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पिछले 4 महीनों में HOG तकनीक से दिल्ली मंडल ने बचाए 11.42 करोड़, करोड़ों बचाने हैं अभी बाकी

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया की तकनीक से उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने मई से अगस्त महीने तक कुल 11.42 करोड़ रुपये की बचत की है.

delhi division makes a record in HOG
दिल्ली मंडल ने बचाए 11.42 करोड़
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Published : Sep 3, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के कारण किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल अलग-अलग मायनों में रेलवे की वाहवाही करा चुका है. अब लॉकडाउन के बाद भी यही क्रम जारी है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हुए अपनाई गई हेड ऑन जनरेशन (HOG) तकनीक से रेलवे ने पिछले 4 महीनों में 11.42 करोड़ की बचत की है. वहीं रेल अधिकारियों का दावा है कि अभी करोड़ों बचाने बाकी हैं.

दिल्ली मंडल ने बचाए 11.42 करोड़


क्या होती है HOG तकनीक

दरअसल अभी तक ट्रेन में इंजन से अलग 2 पावरकार लगाए जाते हैं. एक पावरकार इंजन में बिजली पहुंचाने के काम आता है तो वहीं दूसरा पावर का ट्रेन के कोचों में एसी और लाइट की सुविधा मुहैया कराता है. हेड ऑन जनरेशन तकनीक से इंजन के बराबर में लगे पावर कार की ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर से ली गई बिजली का इस्तेमाल ही ट्रेन के अंदर पावर सप्लाई के लिए किया जाता है. इससे दूसरे पावर कार की जगह रेलगाड़ी में एक अतिरिक्त कोच लग सकता है. इस तरीके से जहां एक तरफ डीजल की खपत में बचत होती है और पर्यावरण संरक्षण होता है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रेन में अतिरिक्त सीटों का इंतजाम भी हो जाता है दिल्ली मंडल अभी के समय में कई गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहा है.

delhi division makes a record in HOG
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से बातचीत

4 महीने में बचाए 11.42 करोड़

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि तकनीक से उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने मई से अगस्त महीने तक कुल 11.42 करोड़ रुपये की बचत की है. इससे मुख्यतः प्राइमरी मेंटेनेंस और ऑपरेशन में बचत होती है, जबकि कार्बन एमीशन में भी गिरावट आती है.

delhi division makes a record in HOG
भारतीय रेल


महीने दर महीने बचाया गया ईंधन

मई-
मेंटेनेंस- 24.60
ऑपेरशन-506.70

जून-
मेंटेनेंस- 35.40
ऑपेरशन- 413.12

जुलाई-
मेंटेनेंस- 64.77
ऑपेरशन- 341.72

अगस्त-
मेंटेनेंस- 71.37
ऑपेरशन-300.04

बचत- 1757.715 किलोलीटर


दीपक कुमार कहते हैं कि HOG तकनीक से रेलवे आने वाले दिनों में खूब बचत करने वाली है जिसका सीधा फायदा रेल यात्रियों को होगा. वो कहते हैं कि एक तरह जहां इससे पर्यावरण संरक्षण होता है तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को पावर कार की जगह अतिरिक्त कोच लगने से अतिरिक्त सीटें भी मिल जाती है. जल्दी ही दिल्ली मंडल की सभी गाड़ियों के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल होगा.

नई दिल्ली: कोरोना के कारण किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल अलग-अलग मायनों में रेलवे की वाहवाही करा चुका है. अब लॉकडाउन के बाद भी यही क्रम जारी है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हुए अपनाई गई हेड ऑन जनरेशन (HOG) तकनीक से रेलवे ने पिछले 4 महीनों में 11.42 करोड़ की बचत की है. वहीं रेल अधिकारियों का दावा है कि अभी करोड़ों बचाने बाकी हैं.

दिल्ली मंडल ने बचाए 11.42 करोड़


क्या होती है HOG तकनीक

दरअसल अभी तक ट्रेन में इंजन से अलग 2 पावरकार लगाए जाते हैं. एक पावरकार इंजन में बिजली पहुंचाने के काम आता है तो वहीं दूसरा पावर का ट्रेन के कोचों में एसी और लाइट की सुविधा मुहैया कराता है. हेड ऑन जनरेशन तकनीक से इंजन के बराबर में लगे पावर कार की ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर से ली गई बिजली का इस्तेमाल ही ट्रेन के अंदर पावर सप्लाई के लिए किया जाता है. इससे दूसरे पावर कार की जगह रेलगाड़ी में एक अतिरिक्त कोच लग सकता है. इस तरीके से जहां एक तरफ डीजल की खपत में बचत होती है और पर्यावरण संरक्षण होता है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रेन में अतिरिक्त सीटों का इंतजाम भी हो जाता है दिल्ली मंडल अभी के समय में कई गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहा है.

delhi division makes a record in HOG
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से बातचीत

4 महीने में बचाए 11.42 करोड़

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि तकनीक से उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने मई से अगस्त महीने तक कुल 11.42 करोड़ रुपये की बचत की है. इससे मुख्यतः प्राइमरी मेंटेनेंस और ऑपरेशन में बचत होती है, जबकि कार्बन एमीशन में भी गिरावट आती है.

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भारतीय रेल


महीने दर महीने बचाया गया ईंधन

मई-
मेंटेनेंस- 24.60
ऑपेरशन-506.70

जून-
मेंटेनेंस- 35.40
ऑपेरशन- 413.12

जुलाई-
मेंटेनेंस- 64.77
ऑपेरशन- 341.72

अगस्त-
मेंटेनेंस- 71.37
ऑपेरशन-300.04

बचत- 1757.715 किलोलीटर


दीपक कुमार कहते हैं कि HOG तकनीक से रेलवे आने वाले दिनों में खूब बचत करने वाली है जिसका सीधा फायदा रेल यात्रियों को होगा. वो कहते हैं कि एक तरह जहां इससे पर्यावरण संरक्षण होता है तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को पावर कार की जगह अतिरिक्त कोच लगने से अतिरिक्त सीटें भी मिल जाती है. जल्दी ही दिल्ली मंडल की सभी गाड़ियों के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल होगा.

Last Updated : Sep 3, 2020, 10:17 PM IST
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