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कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में उठाना पड़ा खामियाजा- संदीप कपूर - दिल्ली

वरिष्ठ निगम पार्षद संदीप कपूर ने कहा कि जब पूरे दिल्ली में कोरोना महामारी का संकट था, तब हमारे कर्मचारियों ने जी-जान से काम किया. लेकिन कुछ निगम कर्मचारी ऐसे हैं जो सिर्फ दफ्तर आते हैं. हाजरी लगाते हैं और चले जाते हैं. ऐसे कर्मचारियों के कारण ही निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में नुकसान उठाना पड़ा है.

Senior Corporation Councilor Sandeep Kapoor talks about EDMC swachh survekshan ranking
ईडीएमसी स्टाफ स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग संदीप कपूर दिल्ली दिल्ली सरकार
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Published : Sep 1, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में पूर्वी दिल्ली नगर निगम देश भर में 46वें स्थान पर रहा था. जिसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी शासित नगर निगम पर निशाना साधा था. वहीं इस पूरे मामले पर कई निगम नेताओं का कहना है कि कर्मचारियों की लापरवाही के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में गिरावट आई है. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद और पूर्व स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष संदीप कपूर से खास बातचीत की.

वरिष्ठ निगम पार्षद संदीप कपूर
'कुछ कर्मचारी हैं लापरवाह'

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए वरिष्ठ पार्षद संदीप कपूर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण निगम का नहीं बल्कि शहर का सर्वेक्षण है. यह किसी निगम के ऑफिस में नहीं बल्कि शहर की साफ-सफाई कैसी है, कूड़े का निस्तारण किस ढंग से होता है, क्या जो कूड़ा शहर से जनरेट होता है क्या वह लैंडफिल साइट पर जाता है. इन सब बातों का सर्वेक्षण है.


कर्मचारियों की लापरवाही से जुड़े सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि जब पूरे दिल्ली में कोरोना महामारी का संकट था, तब हमारे कर्मचारियों ने जी-जान से काम किया. कुछ निगम कर्मचारी ऐसे हैं जो सिर्फ दफ्तर आते हैं. हाजरी लगाते हैं और चले जाते हैं. ऐसे कर्मचारियों के कारण ही निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में नुकसान उठाना पड़ा है.


'इंदौर मॉडल से नहीं कर सकते तुलना'

इंदौर मॉडल से तुलना के सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि हम इंदौर मॉडल की बात करते हैं. इंदौर जीरो वेस्ट सिटी है. वहां जितना कूड़ा जनरेट होता है, उसे सेग्रीगेट करके प्लास्टिक-कपड़ा अलग भेजा जाता है. वहीं जो गीला कूड़ा है, उससे खाद बनाई जाती है. जिससे वो जीरो वेस्ट क्रिएट होता है.

पूर्वी दिल्ली नगर निगम जब तक उस दिशा में कदम नहीं बढ़ाएगा, तब तक वह स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता. घर-घर से जो कूड़ा इकट्ठा होता है जब तक उसे हम अलग-अलग नहीं करेंगे. तब तक हम बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते.


'इंफ्रास्ट्रक्चर की है कमी'

आधारभूत संरचना के सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम पूरे देश के अंदर सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाली जगह है. यहां प्रति स्क्वायर किलोमीटर 46000 लोग रहते हैं जो कि किसी भी शहर में नहीं है. इतनी घनी आबादी के लिए सिस्टम बहुत अच्छे होने चाहिए.

लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख है कि हमारे यहां जो सिस्टम चल रहे हैं वह काफी पुराने हैं. जैसे घरों से कूड़ा उठाना, फिर ढलाव घर में कूड़ा फेंकना. जिससे पूरे इलाके में दुर्गंध फैली रहती है. हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है और कहीं न कहीं दिल्ली सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है. क्योंकि उनके द्वारा हमें पर्याप्त फंड नहीं दिया जा रहा है. जिस कारण हम अपने आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं कर पा रहे हैं.

नई दिल्ली: स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में पूर्वी दिल्ली नगर निगम देश भर में 46वें स्थान पर रहा था. जिसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी शासित नगर निगम पर निशाना साधा था. वहीं इस पूरे मामले पर कई निगम नेताओं का कहना है कि कर्मचारियों की लापरवाही के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में गिरावट आई है. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद और पूर्व स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष संदीप कपूर से खास बातचीत की.

वरिष्ठ निगम पार्षद संदीप कपूर
'कुछ कर्मचारी हैं लापरवाह'

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए वरिष्ठ पार्षद संदीप कपूर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण निगम का नहीं बल्कि शहर का सर्वेक्षण है. यह किसी निगम के ऑफिस में नहीं बल्कि शहर की साफ-सफाई कैसी है, कूड़े का निस्तारण किस ढंग से होता है, क्या जो कूड़ा शहर से जनरेट होता है क्या वह लैंडफिल साइट पर जाता है. इन सब बातों का सर्वेक्षण है.


कर्मचारियों की लापरवाही से जुड़े सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि जब पूरे दिल्ली में कोरोना महामारी का संकट था, तब हमारे कर्मचारियों ने जी-जान से काम किया. कुछ निगम कर्मचारी ऐसे हैं जो सिर्फ दफ्तर आते हैं. हाजरी लगाते हैं और चले जाते हैं. ऐसे कर्मचारियों के कारण ही निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में नुकसान उठाना पड़ा है.


'इंदौर मॉडल से नहीं कर सकते तुलना'

इंदौर मॉडल से तुलना के सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि हम इंदौर मॉडल की बात करते हैं. इंदौर जीरो वेस्ट सिटी है. वहां जितना कूड़ा जनरेट होता है, उसे सेग्रीगेट करके प्लास्टिक-कपड़ा अलग भेजा जाता है. वहीं जो गीला कूड़ा है, उससे खाद बनाई जाती है. जिससे वो जीरो वेस्ट क्रिएट होता है.

पूर्वी दिल्ली नगर निगम जब तक उस दिशा में कदम नहीं बढ़ाएगा, तब तक वह स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता. घर-घर से जो कूड़ा इकट्ठा होता है जब तक उसे हम अलग-अलग नहीं करेंगे. तब तक हम बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते.


'इंफ्रास्ट्रक्चर की है कमी'

आधारभूत संरचना के सवाल पर संदीप कपूर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम पूरे देश के अंदर सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाली जगह है. यहां प्रति स्क्वायर किलोमीटर 46000 लोग रहते हैं जो कि किसी भी शहर में नहीं है. इतनी घनी आबादी के लिए सिस्टम बहुत अच्छे होने चाहिए.

लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख है कि हमारे यहां जो सिस्टम चल रहे हैं वह काफी पुराने हैं. जैसे घरों से कूड़ा उठाना, फिर ढलाव घर में कूड़ा फेंकना. जिससे पूरे इलाके में दुर्गंध फैली रहती है. हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है और कहीं न कहीं दिल्ली सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है. क्योंकि उनके द्वारा हमें पर्याप्त फंड नहीं दिया जा रहा है. जिस कारण हम अपने आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं कर पा रहे हैं.

Last Updated : Sep 1, 2020, 4:49 PM IST
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