ETV Bharat / city

गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार - मानसिक रोग अस्पताल इहबास में भर्ती

नॉर्थ दिल्ली के सदर बाजार इलाके के सिंगाड़ा चौक में पुलिस ने एक अर्ध विक्षिप्त शख्स की गोद से मासूम बच्ची को बरामद किया. उससे बच्ची के बारे में जानकारी लेने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में पुलिस ने तफ्तीश करते हुए बच्ची और उस शख्स के बारे में पता लगा लिया.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
author img

By

Published : Feb 26, 2022, 4:40 PM IST

नई दिल्ली : नॉर्थ दिल्ली के सदर बाजार इलाके के सिंगाड़ा चौक में पुलिस ने एक अर्ध विक्षिप्त शख्स की गोद से मासूम बच्ची को बरामद किया. उससे बच्ची के बारे में जानकारी लेने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में पुलिस ने तफ्तीश करते हुए बच्ची और उस शख्स के बारे में पता लगा लिया. उस शख्स की पहचान बिहार के मधुबनी जिले के श्रवण मंडल के तौर पर हुई है. और बच्ची उसकी अपनी बेटी बताई जा रही है.

1 दिसंबर 21 को पुलिस को कॉल मिली. बताया गया कि कोई अज्ञात व्यक्ति जो पागलपन की हालत में है उसके पास एक बच्चा है, जिसकी उम्र लगभग 2 साल की है. ऐसा लगता है वह बच्चे को कहीं से उठाकर लाया है. उसने उस बच्चे को अपनी चादर के अंदर छुपाया हुआ है. सूचना मिलते ही सदर बाजार थाने से जांच अधिकारी ASI देवेंदर मौके पर पहुंचे. मौके पर देखा कf एक शख्स बच्चे को अपने से लिपटाए हुए है और उसे छोड़ ही नहीं रहा है. पुलिस बड़ी मुश्किल से उसे थाने ले गई.

गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार

पुलिस ने इस शख्श से बच्ची के बारे में जानकारी लेनी चाही. मगर पागलपन के चलते यह शख्स खामोश रहा. उसने न अपने बारे में बताया और न ही उस बच्चे की जानकारी दी. जब पुलिस हताश हो गई तो बच्चे को शिशु गृह`पालना' भेज दिया. अज्ञात शख्स को नार्थ-ईस्ट दिल्ली के मानसिक रोग अस्पताल इहबास में भर्ती करावा दिया गया है. मामले की जानकारी उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी के पास पहुंची. इस केस की खुलासे की जिम्मेदारी कम्प्यूटर सेल के इंचार्च ASI विनोद वालिया को सौंप दी गई है. विनोद वालिया और हवलदार आशीष इहबास पहुंचे. वहां के डॉक्टर्स से बातचीत हुई. इस मामले में ख़ास वजह उस 2 साल के बच्चे के बारे में जानकारी हासिल करना है. जो इस पागल व्यक्ति से ही मिल सकती है. कई दोनों तक इहबास के डॉक्टर्स इस व्यक्ति के इलाज में लगे रहे रहे.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार

तक़रीबन 12 दिनों के इलाज के बाद इस व्यक्ति की मानसिक स्तिथि में सुधार आना शुरू हुआ. इसने टुकड़ों में कुछ शब्द इहबास अस्पताल के डॉक्टरों को बताए. जब इन शब्दों को मिलाया गया तो उससे पता चला कि इस व्यक्ति का नाम श्रवण मंडल बताया व पिता का नाम रामेश्वर मंडल और गांव बेहला, जिला मधुबनी है. यह जानकारी डॉक्टरों द्वारा पुलिस को दे दी गई. पुलिस ने भी जब इससे पूछताछ की तो इसने अपने घर की लोकेशन कीर्तन भवन मंदिर के आसपास बताई.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार



