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किसान के खाते से 20 दिन में ऐसे उड़ाए थे 1.37 करोड़, 2 साल बाद गिरफ्तार हुआ 5 लाख का इनामी - गुरुग्राम क्राइम न्यूज

गुरुग्राम पुलिस (gurugram police) ने करीब दो साल बाद एक इनामी जालसाज को गिरफ्तार (gurugram fraud arrest) किया है. जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था.

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इनामी जालसाज गिरफ्तार
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Published : Aug 20, 2021, 10:42 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्रामः 2019 में एक किसान के खाते से 1 करोड़ 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी (Gurugram Fraud) हुई थी. झाड़सा के गांव मोहम्मदपुर के रहने वाले किसान लीलाराम (farmer leelaram) को 1 करोड़ 65 लाख रुपये जमीन का मुआवजा मिला था. जो उसके खाते में था और इस आरोपी ने किसान के खाते से थोड़े-थोड़े करके 1 करोड़ 37 लाख रुपये साफ कर दिये थे. जिसके बाद से पुलिस इसे तलाश कर रही थी. आरोपी की पहचान प्रवीण के रूप में हुई है जिस पर हरियाणा (crime haryana) के अलावा उत्तर प्रदेश (crime up) और राजस्थान (rajasthan crime) में भी कई मामले दर्ज हैं.

इस पूरे मामले सबसे चौंकाने वाला वो तरीका है जिस तरीके से प्रवीण ने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. दरअसल लीलाराम को मुआवजे के पैसे मिले थे जो सारे उसके अकाउंट में ही थे तो प्रवीण ने सबसे पहले लीलाराम के खाते की सारी जानकारी जुटाई, उसके बाद वो गुरुग्राम सेक्टर-10 की एसबीआई ब्रांच में लीलाराम बनकर पहुंच गया. यहां सबसे पहले उसने खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदलवाया और उसमें अपना नंबर डलवा दिया. इसके बाद उसने नया डेबिट कार्ड बैंक से बनवाया. अब ये डेबिट कार्ड लेने के लिए प्रवीण ने एक नकली आधार कार्ड बनवाया और इससे पहले कि डेबिट कार्ड लीलाराम के घर पहुंचता प्रवीण ने पोस्ट ऑफिस जाकर नकली आधार कार्ड के जरिए डेबिट कार्ड हासिल कर लिया.

अब प्रवीण के पास लीलाराम के खाते का डेबिट कार्ड भी था और उससे नंबर भी प्रवीण का ही लिंक था. अब डेबिट कार्ड से प्रवीण कितना भी पैसा निकाल सकता था और लीलाराम को पता भी नहीं चलता क्योंकि प्रवीण ने खाते से अपना नंबर लिंक करवा दिया था.

ये भी पढ़ेंः पुनर्जन्म के बाद घर पहुंचा बेटा, 'मौत' का कारण बताया तो छलके मां-बाप के आंसू

इसका फायदा उठाकर प्रवीण ने पहले डेबिट कार्ड का नया पिन जनरेट किया और फिर अप्रैल 2019 में 20 दिन के अंदर अलग-अलग एटीएम से जाकर उसने कैश निकाला. ऑनलाइन ज्वैलरी खरीदी और बाकी ऑनलाइन भी जमकर खरीदारी की. मतलब लीलाराम के पैसों पर प्रवीण ऐश कर रहा था, उसके खाते से रोजाना लाखों रुपये उड़ाये जा रहे थे और किसान लीलाराम को पता तक नहीं था. इस तरीके से प्रवीण ने 20 दिन में 1 करोड़ 37 लाख रुपये लीलाराम के खाते से गायब कर दिये. और जब लीलाराम को इसकी जानकारी हुई तो खुद अंडरग्राउंड हो गया. तब से लेकर अब तक पुलिस इसकी तलाश कर रही थी. और 5 लाख रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया था.

