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एक टैंकर, 300 जिंदगियां! कैसे बुझेगी इस इलाके की प्यास - People

बुराड़ी विधानसभा के शंकरपुरा के लोगों की जिंदजी सुबह तीन बजे शुरू हो जाती है. उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ता है तब जाकर घर के तीन-चार बर्तन बमुश्किल भर पाते हैं पानी से जिससे उन्हें दिनभर या फिर एक हफ्ते तक काम चलाना है. कभी-कभी पड़ोसियों में मारपीट-और छीनाझपटी भी हो जाती है.

पानी की समस्या से जूझता शंकरपुरा
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Published : Mar 18, 2019, 5:12 PM IST

Updated : Mar 21, 2019, 12:58 PM IST

नई दिल्ली: बुराड़ी विधानसभा की शंकरपुरा बस्ती के लोग पिछले 10 साल से अपनी प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां हफ्ते में एक बार टैंकर से पानी आता है और यही एकमात्र साधन है जहां से लोगों को पीने का पानी मिलता है.

यहां रोज बस्ती के लोगों में पीने के पानी के लिए जद्दोजहद होती है. कभी-कभी तो लोगों में आपस में मारपीट और छीनाझपटी तक की नौबत आ जाती है. ईटीवी की टीम जब वहां पहुंची तो ऐसा ही नजारा वहां देखने को मिला.

पिछले 10 साल से झेल रहा है शंकरपुरा
शंकरपुरा के रहने वाले वीरू प्रधान ने बताया कि यहां रोज के यही हालात हैं. वे पिछले 10 सालों से ये समस्या झेल रहे हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल पहले यहां पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जाती थी. वीरू ने बताया कि 10 साल पहले जिले सिंह चौहान बुराड़ी विधानसभा से विधायक हुआ करते थे.

शंकरपुरा में पानी की समस्या

टैंकर का पानी ही एकमात्र सहारा है यहां
उन्होंने ही बस्ती में ये पाइपलाइन लगाई थी. लेकिन वो खराब हो गया और तब से लेकर ये बस्ती पानी के लिए रोज संघर्ष करती है. वीरू प्रधान ने ये भी बताया कि अभी पांच महीने पहले ही निगम पार्षद अनिल त्यागी ने पाइपलाइन लगवाई थी लेकिन उसमें या तो पानी नहीं आता या फिर गंदा पानी आता है.

लोगों में हो जाती है मारपीट-छीनाझपटी
बस्ती में अपनी जिंदगी का काफी अरसा गुजारने वाले वीरू राम ने बताया कि, पाइपलाइन खराब होने के बाद 10 सालों तक उसपे कोई काम नहीं हुआ. स्थानीय निगम पार्षद ने जो पाइपलाईन लगवाई वो शंकरपुरा जैसी बड़ी आबादी के लिए नाकाफी है. उन्होंने बताया कि यहां हफ्ते में एक बार ही टेंकर आता है जिसकी वजह से लोगों में छीना-झपटी तक हो जाती है.

लोगों ने बताया कि, पानी भरने के लिए सुबह तीन बजे ही उठ जाना पड़ता है. इसके बाद सुबह के सात-आठ बजे तक लड़ाई चलती है.

Everyday people suffered
रोज होती है ऐसी जद्दोजहद

कोई जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आया
एक बुजुर्ग महिला का कहना है कि यहां रोज महिलाएं, बच्चे और किशोरियां घंटों पानी भरने के लिए संघर्ष करते हैं. उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि, तमाम समस्याएं बताने और सूचना देने के बावजूद आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि इलाके में झांकने तक नहीं आया.

ये पूछने पर की अरविंद केजरीवाल ने तो हर मुहल्ले को मुफ्त पानी का दावा किया था, महिला कहती हैं कि, वे लोग बड़े लोग हैं. वादा करने में क्या जाता है. झेलना तो हमें पड़ रहा है न.

