नई दिल्ली: रेलवे ने अपने फ़्रंटलाइन कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराकर उनमें संक्रमण फैलने की रिस्क को कम कर लिया है. रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स के जवानों के अलावा रेलवे के तमाम कर्मचारी इसमें शामिल हैं. जिन्होंने पहली लहर के दौरान महामारी को दरकिनार कर अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाया.
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ख़ुद को फ्रंटलाइन वर्कर मानते कुछ कर्मचारी
हालांकि मौजूदा समय में रेलवे के ही कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो ख़ुद को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए वैक्सीनेशन में प्रायोरिटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इन्हीं में शामिल हैं रेलवे का टिकट चेकिंग स्टाफ़.
टिकट चेकिंग करने वालों को कोरोना का ख़तरा
इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ़ ऑर्गनाइजेशन ने इस संबंध में मांग उठायी है. यूनियन का कहना है कि पहली लहर के दौरान किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में रेलगाड़ियों का परिचालन बंद होने के चलते टिकट चेकिंग स्टाफ़ बेशक़ रिस्क में नहीं था. लेकिन मौजूदा समय में रेलगाड़ियां भी चल रही है और तमाम राज्यों से यात्री भी आ रहे हैं. ऐसे में टिकट चेकिंग करने वालों के लिए भी महामारी का ख़तरा कम नहीं है.
चेकिंग स्टाफ़ को वैक्सीनेशन की सख़्त ज़रूरत
ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन कुमार राय कहते हैं कि मौजूदा समय में टिकट चेकिंग स्टाफ़ को वैक्सीनेशन की सख़्त ज़रूरत है. रेलवे को इसके लिए कोई समाधान निकालना चाहिए. वो कहते हैं कि इसके लिए कई नेताओं से पैरवी लगवाई गई है. लेकिन इस सम्बंध में कोई फ़ैसला नहीं लिया गया. राय कहते हैं कि आने वाले दिनों में उनका संगठन इस मांग को ज़ोर शोर से उठाएगा.
इसी संबंध में सवाल करने की कोशिश की गई
उधर रेलवे अधिकारियों से जब इसी संबंध में सवाल करने की कोशिश की गई तब रेल मंत्रालय में प्रेस एंड कम्युनिकेशन के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डी जे नारायण से सम्पर्क नहीं हो पाया है. नारायण से इस संबंध में भेजे गए संदेश का भी खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया है.