नई दिल्ली: दिल्ली के छावला थाना इलाके में जब एक पिता ने अपने बेटे को कार खरीदने के पैसे नहीं दिए तो उसने अपने ही अपहरण की झूठी साजिश (son plotted his own kidnapping to buy car) रच डाली. इतना ही नहीं, उसने अपने पिता से दो लाख रुपये की फिरौती की भी मांग कर डाली. जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तब जाकर पूरी कहानी सामने आई.
बताया गया कि बेटा कार खरीदकर ओला कंपनी में टैक्सी चलाना चाहता था. उसने इसके लिए अपने पिता से कई बार पैसे मांगे, लेकिन वे पैसे देने के लिए तैयार नहीं हुए. पुलिस ने आरोपी को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है.
द्वारका डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि प्रेमचंद अपने परिवार के साथ नजफगढ़ के रोशन विहार में रहता है. 12 अक्टूबर को भाई रामकिशोर ने उसके अगवा होने की शिकायत छावला पुलिस थाने में दर्ज करवाई थी. रामकिशोर ने पुलिस को बताया कि उसके भाई प्रेमचंद ने फोन कर कहा है कि चार-पांच लोगों ने उसका अपहरण कर एक कमरे में बंद किया हुआ है. उसने यह भी बताया कि अपहरणकर्ताओं ने दो लाख रुपये की फिरौती की मांग की है.
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शिकायत के बाद पुलिस ने प्रेमचंद का नंबर सर्विलांस पर लगाया. इस दौरान मोबाइल की लोकेशन गुरुग्राम के धनकोट में पाई गई. जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो प्रेमचंद वहां से भागने लगा, जिस पर पुलिस ने उसका पीछा उसे दबोच लिया.
वहीं, पूछताछ में उसने अपना अपराध कुबूल कर लिया. प्रेमचंद ने बताया कि उसने मुंह पर कपड़ा रखकर आवाज बदली और घर पर फिरौती की मांग की थी, जिससे कि परिजनों को लगे कि उसका वाकई में अपहरण हुआ है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
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