गर्मी आ जाएगी तो लोगों का क्या होगा
जाहिर है कि केजरीवाल सरकार के मुफ्त पानी का वादा खोखला साबित हुआ है. ये कोई दो-तीन दिनों की बात नहीं है बल्कि शंकरपुरा के लोग पिछले एक दशक से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

न तो किसी जनप्रतिनिधि को इसकी खबर है और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ही इसकी सुध ली है. अभी तो गर्मियां बस शुरू हुई है. जब वो प्रचंड होगी तब न जाने क्या होगा?

नई दिल्ली: बुराड़ी विधानसभा की शंकरपुरा बस्ती के लोग पिछले 10 साल से अपनी प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां हफ्ते में एक बार टैंकर से पानी आता है और यही एकमात्र साधन है जहां से लोगों को पीने का पानी मिलता है.

यहां रोज बस्ती के लोगों में पीने के पानी के लिए जद्दोजहद होती है. कभी-कभी तो लोगों में आपस में मारपीट और छीनाझपटी तक की नौबत आ जाती है. ईटीवी की टीम जब वहां पहुंची तो ऐसा ही नजारा वहां देखने को मिला.

पिछले 10 साल से झेल रहा है शंकरपुरा
शंकरपुरा के रहने वाले वीरू प्रधान ने बताया कि यहां रोज के यही हालात हैं. वे पिछले 10 सालों से ये समस्या झेल रहे हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल पहले यहां पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जाती थी. वीरू ने बताया कि 10 साल पहले जिले सिंह चौहान बुराड़ी विधानसभा से विधायक हुआ करते थे.

शंकरपुरा में पानी की समस्या

टैंकर का पानी ही एकमात्र सहारा है यहां
उन्होंने ही बस्ती में ये पाइपलाइन लगाई थी. लेकिन वो खराब हो गया और तब से लेकर ये बस्ती पानी के लिए रोज संघर्ष करती है. वीरू प्रधान ने ये भी बताया कि अभी पांच महीने पहले ही निगम पार्षद अनिल त्यागी ने पाइपलाइन लगवाई थी लेकिन उसमें या तो पानी नहीं आता या फिर गंदा पानी आता है.

लोगों में हो जाती है मारपीट-छीनाझपटी
बस्ती में अपनी जिंदगी का काफी अरसा गुजारने वाले वीरू राम ने बताया कि, पाइपलाइन खराब होने के बाद 10 सालों तक उसपे कोई काम नहीं हुआ. स्थानीय निगम पार्षद ने जो पाइपलाईन लगवाई वो शंकरपुरा जैसी बड़ी आबादी के लिए नाकाफी है. उन्होंने बताया कि यहां हफ्ते में एक बार ही टेंकर आता है जिसकी वजह से लोगों में छीना-झपटी तक हो जाती है.

लोगों ने बताया कि, पानी भरने के लिए सुबह तीन बजे ही उठ जाना पड़ता है. इसके बाद सुबह के सात-आठ बजे तक लड़ाई चलती है.

Everyday people suffered
रोज होती है ऐसी जद्दोजहद

कोई जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आया
एक बुजुर्ग महिला का कहना है कि यहां रोज महिलाएं, बच्चे और किशोरियां घंटों पानी भरने के लिए संघर्ष करते हैं. उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि, तमाम समस्याएं बताने और सूचना देने के बावजूद आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि इलाके में झांकने तक नहीं आया.

ये पूछने पर की अरविंद केजरीवाल ने तो हर मुहल्ले को मुफ्त पानी का दावा किया था, महिला कहती हैं कि, वे लोग बड़े लोग हैं. वादा करने में क्या जाता है. झेलना तो हमें पड़ रहा है न.

गर्मी आ जाएगी तो लोगों का क्या होगा
जाहिर है कि केजरीवाल सरकार के मुफ्त पानी का वादा खोखला साबित हुआ है. ये कोई दो-तीन दिनों की बात नहीं है बल्कि शंकरपुरा के लोग पिछले एक दशक से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

न तो किसी जनप्रतिनिधि को इसकी खबर है और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ही इसकी सुध ली है. अभी तो गर्मियां बस शुरू हुई है. जब वो प्रचंड होगी तब न जाने क्या होगा?

