नई दिल्ली: निर्भया कांड के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह एक साथ फांसी दे दी गई. लेकिन यह फांसी इतनी आसान नहीं थी. इसके लिए तिहाड़ जेल में पहले से तैयारियां की गई थी. 15 लोगों की एक टीम इसमें मौजूद थी. जानिए कैसा रहा फांसी का घटनाक्रम.
निर्भया के दोषियों की आखिरी रात
तिहाड़ जेल सूत्रों के अनुसार गुरुवार रात चारों दोषियों को खाने में रोटी और खिचड़ी दी गई थी. परेशान होने के चलते उन्होंने थोड़ा ही खाना खाया. मुकेश और विनय को वार्ड नंबर 8 में रखा गया था जबकि पवन को वार्ड संख्या एक और अक्षय को वार्ड संख्या 7 में रखा गया था. तीनों वार्ड में 15 पहरेदार उनके साथ लगातार मौजूद थे. पूरी रात वह ठीक से सो नहीं सके और पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से उनके बचाव का कोई आर्डर आया है. अपने वार्ड में कई बार वह पैदल चलते हुए नजर आए.
चारों कैदियों ने नहीं नहाया, विनय मांगता रहा माफीतड़के लगभग 3:40 बजे जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों को जगाने गए तो उनके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. यह साफ पता चल रहा था कि वे रात भर नहीं सोये हैं. चारों को नहाने के लिए पूछा गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया. विनय जमीन पर लेट कर माफी मांगने लगा. उसने जेल के नए कपड़े पहनने से भी मना कर दिया. फांसी से पहले जेल प्रशासन द्वारा नए कपड़े पहनाए जाते हैं. लेकिन विनय ने इसे नहीं पहना. वहीं पवन ने समझाने पर इसे पहन लिया.
तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भीड़ पांच बजे ले गए फांसी घरसुबह लगभग 5 बजे उन्हें फांसी की कोठी में ले जाया गया. विनय रास्ते में भी माफी मांगता रहा. फांसी की कोठरी में डीएम नेहा बंसल, डीजी संदीप गोयल, जेल सुपरिटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर, असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट सहित 15 लोग मौजूद थे. फांसी कोठरी में चारों के हाथ-पांव बांधे गए. उनके चेहरे पर नकाब डाला गया ताकि वह अंदर होने वाली प्रक्रिया को आंखों से ना देख सकें. आखरी आधे घंटे में जेल के अंदर खामोशी थी. केवल इशारे से बात की जा रही थी. सुबह ठीक 5:30 बजे उन्हें फांसी के फंदे से लटका दिया गया.
आधे घंटे तक फंदे पर लटका रहा शवफांसी के बाद उनके शव को फंदे पर आधे घंटे तक लटका कर रखा गया. सुबह 6 बजे डॉक्टर ने चारों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को नीचे उतार कर पंचनामा किया गया. सुबह लगभग 8.25 बजे उसे पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस से दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भेज दिया गया.