नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश हो रहा है. दिल्ली सरकार ने इस बार के बजट को 'रोजगार बजट' का नाम दिया है. मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट युवाओ के लिए बहुत जरूरी बजट है, इसलिए इसका नाम 'रोजगार बजट' दिया गया है.
दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया बजट पेश करते हुए कहा कि आज हम 'रोजगार बजट' पेश कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य आर्थिक कल्याण में तेजी लाना है. उन्होंने कहा कि 'रोजगार बजट' के माध्यम से अगले पांच साल में 20 लाख और नौकरियां पैदा करना हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि 2030 तक देश में नौ करोड़ नौकरियों की जरूरत होगी.
मनीष सिसोदिया ने 20 लाख रोजगार क्रिएट करने के लक्ष्य की घोषणा करते हुए कहा कि खुदरा क्षेत्र, खाद्य और पेय, लॉजिस्टिक, पर्यटन, रियल स्टेट और ग्रीन एनर्जी में 20 लाख रोजगार क्रिएट करके दिल्ली में कामकाजी आबादी का विस्तार करना हमारा लक्ष्य है. देश में 2030 तक नौ करोड़ नई नौकरियों की जरूरत होगी और उसी को ध्यान में रखते हुए हम स्कूल स्तर से की जा रही है, जिससे छात्र पास होकर निकलें तो उन्हें नौकरी न मांगना पड़े बल्कि वह नौकरी देने वाले बनें. आगामी वर्ष से निजी स्कूलों में भी एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम शुरू होगा.
वहीं बजट के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले सात सालों में हमने दिल्ली में एक लाख 78 हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी है, जिसमें 51 हाजर 307 नौकरियां तो पक्की सरकारी नौकरियां हैं. दो हजार 500 नौकरियां विश्वविद्यालय में और तीन हजार नौकरियां अस्पतालों में दी गई हैं.
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