नई दिल्ली/फरीदाबाद: जिले में कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बुधवार को फरीदाबाद में एक दिन में 27 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जिले में अब कोविड-19 के मरीजों की संख्या 262 पहुंच गई है.
एक दिन में 27 मरीज मिलने से मचा हड़कंप
कोविड-19 के एक ही दिन में 27 मरीज आने के बाद फरीदाबाद में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और लोगों की कोरोना जांच तेज कर दी गई है. फरीदाबाद से अब तक 10,066 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 9287 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है और 517 की रिपोर्ट आनी शेष है. अब तक 262 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से 111 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया है, वहीं 21 पॉजिटिव मरीजों को घर पर आइसोलेट किया गया है.
इसी प्रकार ठीक होने के बाद 123 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं फरीदाबाद में अब तक सात मरीजों की मौत हो चुकी है जिसमें कोरोना के साथ-साथ अन्य विभिन्न बीमारियां भी कारण रही. जिले में अब तक 10,404 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 3635 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है. शेष 6762 लोग अंडर सर्विलांस हैं. कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 9912 होम आइसोलेशन पर हैं.
स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है. इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धिकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी गई है.
फरीदाबाद के लोगों से की गई ये अपील
आम लोगों से कहा गया है कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि खांसी व छींकते समय रूमाल या तौलिये का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें. जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें. सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें, जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों.