नई दिल्ली/पलवल: महर्षि पतंजलि योग संस्थान पलवल एवं जिला योग संघ के संयुक्त तत्वाधान में जाट धर्मशाला में 37वीं अखिल भारतीय योग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों से आए करीब 600 योग प्रतिभागीयों ने भाग लिया. तीन दिवसीय योग प्रतियोगिता के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बच्चों को जौहर दिखाने का मौका
योगाचार्य स्वामी सुरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि योग हमारी प्राचीन धरोहर है. योग हमारे ऋषियों,महऋषियों की तपस्या का फल है। जो वेद के आधार पर कटु सत्य है. योग संसार के प्रत्येक मानव मात्र का कल्याण करता है. योग चित की वृतियों को नियंत्रण करने का नाम है. उन्होंने कहा कि नियम, आसन, प्राणायाम, प्रतिहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को निरोग रख सकता है. प्रतियोगिता के प्रथम दिन प्रांतीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई जिन प्रतिभागियों ने जिला स्तर पर योग में अच्छा प्रदर्शन किया है उन्हें आज राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने का मौका मिला.
'योग के माध्यम से व्यक्ति का जीवन उन्नति के शिखर पर'
वहीं योगाचार्य सोनू शास्त्री ने बताया कि प्रतियोगिता में विभिन्न प्रांतों से आए योग प्रतिभागी योग के माध्यम से अपने जीवन को उन्नति के शिखर पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं. योग के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.
'योग हमारे देश की प्राचीन धरोहर'
वहीं योग प्रतियोगिता में बागपत उत्तर प्रदेश से भाग लेने आई प्रतिभागी सोनिया ने बताया कि पिछले दो सालों से योग कर रही है. योग के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि योग हमारे देश की प्राचीन धरोहर है. हमारे ऋषि मुनियों ने योग के विधा को बनाया था. योग के माध्यम से असाध्य रोगों को दूर किया जा सकता है.