नई दिल्ली/यूपी : अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र में विवादित एवं आपत्तिजनक बयान देने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को शुक्रवार को न्यायालय ने सशर्त जमानत दी. एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत प्रदान की है कि कोर्ट को दिए गए प्रपत्र में विधायक की तरफ से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के विधायक भारती न तो गवाहों को धमकाएंगे और न ही न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करेंगे. ट्रायल के दौरान प्रत्येक पेशी पर मौजूद रहेंगे और इस दौरान कोई नया अपराध कारित नहीं करेंगे.
अमेठी पुलिस ने रायबरेली से की थी गिरफ्तारी
आम आदमी पार्टी के चर्चित विधायक सोमनाथ भारती ने अमेठी थाना क्षेत्र में अपने भ्रमण के दौरान विवादित बयान दिया था, जिस पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अमेठी पुलिस ने दर्ज की थी. रायबरेली से उनकी गिरफ्तारी की गई थी, जिसके बाद उन्हें सुलतानपुर जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था. मामला विधायक से जुड़ा होने के नाते एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित हो गया था.
30-30 हजार के बंधपत्र पर हुई रिहाई
शुक्रवार दोपहर 1:00 बजे जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की गई. दोनों पक्षों की तरफ से अपने पक्ष रखे गए. दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 30-30 हजार के बंधपत्र पर जमानत स्वीकार कर ली. सशर्त जमानत के सवाल पर अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट में यह प्रक्रिया तो होती ही है. अभी ट्रायल नहीं चल रहा है. ट्रायल शुरू होने के दौरान यह सब नियम और शर्तें लागू होते हैं.
सुनवाई के 2 घंटे बाद आया फैसला
सुलतानपुर जिला सत्र न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट पीके जयंत की तरफ से शर्तों को पेश करते हुए विधिक प्रक्रिया का अनुपालन करने की सलाह दी गई है. पूरे मामले में शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अपने तर्क रखें और बचाव पक्ष के अधिवक्ता मदन सिंह ने एफआई आर में पंजीकृत धाराओं का अवलोकन करते हुए जमानत दिए जाने की प्रार्थना की. पक्षों की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा गया और लगभग 2 घंटे बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
रायबरेली में कल होगी सुनवाई
आप विधायक सोमनाथ भारती शुक्रवार को रायबरेली न्यायालय में पेश हुए. सुलतानपुर जेल से भारी सुरक्षा बल के साथ उन्हें रायबरेली ले जाया गया था. दोपहर करीब 1:00 बजे दीवानी न्यायालय परिसर के एमपी-एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश के समक्ष उन्हें पेश किया गया. इस दौरान बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं के मध्य रिमांड को लेकर करीब 1 घंटे से अधिक समय तक बहस चली, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश द्वारा न्यायिक अभिरक्षा को कायम रखते हुए जमानत पर शनिवार को सुनवाई होने की बात कही.