13 दिसंबर इतनी जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस से सम्पर्क किया. उस गांव के थाना फूलप्राश इंचार्ज को मदद के लिए साथ लेकर चुनाव आयोग की वेब साइट से उस गांव की वोटर लिस्ट निकाल कर श्रवण मंडल के नाम को देखा गया. उस वोटर लिस्ट में श्रवण मंडल नाम के तीन लोग जो लगभग एक ही उम्र के थे. बिहार में दिल्ली पुलिस की टीम ने दिल्ली के इहबास अस्पताल से इसकी बिना दाड़ी की फोटो मंगाई. दिल्ली से इसकी शेव बनवाकर फोटो भेज दी. वोटर लिस्ट की दोबारा जांच की गई. श्रवण मंडल नाम के व्यक्ति जिन थानों के अंतर्गत आते थे. उस इलाके के तीनों ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDOs) से बात की गई. जिसमें फूलप्राश, झंझारपुर, घोघडिया नगर पंचायत से बातचीत हुई और उनसे सहयोग मांगा गया. इलाके के लोकल लोगों के नम्बर लिए गए जो जमीनी स्तर पर समाज सेवा या राजनीति से जुड़े हुए थे.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार



घोघडिया नगर, गांव बथना चौलाही के रहने वाले कामथ नाम के व्यक्ति को जब श्रवण मंडल की दाढ़ी वाली और बिना दाढ़ी की तस्वीरों को दिखाया गया तो उसने उसको पहचान लिया. उसने बताया कि तस्वीर वाला शख्स उसके गांव का रहने वाला है और 8 वर्ष पहले गांव छोड़कर चला गया था. श्रवण मंडल की पुरानी फोटो के साथ उसके पिता रामेश्वर मंडल की फोटो व अधारकार्ड भी मंगाया. कामथ ने बताया कि श्रवण मंडल की शादी भारती नाम की महिला से हुई थी. उसकी 8 और 10 वर्ष की 2 बेटियां हैं. श्रवण मंडल के भाई जयप्रकाश और जीजा अरुण जो अम्बाला में रहते थे. पुलिस ने फोटो भेजकर पहचान करवाई. पुलिस ने श्रवण मंडल के परिवार के पुराने फोटो ग्राफ भी मंगवा लिए. नार्थ डिस्ट्रिक्ट कम्प्यूटर सेल की टीम वापस दिल्ली के मानसिक रोग अस्पताल इहबास आई और श्रवण मंडल को उसके पिता, भाई और परिवार के लोगों के फोटो दिखाए जो उसने पहचान लिए.

इसे भी पढ़ें : 'हमारी दिल्ली को दिल्ली ही रहने दीजिए, कृपया इसे पेरिस मत बनाइए'
कुछ दिनों के बाद श्रवण मंडल का भाई और जीजा दिल्ली आए. उन्होंने पुलिस के सामने एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि श्रवण मंडल ने दिल्ली के मादीपुर में बंगाल की एक महिला से शादी कर ली थी. वह महिला इसे छोड़कर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ चली गई. जिस बच्चे को चादर में लपेटे पागलपन की हालत में यह पुलिस को मिला था. वह बच्चा शायद इसी का है. जिसको उस बंगाली महिला ने जन्म दिया था. उसके जाने के बाद यह मानसिक संतुलन खो बैठा. पुलिस को इतनी मशक्कत करने के बाद इस अज्ञात शख्स के बारे में जानकारी मिली. अभी यह तय नहीं हो पाया है कि वह बच्चा श्रवण मंडल का है या यह इस बच्चे को पागलपन में कहीं से उठाकर लाया है. पुलिस ने DNA टेस्ट के लिए बच्चे के और श्रवण मंडल के सैम्पल लैबोरेट्री भेज दिए हैं. अब पुलिस को DNA रिपोर्ट का इंतजार है. दिल्ली के इहबास अस्पताल में भर्ती श्रवण मंडल की मानसिक स्तिथि में सुधार के बाद पुलिस ने कोर्ट की इजाजत के बाद उसके परिवार के लोगों से मिलवाया और बाद में उनको सुपुर्द कर दिया.

