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महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बनी सरिता कश्यप, हो रही सराहना

सरिता कश्यप ने साढे तीन महीने पहले 9 दिसंबर को पीरागढ़ी में राजमा चावल के फूड स्टाल की शुरुआत की थी. जिसे वह खुद अकेले अपने दम पर चला रही हैं और उनकी इस छोटी ही सही लेकिन हौसले से भरपूर कहानी को लोग सराह रहे हैं.

Sarita Kashyap became the new example of women empowerment
Sarita Kashyap became the new example of women empowerment
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Published : Mar 16, 2020, 3:34 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिम विहार के क्षेत्र में रहने वाली सिंगल मदर सरिता कश्यप ने तकरीबन साढे 3 महीने पहले अपने निजी जीवन के अंदर एक बड़ा कदम उठाया. एक नई शुरुआत की जिसे अब काफी लोग सराहा रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर भी सरिता कश्यप के इस कदम को काफी वाह-वाही हो रही है.

पश्चिम विहार की सरिता बनी मिसाल

दरअसल सरिता कश्यप ने साढे तीन महीने पहले 9 दिसंबर को पीरागढ़ी में राजमा चावल के फूड स्टाल की शुरुआत की थी. जिसे वह खुद अकेले अपने दम पर चला रही हैं और उनकी इस छोटी ही सही लेकिन हौसले से भरपूर कहानी को लोग सराह रहे हैं. सरिता कश्यप अब महिला सशक्तिकरण की नई पहचान बनके सामने आई हैं.


सरिता बनी मिसाल


ईटीवी भारत की टीम सरिता कश्यप से उनकी प्रेरणा के स्त्रोत के बारे में बातचीत करने के लिए पीरागढ़ी गई और उनसे बातचीत की. उन्होंने बताया कि सिंगल पैरंट के लिए काफी मुश्किल होता है अपने बच्चों को पालना लेकिन मैं हार मानकर नहीं बैठी. साथ ही कहा हां कभी-कभी रोना आता था लेकिन मैं अकेले में रोई किसी के सामने नहीं.

उन्होंने कहा कि बचपन से ही मेरी आइडियल किरण बेदी रही है और मैं ऐसा कुछ करना चाहती थी कि मेरी अपनी पहचान हो और उसी के लिए मैंने एक फूड स्टॉल की शुरुआत की है. अपने फूड स्टाल के माध्यम से मैं गरीब लोगों ओर गरीब बच्चों को फ्री में खाना खिलाती हूं. जिनके पास खाने के पैसे तो छोड़िए रहने के लिए घर भी नहीं है उन्हों मैं खाना खिलाती हुं. सरिता ने कहा कि मैं डिजिटल मीडिया का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे नई पहचान दी है.

नई दिल्ली: पश्चिम विहार के क्षेत्र में रहने वाली सिंगल मदर सरिता कश्यप ने तकरीबन साढे 3 महीने पहले अपने निजी जीवन के अंदर एक बड़ा कदम उठाया. एक नई शुरुआत की जिसे अब काफी लोग सराहा रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर भी सरिता कश्यप के इस कदम को काफी वाह-वाही हो रही है.

पश्चिम विहार की सरिता बनी मिसाल

दरअसल सरिता कश्यप ने साढे तीन महीने पहले 9 दिसंबर को पीरागढ़ी में राजमा चावल के फूड स्टाल की शुरुआत की थी. जिसे वह खुद अकेले अपने दम पर चला रही हैं और उनकी इस छोटी ही सही लेकिन हौसले से भरपूर कहानी को लोग सराह रहे हैं. सरिता कश्यप अब महिला सशक्तिकरण की नई पहचान बनके सामने आई हैं.


सरिता बनी मिसाल


ईटीवी भारत की टीम सरिता कश्यप से उनकी प्रेरणा के स्त्रोत के बारे में बातचीत करने के लिए पीरागढ़ी गई और उनसे बातचीत की. उन्होंने बताया कि सिंगल पैरंट के लिए काफी मुश्किल होता है अपने बच्चों को पालना लेकिन मैं हार मानकर नहीं बैठी. साथ ही कहा हां कभी-कभी रोना आता था लेकिन मैं अकेले में रोई किसी के सामने नहीं.

उन्होंने कहा कि बचपन से ही मेरी आइडियल किरण बेदी रही है और मैं ऐसा कुछ करना चाहती थी कि मेरी अपनी पहचान हो और उसी के लिए मैंने एक फूड स्टॉल की शुरुआत की है. अपने फूड स्टाल के माध्यम से मैं गरीब लोगों ओर गरीब बच्चों को फ्री में खाना खिलाती हूं. जिनके पास खाने के पैसे तो छोड़िए रहने के लिए घर भी नहीं है उन्हों मैं खाना खिलाती हुं. सरिता ने कहा कि मैं डिजिटल मीडिया का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे नई पहचान दी है.

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