नई दिल्ली/फरीदाबाद: शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर 10 स्मार्ट टॉयलेट खोले गए हैं. इन स्मार्ट टॉयलेट की कीमत 20 करोड़ है. इन स्मार्ट टॉयलेट में से चार टॉयलेट पूरी तरह से बंद पड़े हैं. बाकी छह की हालत काफी खराब है. अब सवाल ये है कि जब इन टॉयलेट्स की हालत ऐसी ही होनी थी तो इनको क्यों बनाया गया. शहर में अलग-अलग स्थानों पर जैसे बड़कल और फरीदाबाद के दूसरे हिस्सों में 10 स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए हैं.
टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं
करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और ये टॉयलेट 'सफेद हाथी' साबित हो रहे हैं. फरवरी 2018 में खुद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने शहर के इन 10 टॉयलेट का उद्घाटन किया था. एक टॉयलेट की कीमत करीब 2 करोड़ बताई जा रही है.
हाईटेक टॉयलेट
अगर बात करें इस टॉयलेट में मिलने वाली सुविधाओं की तो ये टॉयलेट बेहद हाई टेक्नोलॉजी के साथ बनाए गए हैं. इन टॉयलेट में ऑटोमेटिक सिस्टम है. पांच रुपये का सिक्का डालने पर ये टॉयलेट ऑटोमेटिक खुल जाता है और बाथरूम के अंदर टीवी से लेकर अन्य सुविधाएं भी यहां पर रखी गई हैं.
हाईटेक टॉयलेट, लेकिन बदहाल
महिलाओं के लिए बाथरूम के अंदर ही सेनेटरी पैड की व्यवस्था की गई, लेकिन बनने के बाद कंपनी का तो भुगतान हो गया. लेकिन ये टॉयलेट आज तक भी चालू नहीं हुए. रखरखाव की कमी के चलते मेंटेनेंस ना होने के चलते ये बदहाल अवस्था में पड़े हुए हैं. साफ-सफाई का बुरा हाल हो चुका है. लोग किसी भी तरीके से इन टॉयलेट को यूज नहीं कर पा रहे हैं.
इन टॉयलेट में सुविधा की बात करें तो टॉयलेट को मोबाइल ऐप से भी जोड़ा गया है जिससे लोग मोबाइल पर इनकी लोकेशन देख सकते हैं.
शौच मुक्त सर्टिफिकेट हुआ कैंसिल
शहर को खुले में शौच मुक्त करने का पिछले साल नवंबर में सर्टिफिकेट फरीदाबाद को मिला था लेकिन जब 6 महीने बाद केंद्र की टीम ने शहर का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां तो अब भी लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इसके बाद सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया.
अब नगर निगम फिर से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रहा है अगले महीने केंद्र की टीम निरीक्षण के लिए शहर में आएगी. इसे लेकर निगम तैयारी कर रहा है. लेकिन जिस तरह से स्मार्ट टॉयलेट बंद पड़े हुए हैं इसका असर ओडीएफ पर जरूर पड़ेगा.