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लॉकडाउन: फरीदाबाद में किसानों की केसर की फसल खेत में बर्बाद

लॉकडाउन के चलते जिले के कामरा गांव के किसान रामधन को केसर की खेती मुसीबत का सौदा बनी हुई है. केसर उगाने के बाद भी किसान को अपनी फसल मजबूरी में घर में रखनी पड़ रही है.

farmer of kamra villege faridabad upset due to no sale of saffron
किसानों की केसर की फसल खेत में बर्बाद
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Published : May 18, 2020, 9:02 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की मार सभी लोगों पर पड़ रही है. चाहे व्यापारी हो या किसान, सभी लोग लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं.

केसर नहीं बिकने से परेशान किसान

लॉकडाउन के चलते जिले के कामरा गांव के किसान रामधन को केसर की खेती मुसीबत का सौदा बनी हुई है. केसर उगाने के बाद भी किसान को अपनी फसल मजबूरी में घर में रखनी पड़ रही है. जिसके चलते उनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है.

इस बारे में रामधन ने बताया कि उन्होंने 20 हजार रुपये में 200 ग्राम केसर खरीदा था. जिसके बाद उन्होंने पट्टे पर जमीन लेकर करीब एक बीघा जमीन में केसर उगाई. उन्होंने बताया कि केसर की खेती में अबतक 60 हजार रुपये की लागत आ चुकी है और जब फसल पक के तैयार हुई तो लॉकडाउन लग गया. जिसकी वजह से उनकी फसल बिक नहीं रही है.

केसर नहीं बिकने से परेशान किसान

किसान रामधन ने बताया कि केसर मार्केट दिल्ली में लगती है. जब फसल पक के तैयार हो गई. तो लॉकडाउन की वजह से दिल्ली बॉर्डर को सील कर दिया गया. जिसकी वजह से वो केसर को नहीं बेच पा रहे हैं.

किसान रामधन ने बताया कि केसर की खेती ठंडे प्रदेश विशेष रुप से कश्मीर में की जाती है. लेकिन फरीदाबाद जैसी गर्म जगह पर कड़ी मेहनत से केसर का उत्पादन करने के बावजूद केसर नहीं बिकने से वो परेशान हैं. उन्होंने बताया कि कई लाख रुपये की केसर को घर में रखे रहने से उनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है.

मुनाफे के लिए की गई केसर की खेती फरीदाबाद के किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. कई लाख रुपए की केसर घर में पड़ी हुई है. जिसके चलते किसान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. किसान ने सरकार से अपील की है कि सरकार उसकी मदद करे.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की मार सभी लोगों पर पड़ रही है. चाहे व्यापारी हो या किसान, सभी लोग लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं.

केसर नहीं बिकने से परेशान किसान

लॉकडाउन के चलते जिले के कामरा गांव के किसान रामधन को केसर की खेती मुसीबत का सौदा बनी हुई है. केसर उगाने के बाद भी किसान को अपनी फसल मजबूरी में घर में रखनी पड़ रही है. जिसके चलते उनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है.

इस बारे में रामधन ने बताया कि उन्होंने 20 हजार रुपये में 200 ग्राम केसर खरीदा था. जिसके बाद उन्होंने पट्टे पर जमीन लेकर करीब एक बीघा जमीन में केसर उगाई. उन्होंने बताया कि केसर की खेती में अबतक 60 हजार रुपये की लागत आ चुकी है और जब फसल पक के तैयार हुई तो लॉकडाउन लग गया. जिसकी वजह से उनकी फसल बिक नहीं रही है.

केसर नहीं बिकने से परेशान किसान

किसान रामधन ने बताया कि केसर मार्केट दिल्ली में लगती है. जब फसल पक के तैयार हो गई. तो लॉकडाउन की वजह से दिल्ली बॉर्डर को सील कर दिया गया. जिसकी वजह से वो केसर को नहीं बेच पा रहे हैं.

किसान रामधन ने बताया कि केसर की खेती ठंडे प्रदेश विशेष रुप से कश्मीर में की जाती है. लेकिन फरीदाबाद जैसी गर्म जगह पर कड़ी मेहनत से केसर का उत्पादन करने के बावजूद केसर नहीं बिकने से वो परेशान हैं. उन्होंने बताया कि कई लाख रुपये की केसर को घर में रखे रहने से उनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है.

मुनाफे के लिए की गई केसर की खेती फरीदाबाद के किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. कई लाख रुपए की केसर घर में पड़ी हुई है. जिसके चलते किसान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. किसान ने सरकार से अपील की है कि सरकार उसकी मदद करे.

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