नई दिल्ली : दिल्ली में जामताड़ा की तर्ज पर जालसाजों का एक नया गैंग तैयार हो रहा है. यह गैंग लोगों से सहानुभूति और भरोसा हासिल कर ठगी कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने गैंग के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो बाहरी दिल्ली स्थित बवाना जेजे कॉलोनी के रहने वाले हैं. इस गैंग में शामिल युवा और नाबालिग मिलकर गड्डीबाज गैंग चलाते हैं जो मेट्रो यात्रियों से ठगी करता है. ऐसे एक दर्जन से ज्यादा गैंग मेट्रो पुलिस द्वारा पकड़े गए हैं.
इस गैंग के सदस्य वहां (जेजे कॉलोनी) के नाबालिगों को लगातार इस तरह की ठगी के लिए तैयार कर रहे हैं. ठगी के दौरान पकड़े जाने पर भी नाबालिग को लोग छोड़ देते हैं. इस वजह से ही नाबालिगों को गैंग में शामिल किया जा रहा है. DCP जितेंद्र मणि ने बताया कि इस गैंग में एक नाबालिग और एक मास्टरमाइंड होता है. कई बार दोनों किरदार नाबालिग होते हैं. मेट्रो में सबसे पहले वह अपने शिकार को चिन्हित करते हैं. नाबालिग बेहद घबराई हालत में उस शख्स के पास जाता है, जिसके साथ वे ठगी करने वाले होते हैं. कुछ देर बाद दूसरा साथी उसके पास अंजान बनकर आता है. वह उससे घबराहट का कारण पूछता है. इस बीच शिकार को भी बच्चे पर दया आ जाती है. दोनों मिलकर जब पूछते हैं तो बच्चा बताता है कि वह घरेलू नौकर है. मालिक उसे बहुत मारता था, इसलिए वह उसके घर से नोटों का बंडल लेकर भाग गया है. वह कागज या कपड़े में लिपटे बंडल को दिखाता है, जिसमें ऊपर 500 या 2000 का नोट होता है. वह बताता है कि मालिक उसका पीछा कर रहा है.
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नाबालिग कहता है कि अगर ये रुपये उसके पास रहे तो वह पकड़ा जाएगा. वह शिकार से कहता है कि उसे कुछ रुपये, मोबाइल या उसके पास मौजूद गहने दे दे. इसके बदले नोटों का बंडल वह दे देगा. नाबालिग का साथी शिकार को समझाता है कि ये फायदे का सौदा है. कई लोग इनके झांसे में आकर अपना पर्स, मोबाइल एवं गहने तक दे देते हैं. कई बार तो लोगों ने अपने एटीएम तक से रुपये निकालकर उन्हें दिए हैं. वह उनके जाने पर जब गड्डी को खोलकर देखते हैं तो उसमें केवल ऊपर असली नोट होता है. नीचे सभी अखबार की रद्दी होती है. यह रद्दी नोट के साइज की होती है जिसकी वजह से शिकार आसानी से फंस जाता है. ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा मामले बीते कुछ समय में दिल्ली पुलिस के सामने आए हैं. इनमें से अधिकांश को उन्होंने सुलझा भी लिया है.
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मेट्रो पुलिस जालसाजों के इस गढ़ को लेकर क्षेत्र के DCP को भी अवगत करा चुकी है. इसके साथ ही मेट्रो यात्रियों को भी जागरूक किया जा रहा है. DCP जितेंद्र मणि ने बताया कि मेट्रो यात्रियों से ठगी करने वाला गड्डीबाज गैंग आये दिन वारदात करता है. यह गैंग न केवल मेट्रो परिसर के अंदर बल्कि स्टेशन के बाहर और बस अड्डों पर भी सक्रिय रहता है. गैंग के सभी सदस्य बवाना जेजे कॉलोनी के रहने वाले हैं. उन्होंने अभी तक जितने भी गैंग पकड़े हैं उनमें सभी आरोपी बवाना जेजे कॉलोनी के रहने वाले थे.
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DCP जितेंद्र मणि ने बताया कि इस तरह की ठगी का नया अड्डा बनने के चलते क्षेत्र के DCP को उन्होंने इसकी जानकारी दी है. उन्हें उम्मीद है कि अगर उस क्षेत्र में पुलिस नाबालिगों एवं युवाओं की काउंसलिंग करेगी तो वह अपराध की राह पर नहीं चलेंगे. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को इन गुमराह हुए नाबालिगों को युवा पहल से उन्हें जोड़ने की आवश्यकता है ताकि उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके. इस तरह की ठगी से यात्रियों को बचाने के लिए वह लोगों को विभिन्न माध्यम से जागरूक करते हैं.