नई दिल्ली: एम्स मेडिकल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन और मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज के मेडिकल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक वेबिनार सीरीज चल रही है. जिसमें देश भर के 800 सहभागी हिस्सा ले रहे हैं. मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के सोशियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रिंस अन्नादुरई चीफ ऑर्गनाइजर हैं. उन्होंने मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर्स की कम्युनिटी आउटरीच विषय पर अपनी बातें रखी.
सोशल सर्विस के लिए चलाई जा रही वेबिनार सीरिज
मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारियों की नई पौध हजारों की संख्या में हर वर्ष तैयार होती है. इन्हें किस तरह अपनी ड्यूटी निभानी है. इसको लेकर इन दिनों देश के सबसे बड़े अस्पताल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी राजीव मैखुरी जो एम्स मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन और डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल सोशल सर्विस मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई के साथ मिलकर एक वेबिनार सीरिज चला रहे हैं. इसका उद्देश्य एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करना है जिसमें शिक्षाविद जो सोशल वर्क स्टूडेंट को पढ़ाते हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रोफेशनल सोशल मेडिकल वेलफेयर अधिकारी के तौर पर एक प्लेटफार्म पर आए और अपने अनुभव साझा किए और अपने स्किल्स को नए स्टूडेंट के साथ शेयर किए.
कम्युनिटी आउटरीच टॉपिक पर चर्चा
इस तरह से क्वालिफाइड प्रोफेशनल मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर ने इस बात पर चिंतन किया कि उन्होंने जो सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त किया है उसका इस्तेमाल वह धरातल पर कैसे कर सकते हैं? मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर्स एंड कम्युनिटी आउटरीच टॉपिक पर इस सीरीज में चर्चा की गई. एम्स सोशल मेडिकल ऑफिसर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव मैखुरी चीफ ऑर्गेनाइजर है और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई के चीफ ऑर्गनाइजर डॉ. प्रिंस अन्नादुरई थे.
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रिंस अन्नादुरई ने बताया
इस वेबिनार में क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई के सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रिंस अन्नादुरई ने बताया कि सरकार की जितनी भी वेलफेयर प्रोग्राम है, उनको सही समय पर लागू कराने के लिए सोशल वेलफेयर कम्युनिटी कितनी कारगर है, कैसे हम जागरूकता फैलाते हैं? जरूरतमंद लोगों की किस तरह से मदद करते हैं? इस दौरान क्या-क्या व्यावहारिक समस्याएं आती है? किताबों में पढ़ी हुई चीजों को किस तरह से वास्तविक जीवन में उपयोग में लाना है? इन सभी विषयों के ऊपर मेरे वेबिनार में सार्थक चर्चा की गई.
कम्युनिटी आउटरीच विषय पर विस्तृत विचार रखें
डॉ. अन्नादुराई ने बताया कि कम्युनिटी आउटरीच प्रोग्राम के तहत देश और दुनिया भर के प्रोफेशनल हमारे साथ जुड़ रहे हैं. इस वेबिनार के जरिए पूरे देश भर से 800 से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स हिस्सा ले रहे हैं. जो एक बड़ी संख्या है. डॉ. प्रिंस अन्नादुरई ने बताया कि 'मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर की जिम्मेदारी अस्पताल की चारदीवारी के भीतर ही नहीं होती, बल्कि इसके बाहर भी उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी होती है. ये वो अधिकारी होते हैं जो हॉस्पिटल और सोसाइटी को आपस में जोड़े रखते हैं.'
हॉस्पिटल की चारदीवारी से निकलकर बाहर भी देखना चाहिए
डॉ. अन्नादुराई ने बताया कि 'एक मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी के तौर पर हमें हॉस्पिटल की चारदीवारी से निकलकर बाहर देखना चाहिए, क्योंकि कम्युनिटी ही हॉस्पिटल को रिसोर्सेज उपलब्ध करवाती है. हॉस्पिटल और कम्युनिटी एक दूसरे से जुड़े होते हैं और एक दूसरे पर निर्भर होते हैं.
तमिलनाडु के पूर्व सीएम के फेमस कोटेशन की चर्चा की
डॉ. प्रिंस ने कम्यूनिटी की विशेषता बताते हुए तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई के मशहूर कोट का जिक्र करते हुए कहा कि यह फेमस कोट चेन्नई के मरीना बीच पर एक स्टोन पर लिखा हुआ है. लोगों के पास जाएं. कम्युनिटी में जाएं. उनके साथ समय बिताएं. उनसे कुछ सीखें. उनके लिए काम करें. उनके साथ काम करें. जब तक हम उनकी मदद नहीं करेंगे तब तक उनका विकास नहीं होगा.