नई दिल्ली/पलवल: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 19 दिनों से जारी है. किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाकर बैठे हुए हैं और लगातार सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच पलवल के उपमंडल होडल में चौबीसी पाल, चौहान पाल के किसानों की बैठक हुई और ये बैठक किसान आंदोलन को लेकर की गई.
किसानों की होगी महापंचायत
इस बैठक की अध्यक्षता 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जैलदार के नेतृत्व में की गई. इस बैठक में कल यानी 15 दिसंबर को पलवल के गांव मित्रोल के पास जिले की सभी पालों की महापंचायत करने का निर्णय लिया गया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की बात को नहीं माना तो अब पलवल जिले के किसान नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक को जाम करेंगे और ये दिखा देंगे कि पलवल के किसान भी इस आंदोलन में पीछे नहीं है.
आंदोलन पर हो सकता है बड़ा फैसला
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों की लगातार मौत हो रही है. लेकिन उसके बाद भी सरकार किसानों की बात को नहीं मान रही है और अब कल इस महापंचायत में सरकार के खिलाफ एक बड़ा निर्णय लिया जाएगा जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.
मोदी सरकार पर लगाए मनमानी के आरोप
52 पालों के अध्यक्ष अरुण जैलदार ने कहा कि किसान लगातार धरने पर बैठे हुए हैं और किसान भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं लेकिन सरकार किसानों की बातों को नहीं मान रही है. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने चुना है लेकिन इस धरती पुत्र की बातों को सरकार अभी तक नहीं मान रही है और इस आंदोलन में किसानों की लगातार मौत हो रही है. उसके बाद भी सरकार आंखें मूंद कर देख रही है.
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रेलवे ट्रैक और हाईवे करेंगे जाम!
उन्होंने कहा कि सरकार ये नहीं समझे कि पलवल जिले के किसान इस आंदोलन में पीछे हैं. अब पलवल जिले के किसान भी जाग उठे और कल यानी 15 दिसंबर को मित्रोल गांव में इस आंदोलन को लेकर सभी पालों की एक महापंचायत की जाएगी. इस पंचायत में निर्णय लिया जाएगा कि किस तरह से दिल्ली को घेरा जा सके. उन्होंने कहा कि दिल्ली आगरा नेशनल हाईवे को जाम किया जाएगा और रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा और सरकार को ये दिखा दिया जाएगा कि पलवल के किसान आंदोलन में कूद पड़े.