नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल से नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद से विरोध शुरू हो गया है. लोकसभा में पेश होने से पहले ही एसडीपीआई ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और इस बिल को असंवैधानिक करार दिया.
'धर्म की बुनियाद पर लाया जा रहा बिल'
SDPI के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शरफुद्दीन ने कहा कि साल 2016 में भी सरकार ने ये बिल लाने की कोशिश की थी लेकिन वो फेल हो गई थी. ये बिल धर्म की बुनियाद पर लाया जा रहा है. ये पूरी तरह से असंवैधानिक हैं. हम सभी विपक्षी दलों से अपील करते हैं कि इस बिल का पुरजोर विरोध करें.
'हिन्दुओं का धर्मशाला बनाना चाहती सरकार'
SDPI के राष्ट्रीय महासचिव तस्लीम रहमानी ने कहा कि सरकार भारत को हिन्दुओं का धर्मशाला बनाना चाहती है. ये सरकार सांप्रदायिकता की नीति पर चल रही है. भारत के पड़ोसी देश सिर्फ चीन और पाकिस्तान ही नहीं हैं बल्कि श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देश भी हैं, जहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं. दुनिया के किसी भी देश में इस तरह की नागरिकता नहीं है, ये बिल्कुल यहूदियों की तरह है, जिन्हें कहा गया था कि वो इजरायल में जाकर बस जाएं.