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फरीदाबाद: 20 करोड़ खर्च कर बनाए गए 10 स्मार्ट टॉयलेट साबित हो रहे हैं 'सफेद हाथी'

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और ये टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं.

faridabad smart e toilets in very bad condition
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Published : Oct 30, 2019, 11:30 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर 10 स्मार्ट टॉयलेट खोले गए हैं. इन स्मार्ट टॉयलेट की कीमत 20 करोड़ है. इन स्मार्ट टॉयलेट में से चार टॉयलेट पूरी तरह से बंद पड़े हैं. बाकी छह की हालत काफी खराब है. अब सवाल ये है कि जब इन टॉयलेट्स की हालत ऐसी ही होनी थी तो इनको क्यों बनाया गया. शहर में अलग-अलग स्थानों पर जैसे बड़कल और फरीदाबाद के दूसरे हिस्सों में 10 स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए हैं.

20 करोड़ खर्च कर बनाए गए 10 स्मार्ट टॉयलेट साबित हो रहे हैं 'सफेद हाथी'

टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और ये टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं. फरवरी 2018 में खुद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने शहर के इन 10 टॉयलेट का उद्घाटन किया था. एक टॉयलेट की कीमत करीब 2 करोड़ बताई जा रही है.

हाईटेक टॉयलेट

अगर बात करें इस टॉयलेट में मिलने वाली सुविधाओं की तो ये टॉयलेट बेहद हाई टेक्नोलॉजी के साथ बनाए गए हैं. इन टॉयलेट में ऑटोमेटिक सिस्टम है. पांच रुपये का सिक्का डालने पर ये टॉयलेट ऑटोमेटिक खुल जाता है और बाथरूम के अंदर टीवी से लेकर अन्य सुविधाएं भी यहां पर रखी गई हैं.

हाईटेक टॉयलेट, लेकिन बदहाल

महिलाओं के लिए बाथरूम के अंदर ही सेनेटरी पैड की व्यवस्था की गई, लेकिन बनने के बाद कंपनी का तो भुगतान हो गया. लेकिन ये टॉयलेट आज तक भी चालू नहीं हुए. रखरखाव की कमी के चलते मेंटेनेंस ना होने के चलते ये बदहाल अवस्था में पड़े हुए हैं. साफ-सफाई का बुरा हाल हो चुका है. लोग किसी भी तरीके से इन टॉयलेट को यूज नहीं कर पा रहे हैं.

इन टॉयलेट में सुविधा की बात करें तो टॉयलेट को मोबाइल ऐप से भी जोड़ा गया है जिससे लोग मोबाइल पर इनकी लोकेशन देख सकते हैं.

शौच मुक्त सर्टिफिकेट हुआ कैंसिल

शहर को खुले में शौच मुक्त करने का पिछले साल नवंबर में सर्टिफिकेट फरीदाबाद को मिला था लेकिन जब 6 महीने बाद केंद्र की टीम ने शहर का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां तो अब भी लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इसके बाद सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया.

अब नगर निगम फिर से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रहा है अगले महीने केंद्र की टीम निरीक्षण के लिए शहर में आएगी. इसे लेकर निगम तैयारी कर रहा है. लेकिन जिस तरह से स्मार्ट टॉयलेट बंद पड़े हुए हैं इसका असर ओडीएफ पर जरूर पड़ेगा.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर 10 स्मार्ट टॉयलेट खोले गए हैं. इन स्मार्ट टॉयलेट की कीमत 20 करोड़ है. इन स्मार्ट टॉयलेट में से चार टॉयलेट पूरी तरह से बंद पड़े हैं. बाकी छह की हालत काफी खराब है. अब सवाल ये है कि जब इन टॉयलेट्स की हालत ऐसी ही होनी थी तो इनको क्यों बनाया गया. शहर में अलग-अलग स्थानों पर जैसे बड़कल और फरीदाबाद के दूसरे हिस्सों में 10 स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए हैं.

20 करोड़ खर्च कर बनाए गए 10 स्मार्ट टॉयलेट साबित हो रहे हैं 'सफेद हाथी'

टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और ये टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं. फरवरी 2018 में खुद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने शहर के इन 10 टॉयलेट का उद्घाटन किया था. एक टॉयलेट की कीमत करीब 2 करोड़ बताई जा रही है.

हाईटेक टॉयलेट

अगर बात करें इस टॉयलेट में मिलने वाली सुविधाओं की तो ये टॉयलेट बेहद हाई टेक्नोलॉजी के साथ बनाए गए हैं. इन टॉयलेट में ऑटोमेटिक सिस्टम है. पांच रुपये का सिक्का डालने पर ये टॉयलेट ऑटोमेटिक खुल जाता है और बाथरूम के अंदर टीवी से लेकर अन्य सुविधाएं भी यहां पर रखी गई हैं.