नई दिल्ली : नॉर्थ दिल्ली के सदर बाजार इलाके के सिंगाड़ा चौक में पुलिस ने एक अर्ध विक्षिप्त शख्स की गोद से मासूम बच्ची को बरामद किया. उससे बच्ची के बारे में जानकारी लेने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में पुलिस ने तफ्तीश करते हुए बच्ची और उस शख्स के बारे में पता लगा लिया. उस शख्स की पहचान बिहार के मधुबनी जिले के श्रवण मंडल के तौर पर हुई है. और बच्ची उसकी अपनी बेटी बताई जा रही है.

1 दिसंबर 21 को पुलिस को कॉल मिली. बताया गया कि कोई अज्ञात व्यक्ति जो पागलपन की हालत में है उसके पास एक बच्चा है, जिसकी उम्र लगभग 2 साल की है. ऐसा लगता है वह बच्चे को कहीं से उठाकर लाया है. उसने उस बच्चे को अपनी चादर के अंदर छुपाया हुआ है. सूचना मिलते ही सदर बाजार थाने से जांच अधिकारी ASI देवेंदर मौके पर पहुंचे. मौके पर देखा कf एक शख्स बच्चे को अपने से लिपटाए हुए है और उसे छोड़ ही नहीं रहा है. पुलिस बड़ी मुश्किल से उसे थाने ले गई.

गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार

पुलिस ने इस शख्श से बच्ची के बारे में जानकारी लेनी चाही. मगर पागलपन के चलते यह शख्स खामोश रहा. उसने न अपने बारे में बताया और न ही उस बच्चे की जानकारी दी. जब पुलिस हताश हो गई तो बच्चे को शिशु गृह`पालना' भेज दिया. अज्ञात शख्स को नार्थ-ईस्ट दिल्ली के मानसिक रोग अस्पताल इहबास में भर्ती करावा दिया गया है. मामले की जानकारी उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी के पास पहुंची. इस केस की खुलासे की जिम्मेदारी कम्प्यूटर सेल के इंचार्च ASI विनोद वालिया को सौंप दी गई है. विनोद वालिया और हवलदार आशीष इहबास पहुंचे. वहां के डॉक्टर्स से बातचीत हुई. इस मामले में ख़ास वजह उस 2 साल के बच्चे के बारे में जानकारी हासिल करना है. जो इस पागल व्यक्ति से ही मिल सकती है. कई दोनों तक इहबास के डॉक्टर्स इस व्यक्ति के इलाज में लगे रहे रहे.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार

तक़रीबन 12 दिनों के इलाज के बाद इस व्यक्ति की मानसिक स्तिथि में सुधार आना शुरू हुआ. इसने टुकड़ों में कुछ शब्द इहबास अस्पताल के डॉक्टरों को बताए. जब इन शब्दों को मिलाया गया तो उससे पता चला कि इस व्यक्ति का नाम श्रवण मंडल बताया व पिता का नाम रामेश्वर मंडल और गांव बेहला, जिला मधुबनी है. यह जानकारी डॉक्टरों द्वारा पुलिस को दे दी गई. पुलिस ने भी जब इससे पूछताछ की तो इसने अपने घर की लोकेशन कीर्तन भवन मंदिर के आसपास बताई.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार



