नई दिल्ली: अगर आप रेलगाड़ी से सफर करते रहे हैं तो स्लीप कोच और लिंक सेवा के विषय में ज़रूर जानते होंगे. लिंक ट्रेन (सेवा) का कांसेप्ट दो अलग अलग जगह से आने वाली गाड़ियों को एक स्टेशन पर जोड़कर एक गंतव्य तक चलाना है, तो वहीं स्लीप कोच का सीधा मतलब एक लंबे रुट की गाड़ी में कुछ कोच बीच के किसी एक स्टेशन तक निर्धारित करना है. हालांकि उत्तर रेलवे अब इन दोनों ही सेवाओं को बंद करने जा रही है. नए टाइम टेबल के साथ कुल 8 गाड़ियों में फिलहाल ये सुविधा नहीं मिलेगी.रेल अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यह सेवा कई मामलों में यात्रियों के लिए सुविधाजनक होती है, लेकिन इससे रेलवे की ओवरऑल समय सारणी पर प्रभाव पड़ता है. वहीं हर रूट पर चल रही गाड़ियों की अधिकतम संख्या के बाद यात्रियों के लिए इसे बंद किया जा सकता है. रेलवे की नई टाइम टेबल में कई रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है. कई रेलगाड़ियों के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं. लिंक सेवा और स्लीप कोच की सेवा को भी हटाया जाएगा.
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उदाहरण के तौर पर, मौजूदा समय में दिल्ली देहरादून मसूरी एक्सप्रेस में तीन स्लीप कोच हरिद्वार तक के लगाए जाते हैं. गाड़ी जब हरिद्वार पहुंचती है तब यह कोच अलग कर दिए जाते हैं और फिर गाड़ी को देहरादून भेजा जाता है. इसी तरह कई अन्य गाड़ियां जब दो लगा अलग जगह से चलकर किसी एक जगह तक जाती हैं, तब उन्हें बीच के किसी एक स्टेशन पर जोड़ दिया जाता है. कई बार यात्रियों को रिज़र्वेशन भी उसी तरह से दिया जाता है. रेल अधिकारियों का मानना है कि इससे ऑपरेशन पर असर पड़ता है. कई मामलों में ये बेहतर विकल्प है, लेकिन कई जगहों पर इसे बंद किए जाने पर विचार किया जा रहा है. जिन गाड़ियों के सर्विस बंद करने की तैयारी हो रही है उसमें दिल्ली देहरादून मसूरी एक्सप्रेस, हरिद्वार ऊना हिमाचल जन शताब्दी एक्सप्रेस, वाराणसी देहरादून एक्सप्रेस, कालका श्रीगंगानगर, कोचुवेली देहरादून एक्सप्रेस, ओखा देहरादून एक्सप्रेस, मदुरई देहरादून एक्सप्रेस, हावड़ा देहरादून एक्सप्रेस, शामिल हैं. मौजूदा समय में इसका फायदा 10,000 से अधिक लोगों को मिलने का अनुमान है.