नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार की जांच करने की बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने अगली सुनवाई 15 नवंबर को करने का आदेश दिया है.
बीते नौ अक्टूबर को कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान ACB के जांच अधिकारी बृजेश मिश्रा ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी और कहा था कि इस शिकायत पर जांच शुरू करने के लिए सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जांच अधिकारी ने कहा था कि वो अनुमति लेने की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे.
मनोज तिवारी ने शिकायत की है कि उन्होंने केंद्र सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में PWD विभाग की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. ये सात अस्पताल शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, GTB, सरिता विहार और रघुबीर नगर में स्थित हैं. इन अस्थायी अस्पतालों के निर्माण के लिए एक ही कंपनी सैम इंडिया बिल्डवेल प्राईवेट लिमिटेड को ठेका देने में पक्षपात किया गया.
इस कंपनी को 1256 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया जबकि इन अस्पतालों को बनाने में अनुमानित लागत 1216 करोड़ रुपये थी. ये भी ठेका बिना दिल्ली सरकार की अनुमति के एक ही दिन में दे दिया गया.