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फरीदाबाद: कचरे को लेकर प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं

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Published : Aug 24, 2020, 12:50 AM IST

फरीदाबाद में क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों से निकलने वाले कचरे को लेकर फरीदाबाद प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं है.

faridabad administration being negligent about corona waste lift
कचरे को लेकर कोई इंतजाम नहीं

नई दिल्ली/फरीदाबाद: आज देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 30 लाख तक पहुंच गई है. करीब 55 हजार लोग अपनी जिंदगी गवां चुके हैं. ये भयावह स्थिति है. कोरोना संक्रमण सीधा संपर्क में आने से भी फैलता है और अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से भी. ऐसे में संक्रमित मरीजों की पहचान करके उनके स्वस्थ होने तक बाकी लोगों से संपर्क पूरी तरह से खत्म करना ही इसे रोकने का एक रास्ता है, लेकिन जो लोग पहले से ही क्वांरटीन हैं. उनके घरों से निकलने वाले वेस्ट का निपटान कैसे होता है ये भी बड़ा सवाल है..क्योंकि संक्रमण वहां से भी फैल सकता है.

कचरे को लेकर प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं

इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने फरीदाबाद में पड़ताल की. हमारी टीम सबसे पहले कंटेनमेंट जोन घोषित रहे मोहल्लों में गई. पड़ताल के पहले स्टेज पर ही हमने पाया कि फरीदाबाद प्रशासन के पास कोरोना वेस्ट को लेकर कोई खास इंताजामात नहीं है.

सफाई कर्मचारियों के पास नहीं है कोरोना सुरक्षा के इंतजाम

इन मोहल्लों में सफाई कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा के क्वारंटाइन किए घरों से वेस्ट उठा रहे है. बिना ग्लव्ज पहने कूड़े को डस्टबीन में डाल रहे हैं. सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा उठाने के दौरान मास्क भी नहीं लगाए हैं. जबकी आईसीएमआर की गाईडलाइंस के अनुसार कोरोना कचरा को उठाने के लिए अलग से एक सफाई कर्मचारी नियुक्त करना है और सफाई कर्मचारी को कचरा उठाने से पहले अच्छी तरह से मास्क, पीपीई किट पहनना अनिवार्य है.

इस संबंध में जब स्थानीय लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी रोजाना की तरह उनके यहां से कूड़ा लेकर जाते हैं. इस दौरान कर्मचारियों के पास किसी तरह की सुरक्षा का कोई विशेष बंदोबस्त नहीं होता है. जो की काफी खतरनाक है.

जान पर खेलकर कोरोना कचरा उठा रहे सफाई कर्मचारी

नगर निगम में सफाई कर्मचारी सुपरवाइजर के तौर पर काम करने वाले अनिल कुमार नामक ने बताया की नगर निगम की तरफ से उनको सुरक्षा को लेकर भी कुछ नहीं दिया गया है. उनके पास ना तो सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई पीपीई किट दी गई है और ना ही किसी प्रकार की सैनिटाइज करने की व्यवस्था दी गई है. वे लोग अपनी जान पर खेलकर क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों से कचरा उठा रहे हैं. वह ठीक उसी तरीके से जिस तरीके से एक नॉर्मल घर के सामने से कूड़ा करकट उठाते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा शुरू से ही हो रहा है.

उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था. उस समय उनको एक बार सैनिटाइजर की कुछ बोतलें उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन उसके बाद ना तो उनको सैनिटाइजर दिया गया और ना ही उनको मास्क दिया गया है. जिसके चलते वो अपनी जान हथेली पर लेकर काम कर रहे हैं.

एक तरफ जहां सरकार और जिला प्रशासन कोरोना से निपटने के पूरे बंदोबस्त करने का ढिंढोरा पीट रही है. वहीं इन सफाई कर्मचारियों के पास मास्क तक नहीं है. जिससे पता चलता है कि प्रशासन कोरोना को लेकर कितना अलर्ट है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: आज देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 30 लाख तक पहुंच गई है. करीब 55 हजार लोग अपनी जिंदगी गवां चुके हैं. ये भयावह स्थिति है. कोरोना संक्रमण सीधा संपर्क में आने से भी फैलता है और अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से भी. ऐसे में संक्रमित मरीजों की पहचान करके उनके स्वस्थ होने तक बाकी लोगों से संपर्क पूरी तरह से खत्म करना ही इसे रोकने का एक रास्ता है, लेकिन जो लोग पहले से ही क्वांरटीन हैं. उनके घरों से निकलने वाले वेस्ट का निपटान कैसे होता है ये भी बड़ा सवाल है..क्योंकि संक्रमण वहां से भी फैल सकता है.

कचरे को लेकर प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं

इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने फरीदाबाद में पड़ताल की. हमारी टीम सबसे पहले कंटेनमेंट जोन घोषित रहे मोहल्लों में गई. पड़ताल के पहले स्टेज पर ही हमने पाया कि फरीदाबाद प्रशासन के पास कोरोना वेस्ट को लेकर कोई खास इंताजामात नहीं है.

सफाई कर्मचारियों के पास नहीं है कोरोना सुरक्षा के इंतजाम

इन मोहल्लों में सफाई कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा के क्वारंटाइन किए घरों से वेस्ट उठा रहे है. बिना ग्लव्ज पहने कूड़े को डस्टबीन में डाल रहे हैं. सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा उठाने के दौरान मास्क भी नहीं लगाए हैं. जबकी आईसीएमआर की गाईडलाइंस के अनुसार कोरोना कचरा को उठाने के लिए अलग से एक सफाई कर्मचारी नियुक्त करना है और सफाई कर्मचारी को कचरा उठाने से पहले अच्छी तरह से मास्क, पीपीई किट पहनना अनिवार्य है.

इस संबंध में जब स्थानीय लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी रोजाना की तरह उनके यहां से कूड़ा लेकर जाते हैं. इस दौरान कर्मचारियों के पास किसी तरह की सुरक्षा का कोई विशेष बंदोबस्त नहीं होता है. जो की काफी खतरनाक है.

जान पर खेलकर कोरोना कचरा उठा रहे सफाई कर्मचारी

नगर निगम में सफाई कर्मचारी सुपरवाइजर के तौर पर काम करने वाले अनिल कुमार नामक ने बताया की नगर निगम की तरफ से उनको सुरक्षा को लेकर भी कुछ नहीं दिया गया है. उनके पास ना तो सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई पीपीई किट दी गई है और ना ही किसी प्रकार की सैनिटाइज करने की व्यवस्था दी गई है. वे लोग अपनी जान पर खेलकर क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों से कचरा उठा रहे हैं. वह ठीक उसी तरीके से जिस तरीके से एक नॉर्मल घर के सामने से कूड़ा करकट उठाते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा शुरू से ही हो रहा है.

उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था. उस समय उनको एक बार सैनिटाइजर की कुछ बोतलें उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन उसके बाद ना तो उनको सैनिटाइजर दिया गया और ना ही उनको मास्क दिया गया है. जिसके चलते वो अपनी जान हथेली पर लेकर काम कर रहे हैं.

एक तरफ जहां सरकार और जिला प्रशासन कोरोना से निपटने के पूरे बंदोबस्त करने का ढिंढोरा पीट रही है. वहीं इन सफाई कर्मचारियों के पास मास्क तक नहीं है. जिससे पता चलता है कि प्रशासन कोरोना को लेकर कितना अलर्ट है.

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