ETV Bharat / city

अनुच्छेद 370 का विरोध करने वाले पूर्वजों की कीर्ति को कर रहे हैं कलंकित: जितेंद्र सिंह - कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के निर्णय पर बात रखी.

अनुच्छेद 370 केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का संबोधन
author img

By

Published : Oct 4, 2019, 8:42 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पहुंचे थे.

अनुच्छेद 370 केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का संबोधन

वहीं इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और विकास लाने की एक पहल है. जिससे सभी कश्मीरी निवासी बेहद खुश और संतुष्ट हैं.


'पूर्वजों की कीर्ति को कर रहे हैं कलंकित'
वहीं इस आर्टिकल के हटाये जाने का विरोध करने वालों के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बंटवारे के बाद खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस अनुच्छेद को अस्थायी बताया था.
फिर आज जब यह अनुच्छेद स्थायी रूप से हटा दिया गया तो इसका विरोध करने वाले अपने पूर्वजों की कीर्ति को ही कलंकित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर भारत का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज यह सब नौबत नहीं आई होती.

नजरबंद राजनेता सुख-सुविधाओं का लाभ उठा रहे
वहीं अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर के राजनेताओं को नजरबंद करके रखने की बात को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते भले ही कुछ राजनेताओं को नजरबंद करके रखा गया है. लेकिन, इससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि जितने सुख-सुविधाओं का लाभ वो उठा रहे हैं उतनी तो शायद अपने घर पर भी नहीं उठा पाते हों. वहीं कर्फ़्यू लगाए जाने के आरोपों का भी उन्होंने सिरे से खंडन किया है. उनका कहना है कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर में कोई कर्फ्यू नहीं है और जन जीवन सामन्य चल रहा है.

'कश्मीर का रुका हुआ था विकास'
वहीं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र में विकास किया लेकिन कश्मीर तक ही यह विकास नहीं पहुंच पा रहा था. जिसमें सबसे बड़ी रुकावट थी अनुच्छेद 370. उन्होंने कहा कि अब यह अनुच्छेद हट जाने से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.

उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद के हटने के कारण निजी क्षेत्रों का निवेश बढ़ेगा, कई कंपनियां खुलेंगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास होगा. साथ ही कश्मीरी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.

कुलपति ने किया अनुच्छेद 370 का स्वागत
वहीं इस कार्यक्रम के शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले का जिस तरह से पूरे देश में स्वागत हो रहा है. उसी तरह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भी इस फैसले का स्वागत करता है.

वहीं कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब केंद्रीय मंत्री वापस जाने लगे तो लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी के आगे बैठकर उन्हें जाने से रोकने का प्रयास किया. लेकिन सुरक्षा कर्मियों के सहयोग से उन्हें गाड़ी तक पहुंचाया गया और वह किसी तरह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकल सके.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पहुंचे थे.

अनुच्छेद 370 केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का संबोधन

वहीं इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और विकास लाने की एक पहल है. जिससे सभी कश्मीरी निवासी बेहद खुश और संतुष्ट हैं.


'पूर्वजों की कीर्ति को कर रहे हैं कलंकित'
वहीं इस आर्टिकल के हटाये जाने का विरोध करने वालों के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बंटवारे के बाद खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस अनुच्छेद को अस्थायी बताया था.
फिर आज जब यह अनुच्छेद स्थायी रूप से हटा दिया गया तो इसका विरोध करने वाले अपने पूर्वजों की कीर्ति को ही कलंकित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर भारत का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज यह सब नौबत नहीं आई होती.

नजरबंद राजनेता सुख-सुविधाओं का लाभ उठा रहे
वहीं अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर के राजनेताओं को नजरबंद करके रखने की बात को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते भले ही कुछ राजनेताओं को नजरबंद करके रखा गया है. लेकिन, इससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि जितने सुख-सुविधाओं का लाभ वो उठा रहे हैं उतनी तो शायद अपने घर पर भी नहीं उठा पाते हों. वहीं कर्फ़्यू लगाए जाने के आरोपों का भी उन्होंने सिरे से खंडन किया है. उनका कहना है कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर में कोई कर्फ्यू नहीं है और जन जीवन सामन्य चल रहा है.

'कश्मीर का रुका हुआ था विकास'
वहीं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र में विकास किया लेकिन कश्मीर तक ही यह विकास नहीं पहुंच पा रहा था. जिसमें सबसे बड़ी रुकावट थी अनुच्छेद 370. उन्होंने कहा कि अब यह अनुच्छेद हट जाने से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.

उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद के हटने के कारण निजी क्षेत्रों का निवेश बढ़ेगा, कई कंपनियां खुलेंगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास होगा. साथ ही कश्मीरी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.

कुलपति ने किया अनुच्छेद 370 का स्वागत
वहीं इस कार्यक्रम के शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले का जिस तरह से पूरे देश में स्वागत हो रहा है. उसी तरह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भी इस फैसले का स्वागत करता है.

वहीं कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब केंद्रीय मंत्री वापस जाने लगे तो लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी के आगे बैठकर उन्हें जाने से रोकने का प्रयास किया. लेकिन सुरक्षा कर्मियों के सहयोग से उन्हें गाड़ी तक पहुंचाया गया और वह किसी तरह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकल सके.

Intro:नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटाए जाने को लेकर एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पहुंचे थे. वहीं इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का आर्टिकल370 को हटाने का निर्णय जम्मू कश्मीर में स्थिरता और विकास लाने की एक पहल है जिससे सभी कश्मीरी निवासी बेहद खुश और संतुष्ट हैं.


Body:वहीं इस आर्टिकल के हटाये जाने का विरोध करने वालों के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बंटवारे के बाद खुद प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस धारा को अस्थायी बताया था. फिर आज जब यह आर्टिकल स्थायी रूप से हटा दिया गया तो इसका विरोध करने वाले अपने पूर्वजों की कीर्ति को ही कलंकित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर भारत का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज यह सब नौबत नहीं आई होती.


वहीं आर्टिकल370 की वजह से कश्मीर के राजनेताओं को नज़रबंद करके रखने की बात को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते भले ही कुछ राजनेताओं को नज़रबंद करके रखा गया है लेकिन इससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि जितनी सुख सुविधाओं का लाभ वो उठा रहे हैं उतनी तो शायद अपने घर पर भी नहीं उठा पाते. वहीं कर्फ़्यू लगाए जाने के आरोपों का भी उन्होंने सिरे से खंडन किया है. उनका कहना है कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर में कोई कर्फ्यू नहीं है और जन जीवन सामन्य चल रहा है.


वहीं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र में विकास किया लेकिन कश्मीर तक ही यह विकास नहीं पहुंच पा रहा था जिसमें सबसे बड़ी रुकावट थी आर्टिकल 370. उन्होंने कहा कि अब यह आर्टिकल हट जाने से रोज़गार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि इस आर्टिकल के हटने के कारण निजी क्षेत्रों का निवेश बढ़ेगा, कई कंपनियां खुलेंगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास होगा. साथ ही कश्मीरी युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी खुलेंगे.

वहीं इस कार्यक्रम के शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले का जिस तरह से पूरे देश में स्वागत हो रहा है उसी तरह जेएनयू भी इस फैसले का स्वागत करता है.


Conclusion:वहीं कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब केंद्रीय मंत्री वापस जाने लगे तो लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी के आगे बैठकर उन्हें जाने से रोकने का प्रयास किया. लेकिन सुरक्षा कर्मियों के सहयोग से उन्हें गाड़ी तक पहुंचाया गया और वह किसी तरह जेएनयू परिसर से बाहर निकल सके.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.