हाईटेक टॉयलेट, लेकिन बदहाल

महिलाओं के लिए बाथरूम के अंदर ही सेनेटरी पैड की व्यवस्था की गई, लेकिन बनने के बाद कंपनी का तो भुगतान हो गया. लेकिन ये टॉयलेट आज तक भी चालू नहीं हुए. रखरखाव की कमी के चलते मेंटेनेंस ना होने के चलते ये बदहाल अवस्था में पड़े हुए हैं. साफ-सफाई का बुरा हाल हो चुका है. लोग किसी भी तरीके से इन टॉयलेट को यूज नहीं कर पा रहे हैं.

इन टॉयलेट में सुविधा की बात करें तो टॉयलेट को मोबाइल ऐप से भी जोड़ा गया है जिससे लोग मोबाइल पर इनकी लोकेशन देख सकते हैं.

शौच मुक्त सर्टिफिकेट हुआ कैंसिल

शहर को खुले में शौच मुक्त करने का पिछले साल नवंबर में सर्टिफिकेट फरीदाबाद को मिला था लेकिन जब 6 महीने बाद केंद्र की टीम ने शहर का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां तो अब भी लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इसके बाद सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया.

अब नगर निगम फिर से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रहा है अगले महीने केंद्र की टीम निरीक्षण के लिए शहर में आएगी. इसे लेकर निगम तैयारी कर रहा है. लेकिन जिस तरह से स्मार्ट टॉयलेट बंद पड़े हुए हैं इसका असर ओडीएफ पर जरूर पड़ेगा.

Intro:फरीदाबाद नगर निगम की लापरवाही और मेंटेनेंस ने होने के चलते शहर में आज भी लोग खुले में शौच करने जा रहे हैं जबकि स्मार्ट ई टॉयलेट बनाने पर करोड़ों रुपए खर्च किया जा चुका। लेकिन करोड़ों रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए स्मार्ट ई टॉयलेट ज्यादातर जागो पर बंद पड़े हुए हैं या फिर मेंटेनेंस ना होने के कारण बदहाल हालत में पड़े हुए हैं


Body:फरीदाबाद शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर 10 स्मार्ट टॉयलेट खोले गए हैं इन स्मार्ट टॉयलेट की कीमत ₹200000000 है इन द स्मार्ट टॉयलेट में से चार टॉयलेट पूरी तरह से बंद पड़े हैं बाकी छह की हालत काफी खराब है अब सवाल यह है कि जब इंटरनेट की हालत ऐसी ही होनी थी तो इनको क्यों बनाया गया शहर में अलग-अलग स्थानों पर जैसे बडकल रेलवे स्टेशन और फरीदाबाद के दूसरे हिस्सों में 10 स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए स्मार्ट सिटी के नाम पर बनाए गए इन टॉयलेट में करोड़ों रुपए लगाकर भारी मुनाफा करने का मामला सामने आ रहा है करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और यह टॉयलेट सफेद हाथी साबित हो रहे हैं फरवरी 2018 में खुद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने हाथों से शहर के इन 10 ले टॉयलेट का उद्घाटन किया था एक टॉयलेट की कीमत करीब ₹20000000 बताई जा रही है अगर बात करें इस टॉयलेट में मिलने वाली सुविधाओं की तो यह टॉयलेट बेहद हाई टेक्नोलॉजी के साथ बनाए गए हैं इन टॉयलेट में कंप्यूटर ऑटोमेटिक सिस्टम है पांच का सिक्का डालने पर ऑटोमेटिक खुल जाता है और बाथरूम के अंदर टीवी से लेकर अन्य सुविधाएं भी यहां पर रखी गई महिलाओं के लिए बाथरूम के अंदर ही सेनेटरी पैड की व्यवस्था की गई लेकिन बनने के बाद कंपनी का तो भुगतान हो गया लेकिन यह टॉयलेट आज तक भी चालू नहीं हुई है इन टॉयलेट ऊपर रखरखाव की कमी के चलते मेंटेनेंस ना होने के चलते यह बदहाल अवस्था में पड़े हुए हैं साफ-सफाई का बुरा हाल हो चुका है लोग किसी भी तरीके से इन टॉयलेट को यूज नहीं कर पा रहे हैं इन टॉयलेट में सुविधा की बात करें तो टॉयलेट को मोबाइल ऐप से भी जोड़ा गया है जिससे लोग मोबाइल पर इनकी लोकेशन देख सकते हैं शहर को खुले में शौच मुक्त करने का पिछले साल नवंबर में सर्टिफिकेट फरीदाबाद को मिला था लेकिन जब 6 महीने बाद केंद्र की टीम ने शहर का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां तो अब भी लोग खुले में शौच करने जाते हैं इसके बाद सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया अब नगर निगम फिर से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रहा है अगले महीने केंद्र की टीम निरीक्षण के लिए शहर में आएगी इसे लेकर निगम तैयारी कर रहा है लेकिन जिस तरह से स्मार्ट टॉयलेट बंद पड़े हुए हैं इसका असर ओडीएफ पर जरूर पड़ेगा


Conclusion:hr_far_01_e- toilet_halat_wkt_7203403
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