नई दिल्ली/फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 31 हजार उद्योग इकाई हैं, जो जिला उद्योग केंद्र में रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इसके बड़ी संख्या में अवैध उद्योग भी फरीदाबाद में हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड उद्योग विभाग के पास नहीं है. जैसे ही लॉकडाउन खत्म हुआ और उद्योग शुरू हुए हैं. वैसे ही ये अवैध उद्योग भी शुरू हो गए हैं.
शहर के अलग-अलग हिस्सों में बसे ये अवैध उद्योग शहर की सुंदरता को तो खराब कर ही रहे हैं. साथ ही इनसे निकलने वाला काला धुआं भी फरीदाबाद की आबोहवा को दूषित कर रहा है. इतना ही नहीं कई सारे अवैध उद्योग रिहायशी इलाकों में चल रहे हैं. जिनमें अगर कोई हादसा हो जाता है तो कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है. ये उद्योग इस तरह के इलाकों में चल रहे हैं, जहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का पहुंचना भी मुश्किल है.
हादसों को दावत देते ये उद्योग
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग राज्यों में कई इस तरह के हादसे हुए हैं. जिनमें उन उद्योगों में लगी आग और गैस रिसाव के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है लेकिन फरीदाबाद में ये अवैध उद्योग बिना किसी रोक-टोक के आसानी से चल रहे हैं. इन अवैध उद्योगों से प्रशासन को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही इन उद्योगों से निकलने वाला वेस्टेज इलाकों में गंदगी फैला रहा है.
फरीदाबाद में अवैध उद्योग
ये उद्योग नगर निगम फरीदाबाद और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की जमीन पर लगे हुए हैं, लेकिन जब भी दबाव आता है तो प्रशासन कुछ अवैध उद्योगों को बंद करा देता है, जिसके कुछ समय बाद ही ये उद्योग फिर से शुरू हो जाते हैं. इन उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए जाते हैं. फरीदाबाद में इस समय 1500 के लगभग ऐसे अवैध उद्योग हैं जो रिहायशी और गैर उद्योग क्षेत्र में चल रहे हैं, लेकिन जिला उद्योग केंद्र इन सब को अब वैध बताने में लगा हुआ है. फरीदाबाद में ज्यादातर अवैध उद्योग नवलु कॉलोनी, आदर्श नगर, मलेरणा रोड, साहूपूरा सुनपेड़ मार्ग, चंदावली सागरपुर से मलेरणा मार्ग सोना रेलवे पुल के पास दर्जनों अवैध उद्योग लगे हुए हैं.
जब इस बारे में ईटीवी भारत में जिला उद्योग केंद्र के ज्वाइंट डायरेक्टर ईश्वर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि ये उद्योग सालों पुराने हैं, जिनको रेगुलर कर दिया गया है और पूरे सिस्टम के साथ इनमें काम किया जा रहा है. जिला उद्योग केंद्र इन पर नजर भी रखे हुए हैं. वहीं नए उद्योग लगने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नगर निगम फरीदाबाद ये तय करती है कि किस जमीन पर उद्योग लग सकता है या नहीं और अगर कोई बिना परमिशन के उद्योग लगाता है तो उनकी इंफोर्समेंट टीम उसको जाकर गिरा देती है.
साथ ही उन्होंने कहा कि मूल रूप से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट और नगर निगम फरीदाबाद के पास इन अवैध उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है. क्योंकि बिना नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की परमिशन के कोई भी उद्योग नहीं लगा सकता. उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर इस तरह के उद्योगों को नोटिस भी भेजता रहा है और अब किसी भी नए अवैध उद्योग लगने से पहले ही ध्वस्त कर दिया जाता है.