13 दिसंबर इतनी जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस से सम्पर्क किया. उस गांव के थाना फूलप्राश इंचार्ज को मदद के लिए साथ लेकर चुनाव आयोग की वेब साइट से उस गांव की वोटर लिस्ट निकाल कर श्रवण मंडल के नाम को देखा गया. उस वोटर लिस्ट में श्रवण मंडल नाम के तीन लोग जो लगभग एक ही उम्र के थे. बिहार में दिल्ली पुलिस की टीम ने दिल्ली के इहबास अस्पताल से इसकी बिना दाड़ी की फोटो मंगाई. दिल्ली से इसकी शेव बनवाकर फोटो भेज दी. वोटर लिस्ट की दोबारा जांच की गई. श्रवण मंडल नाम के व्यक्ति जिन थानों के अंतर्गत आते थे. उस इलाके के तीनों ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDOs) से बात की गई. जिसमें फूलप्राश, झंझारपुर, घोघडिया नगर पंचायत से बातचीत हुई और उनसे सहयोग मांगा गया. इलाके के लोकल लोगों के नम्बर लिए गए जो जमीनी स्तर पर समाज सेवा या राजनीति से जुड़े हुए थे.

small child recovered from possession of an anonymous person, waiting for DNA to identify innocent
गुमनाम शख्स के कब्जे से छोटा बच्चा बरामद, मासूम की पहचान के लिए DNA का इंतजार



घोघडिया नगर, गांव बथना चौलाही के रहने वाले कामथ नाम के व्यक्ति को जब श्रवण मंडल की दाढ़ी वाली और बिना दाढ़ी की तस्वीरों को दिखाया गया तो उसने उसको पहचान लिया. उसने बताया कि तस्वीर वाला शख्स उसके गांव का रहने वाला है और 8 वर्ष पहले गांव छोड़कर चला गया था. श्रवण मंडल की पुरानी फोटो के साथ उसके पिता रामेश्वर मंडल की फोटो व अधारकार्ड भी मंगाया. कामथ ने बताया कि श्रवण मंडल की शादी भारती नाम की महिला से हुई थी. उसकी 8 और 10 वर्ष की 2 बेटियां हैं. श्रवण मंडल के भाई जयप्रकाश और जीजा अरुण जो अम्बाला में रहते थे. पुलिस ने फोटो भेजकर पहचान करवाई. पुलिस ने श्रवण मंडल के परिवार के पुराने फोटो ग्राफ भी मंगवा लिए. नार्थ डिस्ट्रिक्ट कम्प्यूटर सेल की टीम वापस दिल्ली के मानसिक रोग अस्पताल इहबास आई और श्रवण मंडल को उसके पिता, भाई और परिवार के लोगों के फोटो दिखाए जो उसने पहचान लिए.

इसे भी पढ़ें : 'हमारी दिल्ली को दिल्ली ही रहने दीजिए, कृपया इसे पेरिस मत बनाइए'
कुछ दिनों के बाद श्रवण मंडल का भाई और जीजा दिल्ली आए. उन्होंने पुलिस के सामने एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि श्रवण मंडल ने दिल्ली के मादीपुर में बंगाल की एक महिला से शादी कर ली थी. वह महिला इसे छोड़कर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ चली गई. जिस बच्चे को चादर में लपेटे पागलपन की हालत में यह पुलिस को मिला था. वह बच्चा शायद इसी का है. जिसको उस बंगाली महिला ने जन्म दिया था. उसके जाने के बाद यह मानसिक संतुलन खो बैठा. पुलिस को इतनी मशक्कत करने के बाद इस अज्ञात शख्स के बारे में जानकारी मिली. अभी यह तय नहीं हो पाया है कि वह बच्चा श्रवण मंडल का है या यह इस बच्चे को पागलपन में कहीं से उठाकर लाया है. पुलिस ने DNA टेस्ट के लिए बच्चे के और श्रवण मंडल के सैम्पल लैबोरेट्री भेज दिए हैं. अब पुलिस को DNA रिपोर्ट का इंतजार है. दिल्ली के इहबास अस्पताल में भर्ती श्रवण मंडल की मानसिक स्तिथि में सुधार के बाद पुलिस ने कोर्ट की इजाजत के बाद उसके परिवार के लोगों से मिलवाया और बाद में उनको सुपुर्द कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.