नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कई फेमस मार्केट हैं, जहां से लोग खरीदारी करना पसंद करते हैं, लेकिन दिल्ली की एक ऐसी मार्केट है, जहां के दुकानदार विदेशी ग्राहकों से उनकी ही भाषा में बात करते हैं. जी हां ! वह मार्केट दक्षिणी दिल्ली स्थित INA है. यह मार्केट इंपोर्टेड गुड्स एंड ग्रॉसरी के लिए फेमस मार्केट है. यहां आने वाला ग्राहक अधिकतर विदेशी होता है, इसके साथ ही बड़े-बड़े रेस्तरां, एंबेसी और VIP लोग इसी मार्केट से घर में इस्तेमाल होने वाले सामान, ताजा फल सब्जियां खरीदने आते हैं.
दक्षिणी दिल्ली स्थित INA मार्केट में घर में इस्तेमाल होने वाले हर एक सामान कपड़े से लेकर ताजा फल, सब्जियां और खास तौर पर इंपोर्टेड गुड्स एंड ग्रॉसरी, सी-फूड, ताजा नॉनवेज मिलता है.
मार्केट में मौजूद दुकानदार अशोक लूथरा ने बताया कि वह इस मार्केट में पिछले करीब 25 सालों से व्यापार कर रहे हैं और इस मार्केट में देसी विदेशी हर एक प्रकार का सामान उपलब्ध होता है. खास तौर पर इस मार्केट में अलग-अलग देशों से कस्टमर आते हैं. जापान, चीन, नाइजीरिया, फ्रांस, जर्मनी देशों से भी कस्टमर इस मार्केट में आते हैं. ऐसे में ग्राहकों से बात करने के लिए हमें उनकी भाषाएं भी आती हैं.
अशोक लूथरा ने बताया कि ग्राहकों से बात करते-करते ही आम बोलचाल वाली जापानी, चाइनीज, नाइजीरियन, फ्रेंच, जर्मन भाषाएं सीख ली, जिससे कस्टमर की बातें समझ जाते हैं और उसको जो सामान चाहिए होता है वह आसानी से उपलब्ध करा पाते हैं.
दिल्ली की आईएनए मार्केट की खासियत ये भी पढ़ें : कोरोना की दूसरी लहर से डगमगाया साइकिल व्यापार, अब ऐसी है हालात
कपड़ों का व्यापार करने वाले दुकानदार दीपक भूटानी ने बताया कि अधिकतर मार्केट में साउथ इंडिया, नाइजीरिया, अफ्रीका जगहों से कस्टमर आते हैं. ऐसे में कस्टमर से इंटरेक्शन करने के लिए उनकी भाषा समझ नहीं पाते थे. अब काफी सालों से कस्टमर से बात करते हुए उनकी भाषा समझने लगे हैं. अलग-अलग देशों की भाषाएं समझ आने लगी है. उन्होंने बताया कि भाषा सीखने के लिए उन्होंने कोई कोर्स नहीं किया, बल्कि लगातार विदेशी कस्टमर से बात करते-करते उन्हें भाषाओं का ज्ञान हो गया.
दुकानदार रखते हैं विदेशी भाषाओं का ज्ञान INA मार्केट का पूरा नाम इंडियन नेशनल एयरवेज मार्केट है, जिसे पहले इंडियन नेशनल आर्मी या एकेडमी मार्केट के नाम से भी जाना जाता है. बहुत कम लोग यह यह जानते हैं कि INA मार्केट का नाम एक प्राइवेट एयरलाइंस के नाम पर है जो कि बाद में इंडियन एयरलाइंस का ही हिस्सा हो गई थी. इसके बाद इसका नाम इंडियन नेशनल एयरवेज किया गया. घर में इस्तेमाल होने वाले सामान ये भी पढ़ें : फिर खुला सरोजिनी नगर मार्केट, कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के कारण हुआ था बंद
मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश भूटानी ने बताया 1964 में यह मार्केट अलॉट की गई थी और उस समय यहां आर्मी कैंप हुआ करता था. यहां आर्मी के लोग रहते थे. इसीलिए इस मार्केट को इंडियन नेशनल आर्मी के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में यह हिस्सा एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप दिया गया. इसके बाद इस मार्केट का नाम बदला गया, लेकिन अभी भी अधिकतर लोग इंडियन नेशनल आर्मी यानी INA के नाम से ही इसे जानते हैं.