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रोहिणी के इस्कॉन मंदिर में प्रवेश से लेकर दर्शन तक के विशेष इंतजाम

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देशभर में पुरजोर तरीके से तैयारियां शुरू कर दी गई है. दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में इस पर्व के मद्देनजर विशेष रूप से सजावट की जा रही है.

इस्कॉन मंदिर रोहिणी
इस्कॉन मंदिर रोहिणी
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Published : Aug 18, 2022, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के रोहिणी में स्थित इस्कॉन मंदिर में भक्तों के प्रवेश से लेकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन तक के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. रोहिणी स्थित इस्कॉन मंदिर के 800 सेवादार जन्माष्टमी Janmashtami के मौके पर भक्तों की सेवा के लिए लगाए जाएंगे. कोरोना के मद्देनजर भी विशेष रूप से इंतजाम किए जा रहे हैं.

राजधानी दिल्ली के तमाम मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी shri krishna janmashtami को लेकर विशेष तैयारियां देखने को मिल रही है. कुछ ऐसा ही नजारा दिल्ली के रोहिणी स्थित इस्कॉन मंदिर में भी देखने को मिल रहा है. इस्कॉन मंदिर में भक्तों के प्रवेश से लेकर श्रीकृष्ण भगवान के दर्शन तक के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. इस्कॉन मंदिर के तमाम पदाधिकारी भक्तों की सेवा के लिए तैयार हैं और अभी से ही भक्तों का समर्पण भाव देखने को मिल रहा है. पूरे मंदिर को फूलों से सजाने की कवायद की जा रही है. मंदिर परिसर में भक्तों के प्रवेश के लिए 4 पंक्ति बनाई जा रही है, ताकि सभी भक्ति कतार में अपने आराध्य के दर्शन कर सके. पंक्ति से प्रवेश करते ही सामने एक स्टेज बनाया जा रहा है, जहां सभी भक्तों के अराध्य श्रीकृष्ण श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे.

इस्कॉन मंदिर रोहिणी
इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष केशव मुरारी दास ISKCON Temple President Keshav Murari Das ने बताया कि इस्कॉन मंदिर के 800 सेवादार जन्माष्टमी के मौके पर भक्तों की सेवा के लिए लगाए जाएंगे. यह तमाम सेवादार ना केवल व्यवस्था बनाने में जुटेंगे, बल्कि भक्तों की सुविधा में तैनात रहेंगे. साथ केशव मुरारी ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर भी यहां पर इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना महसूस हो. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण एक लंबे समय के अंतराल के बाद इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में भक्तों के उत्साह को देखते हुए यहां पर खास व्यवस्था की जा रही है.

हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर साल रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. जन्माष्टमी के उत्सव के दिन लोग विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं व भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण की झांकियां सजाई जाती है और भजन कीर्तन के साथ यह उत्सव मनाया जाता है.

बता दें, इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष नजारा देखने को मिलता है और इसी के मद्देनजर इस्कॉन मंदिर को विशेषतौर पर सजावट की तैयारिया की जा रही है. ऐसे में अब सभी भक्तों को 19 अगस्त का इंतजार है.

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नई दिल्ली: राजधानी के रोहिणी में स्थित इस्कॉन मंदिर में भक्तों के प्रवेश से लेकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन तक के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. रोहिणी स्थित इस्कॉन मंदिर के 800 सेवादार जन्माष्टमी Janmashtami के मौके पर भक्तों की सेवा के लिए लगाए जाएंगे. कोरोना के मद्देनजर भी विशेष रूप से इंतजाम किए जा रहे हैं.

राजधानी दिल्ली के तमाम मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी shri krishna janmashtami को लेकर विशेष तैयारियां देखने को मिल रही है. कुछ ऐसा ही नजारा दिल्ली के रोहिणी स्थित इस्कॉन मंदिर में भी देखने को मिल रहा है. इस्कॉन मंदिर में भक्तों के प्रवेश से लेकर श्रीकृष्ण भगवान के दर्शन तक के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. इस्कॉन मंदिर के तमाम पदाधिकारी भक्तों की सेवा के लिए तैयार हैं और अभी से ही भक्तों का समर्पण भाव देखने को मिल रहा है. पूरे मंदिर को फूलों से सजाने की कवायद की जा रही है. मंदिर परिसर में भक्तों के प्रवेश के लिए 4 पंक्ति बनाई जा रही है, ताकि सभी भक्ति कतार में अपने आराध्य के दर्शन कर सके. पंक्ति से प्रवेश करते ही सामने एक स्टेज बनाया जा रहा है, जहां सभी भक्तों के अराध्य श्रीकृष्ण श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे.

इस्कॉन मंदिर रोहिणी
इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष केशव मुरारी दास ISKCON Temple President Keshav Murari Das ने बताया कि इस्कॉन मंदिर के 800 सेवादार जन्माष्टमी के मौके पर भक्तों की सेवा के लिए लगाए जाएंगे. यह तमाम सेवादार ना केवल व्यवस्था बनाने में जुटेंगे, बल्कि भक्तों की सुविधा में तैनात रहेंगे. साथ केशव मुरारी ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर भी यहां पर इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना महसूस हो. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण एक लंबे समय के अंतराल के बाद इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में भक्तों के उत्साह को देखते हुए यहां पर खास व्यवस्था की जा रही है.

हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर साल रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. जन्माष्टमी के उत्सव के दिन लोग विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं व भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण की झांकियां सजाई जाती है और भजन कीर्तन के साथ यह उत्सव मनाया जाता है.

बता दें, इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष नजारा देखने को मिलता है और इसी के मद्देनजर इस्कॉन मंदिर को विशेषतौर पर सजावट की तैयारिया की जा रही है. ऐसे में अब सभी भक्तों को 19 अगस्त का इंतजार है.

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