नई दिल्ली/सोनीपत: केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है. कड़ाके की सर्दी में भी किसान कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए सड़क पर डटे हुए हैं. वहीं अगर बात सिंघु बॉर्डर की करें तो वहां भी हजारों की संख्या में किसान आंदोलन पर बैठे हैं.
29 दिनों से धरने पर बैठे किसान खुद ही दूसरे किसानों के खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं. ऐसे में पंजाब से आए कुछ किसानों ने गन्ना पेराई की बड़ी मशीन सिंघु बॉर्डर पर रखी है. रोजाना इस मशीन से 100 क्विंटल गन्ने का जूस निकाल जा रहा है और करीब 25 से 30 हजार किसान ये जूस पी रहे हैं.
जूस बनाने और चलाने वाले किसानों ने कहा कि जब तक के सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी. तबतक उनकी ये सेवा जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि हमें आंदोलन करते हुए इतने दिन हो गए हैं, अब तो सरकार को हमारे बारे में सोच लेना चाहिए. हम इस ठंड के मौसम में यहां बैठे हैं.
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केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों में निरर्थक संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता को बहाल करने के लिए लिखित में ठोस पेशकश लेकर आए.