ये भी पढ़ेंः भोजपुरी एक्ट्रेस प्रियंका पंडित का प्राइवेट वीडियो लीक, सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल

गुरुग्राम पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि प्रवीण शातिर अपराधी है, उस पर उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी कई केस दर्ज हैं. और वो वहां भी वांछित है. प्रवीण पर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर आधा दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें से 2 गुरुग्राम के हैं. अब पुलिस गहनता से तफ्तीश कर रही है और जानकारी जुटा रही है कि इसने और किसे-किसे अपना शिकार बनाया है.

नई दिल्ली/गुरुग्रामः 2019 में एक किसान के खाते से 1 करोड़ 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी (Gurugram Fraud) हुई थी. झाड़सा के गांव मोहम्मदपुर के रहने वाले किसान लीलाराम (farmer leelaram) को 1 करोड़ 65 लाख रुपये जमीन का मुआवजा मिला था. जो उसके खाते में था और इस आरोपी ने किसान के खाते से थोड़े-थोड़े करके 1 करोड़ 37 लाख रुपये साफ कर दिये थे. जिसके बाद से पुलिस इसे तलाश कर रही थी. आरोपी की पहचान प्रवीण के रूप में हुई है जिस पर हरियाणा (crime haryana) के अलावा उत्तर प्रदेश (crime up) और राजस्थान (rajasthan crime) में भी कई मामले दर्ज हैं.

इस पूरे मामले सबसे चौंकाने वाला वो तरीका है जिस तरीके से प्रवीण ने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. दरअसल लीलाराम को मुआवजे के पैसे मिले थे जो सारे उसके अकाउंट में ही थे तो प्रवीण ने सबसे पहले लीलाराम के खाते की सारी जानकारी जुटाई, उसके बाद वो गुरुग्राम सेक्टर-10 की एसबीआई ब्रांच में लीलाराम बनकर पहुंच गया. यहां सबसे पहले उसने खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदलवाया और उसमें अपना नंबर डलवा दिया. इसके बाद उसने नया डेबिट कार्ड बैंक से बनवाया. अब ये डेबिट कार्ड लेने के लिए प्रवीण ने एक नकली आधार कार्ड बनवाया और इससे पहले कि डेबिट कार्ड लीलाराम के घर पहुंचता प्रवीण ने पोस्ट ऑफिस जाकर नकली आधार कार्ड के जरिए डेबिट कार्ड हासिल कर लिया.

अब प्रवीण के पास लीलाराम के खाते का डेबिट कार्ड भी था और उससे नंबर भी प्रवीण का ही लिंक था. अब डेबिट कार्ड से प्रवीण कितना भी पैसा निकाल सकता था और लीलाराम को पता भी नहीं चलता क्योंकि प्रवीण ने खाते से अपना नंबर लिंक करवा दिया था.

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इसका फायदा उठाकर प्रवीण ने पहले डेबिट कार्ड का नया पिन जनरेट किया और फिर अप्रैल 2019 में 20 दिन के अंदर अलग-अलग एटीएम से जाकर उसने कैश निकाला. ऑनलाइन ज्वैलरी खरीदी और बाकी ऑनलाइन भी जमकर खरीदारी की. मतलब लीलाराम के पैसों पर प्रवीण ऐश कर रहा था, उसके खाते से रोजाना लाखों रुपये उड़ाये जा रहे थे और किसान लीलाराम को पता तक नहीं था. इस तरीके से प्रवीण ने 20 दिन में 1 करोड़ 37 लाख रुपये लीलाराम के खाते से गायब कर दिये. और जब लीलाराम को इसकी जानकारी हुई तो खुद अंडरग्राउंड हो गया. तब से लेकर अब तक पुलिस इसकी तलाश कर रही थी. और 5 लाख रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया था.

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गुरुग्राम पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि प्रवीण शातिर अपराधी है, उस पर उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी कई केस दर्ज हैं. और वो वहां भी वांछित है. प्रवीण पर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर आधा दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें से 2 गुरुग्राम के हैं. अब पुलिस गहनता से तफ्तीश कर रही है और जानकारी जुटा रही है कि इसने और किसे-किसे अपना शिकार बनाया है.

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