Intro:water crisis in burari ...

planned by chairmen sir,

northwest delhi..

story... यह इलाका है बुराड़ी विधानसभा का शंकरपुरा बस्ती है । इस बस्ती के लोग पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड के द्वारा टैंकर से आने वाला पानी पी रहे हैं । लोगों का आरोप है कि 10 साल पहले पानी जल बोर्ड की पाइप लाइन द्वारा आता था लेकिन पाइप लाइन खराब होने के बाद एक बार भी जल बोर्ड की पाइप लाइन द्वारा पानी पीने को नहीं मिला । इसी तरह पिछले 10 सालों से यह लोग मारपीट कर, एक-दूसरे छीना झपटी कर अपने बर्तनों को पानी से भरने के लिए ऐसा ही करते हैं क्योंकि टैंकर सप्ताह में एक बार आता है। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो इन लोगों को पानी कैसे मिलेगा ऐसा खुद यहां के लोगों का कहना है ।


Body:बुराड़ी इलाके की शंकरपुरा बस्ती में सालों से लोग इसी तरह एक दूसरे से पाइप की छीना झपटी करते हैं ताकि इन के बर्तन पानी से भर सकें । क्योंकि शंकरपुरा बस्ती में पानी का टैंकर सप्ताह में एक बार आता है और ऐसा यह लोग कई सालों से करते आ रहे हैं । लोगों का आरोप है कि अभी 5 महीने पहले बुराड़ी वार्ड से स्थानीय निगम पार्षद अनिल त्यागी ने पाइपलाइन डलवाई थी लेकिन उसमें भी पानी नहीं आ रहा है । 10 साल पहले जब बुराड़ी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक जिले सिंह चौहान थे उन्होंने शंकरपुरा बस्ती को पीने के लिए जल बोर्ड का पानी मुहैया कराया था । समय बीतने के साथ साथ वह भी अब बंद हो चुका है और मारपीट कर इसी तरह से एक दूसरे से छीना झपटी कर पानी भरने को मजबूर हैं । ताकि 8 दिनों तक अपने घर में पानी का स्टॉक कर सकें ।

बाईट... वीरू प्रधान शंकर पूरा बस्ती (लाल टी शर्ट में )

इस पानी को भरने के लिए क्या बुजुर्ग, क्या बच्चे, और क्या महिलाएं सभी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में बर्तन उठाए भागे चले आ रहे हैं । क्योंकि इनको डर है कि कहीं हर बार की तरह इस बार बहु पानी खत्म ना हो जाए । और इस आबादी में करीब 250 से 300 मकान बस्ती वालों के है और एक पानी का टैंकर इन के लिए नाकाफी साबित होता है । इसीलिए यह लोग एक दूसरे से मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं ताकि इन्हें पीने का पानी मिल सके । कई बार तो पानी भरने को लेकर मारपीट तक भी हो चुकी है और कई बार दिल्ली के अन्य इलाकों में टैंकर से पानी भरने को लेकर कई लोगों को अपनी जान तक भी गंवानी पड़ी है ।

बाईट.. पानी भरते हुए महिला और पुरुष ..

लोगों का आरोप है कि स्थानीय विधायक तो इलाके में आते ही नहीं हैं और ना ही किसी से मिलते । अब हम अपनी समस्याओं को लेकर किसके पास जाएं । सालों से इसी तरह पानी टैंकर से भरकर पी रहे हैं अभी तो सर्दियां ठीक से खत्म भी नही हुई तो ये हाल है । जब आगे गर्मी भी तेज होगी और सप्ताह में एक बार ही पानी का टैंकर आएगा तो लोगों को कितना पानी मिलेगा, यह तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है ।




Conclusion:दिल्ली सरकार ओर दिल्ली जल बोर्ड के मुखिया अरविंद केजरीवाल जगह-जगह अपने भाषणों में चीख-चीखकर कर कहते हैं कि उन्होंने दिल्ली की जनता को बिजली हाफ और पानी फ्री कर दिया है । लेकिन उसके बाद भी 4 साल बीत गए हैं आज भी दिल्ली की जनता टैंकर से पानी भर रही है और इसी पाने के लिए कई बार खून तक बहाया जाता है लेकिन अब लोगों की मजबूरी है कि वह करे तो क्या करें ।
Last Updated : Mar 21, 2019, 12:58 PM IST
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