नई दिल्ली: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कांस्टेबल वीरू लामा ने आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) और 'हर घर तिरंगा' (Har Ghar Tiranga) की थीम पर कुमाऊनी भाषा (Kumaoni language) में गीत गाया है और इसे देश की मिट्टी को समर्पित किया है.
लामा ने प्रतीकात्मक तौर पर घुघुती पक्षी (Ghughuti bird) को विशेष गीत सुनाते हुए ITBP की ड्यूटी, जवानों में देशभक्ति की भावना और आवश्यकता पड़ने पर इसके लिए प्राण तक न्योछावर करने की बानगी प्रस्तुत की है. उन्होंने गीत में सीमा सुरक्षा, कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) और देश के अन्य क्षेत्रों में तैनात जवानों की सेवा का वर्णन किया है. तिरंगे को लगातार अपनी प्रेरणा स्त्रोत के रूप में प्रदर्शित किया है. बता दें, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है.
पहाड़ के सभी क्षेत्रों में मिलने वाली घुघुती (डोव) ऐसा पक्षी है, जिसका यहां के जनमानस से करीबी संबंध है। यहां की माटी के रंगों में रची-बसी और दिखने में बेहद सुंदर घुघुती की आवाज हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है. घुघुती सदियों से पहाड़ी लोकजीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यही कारण है कि लोकरंगों में जितनी तवज्जो इस पक्षी को मिली है, उतनी शायद अन्य किसी को नहीं. गढ़वाल और कुमाऊं (Garhwal and Kumaon) के लोकगीतों में घुघुती को समान रूप से प्रमुखता मिली है.
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ITBP एक पर्वतीय प्रशिक्षित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल है और बल ने पिछले 60 सालों में भारत-चीन सीमा की सुरक्षा में अद्वितीय भूमिका निभाई है. इनकी तैनाती लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर है, जहाँ अत्यंत सर्द और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जवान सुरक्षा कर्तव्यों में विशिष्ट भूमिका निभा रहे हैं. बर्फ में तैनाती के कारण बल के जवानों को ‘हिमवीर’ कहा जाता है. ITBP ने गत सालों में हिमालय में कई बड़े और अति साहसिक और चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू अभियान किए हैं.