नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस अब महिलाएं भी चलाती नजर आएंगी. डीटीसी की तरफ से 11 महिला चालकों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. इस मौके पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें.
बता दें कि फरवरी माह में दिल्ली सरकार ने अपने बस संचालन के लिए महिलाओं को ड्राइवर के रूप में भर्ती करने के लिए मानदंडों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे. दिल्ली सरकार ने न्यूनतम ऊंचाई मानदंड 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी और अनुभव मानदंड को कम कर एक महीने कर दिया था. इस साल अप्रैल में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुराड़ी स्थित सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई) में महिलाओं को भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए 'मिशन परिवर्तन' की शुरुआत की थी.
इस पहल को दिल्ली सरकार और अशोक लीलैंड लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में लागू किया जा रहा है ताकि एचएमवी श्रेणी के ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 180 महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा सके. दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) ने सीएसआर के तहत इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. दो बैचों में 81 महिलाओं ने पहले ही यह प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 38 ने अपने एचएमवी लाइसेंस प्राप्त कर लिए हैं. इनमें से 10 महिलाएं वर्तमान में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) प्रशिक्षण केंद्र, नंदनगरी में बस चालक के रूप में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं और 31 अन्य ने डीटीसी प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदन किया है.
ये भी पढ़ेंः हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस बोली, शाहीन बाग का धरना महिलाओं का स्वतंत्र आंदोलन नहीं था
इससे पहले 2021 में भी दिल्ली सरकार ने 4261 नए ई-ऑटो पंजीकरण में से 33 फीसदी पंजीकरण महिलाओं के लिए आरक्षित किया था. इस मौके पर कैलाश गहलोत ने कहा, “मैं उन सभी महिलाओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है. बस ड्राइविंग को करियर विकल्प के रूप में अपनाकर आज ये महिलाएं समाज में रोल मॉडल बन गई हैं और मुझे उम्मीद है कि इसके बाद और अधिक महिलाएं बस चालक बनने के लिए प्रेरित होंगी. मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं."