध्यादेशों में एमएसपी को कोई जिक्र नहीं है. सरकार कृषि अध्यादेशों के माध्यम से मंडियों को खत्म करना चहाती है. उन्होंने कहा कि सरकार तीनों अध्यादेशों में बदलाव करें ताकि किसानों को फसलों का व्यवस्थित रूप से भाव मिल सके. एमएसपी से नीचे फसल खरीदने को अपराध की श्रेणी में लाया जाए. ताकि किसानों की फसल को कोई लूट ना सके. इसके लिए वो कल महम चौबीसी के चबूतरे पर भूख हड़ताल भी करेंगे.

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